मोह नहीं, जरूरत के लिए ली गाड़ी और वो भी भारतीय कंपनी की: गोविंद ठाकुर

गोविंद ठाकुर

शिमला।। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से मंत्री के लिए खरीदी गई टाटा हैरियर गाड़ी को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि उन्हें गाड़ी का कोई मोह नहीं है, जरूरत के कारण यह गाड़ी ली है। उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी गाड़ी कंडम हो चुकी थी, इस कारण नई गाड़ी लेनी पड़ी है।

शिक्षा मंत्री ने कहा गाड़ी की खरीद को पॉजिटिव साइड से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंत्री के लिए एक वाहन से काम करना संभव नहीं होता। वहीं, गाड़ी खरीदने वाले विभाग का कहना है कि गाड़ी के लिए पहले ही मंजूरी मिल गई थी, अब जाकर खरीद की प्रक्रिया पूरी हुई है।

‘एक गाड़ी मंत्री के लिए पर्याप्त नहीं’
गोविंद ठाकुर ने कहा कि उनके पास जो गाड़ी थी, वह कंडम थी और ढाई लाख किलोमीटर चल चुकी थी। उसकी मेनटेनेंस में ज्यादा खरच आ रहा था। उन्होंने कहा, “मंत्री के लिए एक गाड़ी से काम करना संभव नहीं हो पाता है और दूसरा वाहन जरूरी होता है।”

‘स्वदेशी गाड़ी ली’
जरूरत का हवाला देते हुए गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि गाड़ी खरीदते वक्त यह कोशिश की गई है कि वह प्रचलिय गाड़ियों से सस्ती हो और मेड इन इंडिया हो ताकि हम स्वदेशी को भी प्रमोट कर सकें। उन्होंने कहा कि भारत में बनी टाटा कंपनी की गाड़ी खरीदी है, इनोवो क्रिस्टा या होंडा जैसी गाड़ी नहीं ली। हालांकि, मंत्री के पास पहले से फॉर्च्यूनर भी है जो मूलत: जापानी कंपनी टोयोटा की है।

फॉर्च्यूनर, इनोवा क्रिस्टा होने के बावजूद शिक्षामंत्री के लिए खरीदी नई SUV

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