महेंद्र सिंह ठाकुर पर फिर लगा सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग का आरोप

सरकाघाट।। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक व वर्तमान सरकार के वरिष्ठ मंत्री के परिवार के लिए प्रदेश सरकार खासी मेहरबान नज़र आ रही है। सूचना के अधिकार क़ानून के तहत पता चला है कि हिमाचल सरकार के वरिष्ठ मंत्री महेंद्र सिंह को जो चार सरकारी गाड़ियां मुहैया कराई गई हैं, उनमें से एक गाड़ी नंम्बर एच पी-63डी 0001 बागवानी विभाग ने उपलब्ध करवाई है। इस गाड़ी की लॉग बुक की दैनिक डिटेल आरटीआई के तहत ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने हासिल की है।

इससे पता चला है कि लॉग बुक पर इस गाड़ी का उपयोग मन्त्री के स्टाफ़ के नाम से दर्शया गया है और लॉग बुक को मंत्री के निजी सचिव द्वारा सत्यापित किया गया है। इस तरह देखा जाए तो मन्त्री के स्टाफ़ ने इस गाड़ी से 29 दिसंबर 2018 से लेकर 5 जनवरी 2020 तक 12 महीने आठ दिन में कुल 59251 किलोमीटर सफ़र किया है। सरकार के नियमों के आधार पर तेल व गाड़ी की रिपेयर पर पांच लाख रुपये से अधिक खर्च हुए हैं।

इसके अलावा मन्त्री के पास दो गाड़ियां जिनके नम्बर एच पी 07ई -0006 और एच पी 07 एच 0006 हैं, वे हिमाचल सरकार के जीएडी विभाग की हैं। इनके अलावा एक और गाड़ी आईपीएच विभाग की भी है। आरोप है कि जीएडी विभाग की गाड़ियों के नंम्बर एक जैसे ही हैं ताकि देखने वालों को इसकी पहचान न हो सके।

भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि वास्तव में बागवानी विभाग की गाड़ी मन्त्री के बेटे के दैनिक प्रयोग व अन्य राजनीतिक कार्यो के लिए इस्तेमाल हो रही है जिसके बारे पहले भी मुद्दा उठा है औऱ मीडिया में भी सार्वजनिक हुआ है। उन्होंने कहा, “आर्थिक रूप से तंगी झेल रही सरकार ने एक मन्त्री को नियमों के विपरीत इतनी गाड़ियां क्यों दी हैं, इसका कोई कारण नहीं बताया जा रहा है। बागवानी विभाग की गाड़ी की लॉग बुक स्टाफ़ के नाम पर भरी गई है जबकि गाड़ी का इस्तेमाल मन्त्री का परिवार करता है।”

भूपेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि उन्होंने मंत्री को दी गई दूसरी गाड़ियों की लॉग बुक की डिटेल भी आरटीआई से हासिल की है और पता चलता है कि उनका इस्तेमाल भी सरकार की शर्तों के अनुसार नहीं हुआ है।

दरअसल किसी भी मन्त्री को हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ़ से एक सरकारी और एक सबन्धित विभाग की गाड़ी इस्तेमाल करने की ही अधिसूचना जारी हुई है। भूपेंद्र ने कहा, “आईपीएच व बागवानी तथा सैनिक कल्याण मंत्री को मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर ने दो सरकारी तथा दो विभगीय गाड़ियां क्यों दी हैं, इस बारे उन्हें सार्वजनिक तौर पर जनता को बताना चाहिए। सरकारी गाड़ियों के प्रयोग के बारे में जो नियम निर्धारित हैं, उनके अनुसार ही आवंटन किया जाना चाहिए और ये जो दुरुपयोग किया जा रहा है इसपर रोक लगनी चाहिए।”

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