अखबार ने फैला दी ज्वालामुखी में शेर दिखने की अफवाह

शिमला।। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में कुछ लोग फेसबुक औए व्हाट्सऐप पर एक वीडियो शेयर कर रहे हैं जिसमें एक शेरनी दहाड़ती नजर आ रही है। साथ में दावा किया जा रहा है कि यह ज्वालाजी का वीडियो है। एक अखबार ने तो अपने पेज पर इस वीडियो को शेयर करते हुए इसे आस्था से जोड़ दिया।

शेर (lion) भारत में सिर्फ और सिर्फ गुजरात में पाए जाते हैं। एक समय अन्य इलाकों में भी इनका विस्तार था मगर अब ये गुजरात में ही हैं। ऐसे में यह वीडियो भी गिर नैशनल पार्क से लगते किसी इलाके का है। फिर भी लोग जानकारी के अभाव में आंख मूंदकर इसे शेयर कर रहे हैं।

अखबार ने फर्जी वीडियो शेयर करते समय आस्था का सहारा लिया है ताकि लोग तुरन्त इसे शेयर करें। लिखा है, “आपने तस्वीरों में देखा अथवा भजनों में सुना होगा कि शेर मां दुर्गा का वाहन है। ज्वालामुखी मंदिर के मझीण गांव में रात को स्थानीय लोगों ने जब एक शेर को देखा तो उनकी आस्था और मजबूत हो गई।”

आगे पूरे विश्वास के साथ लिखा है, “आपको बता दें कि इस क्षेत्र में तेंदुआ तो पाया जाता है, लेकिन शेर पहली बार देखा गया। प्राणी विज्ञान के लिए यह शोध का विषय है।”

अख़बार का यह दावा भ्रामक और गैरजिम्मेदाराना है। शोध का विषय यह नहीं कि ज्वालामुखी में शेर कैसे दिखा। शोध का विषय यह है कि मीडिया भी कैसे लाइक्स शेयर के लालच में अफवाहों को बढ़ाता है।

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