कंगना रणौत की मांग, हिमाचल में सैमुअल स्टोक्स के नाम पर बने स्मारक

शिमला।। बॉलीवुड की पंगा क्वीन अभिनेत्री कंगना रणौत एक बार फिर सुर्खियों में आई है। कंगना ने सीएम जयराम ठाकुर से किसी स्मारक या लैंडमार्क का नाम सैमुअल स्टोक्स के नाम पर रखने की मांग की है। कंगना ने इस बारे में अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखी है। कौन है सैमुअल स्टोक्स? यह भी आपको बताएंगे। लेकिन उससे पहले पढ़िए कंगना ने अपनी फ़ेसबुक पोस्ट में क्या लिखा है।

कंगना ने लिखा है कि सैमुअल स्टोक्स भारतीय नहीं थे, लेकिन उन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और ब्रिटिश सरकार के देशद्रोह के आरोपों का सामना किया। वह एक अमीर अमेरिकी क्वेकर परिवार से थे, उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया, संस्कृत सीखी, हिंदू बने, एक स्कूल स्थापित किया और हिमाचल प्रदेश में सेब लाए।

वह आगे लिखती हैं कि हिमाचली किसानों की ज्यादातर कमाई सेब के बागों से होती है, लेकिन उनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। मैं हमारे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी से अनुरोध करती हूं कि हिमाचल में एक प्रमुख स्थल का नाम श्री सैमुअल स्टोक्स के नाम पर रखे। हमें यह उपकार स्वयं पर करना चाहिए। क्योंकि सैमुअल ने जीवन भर हिंदू धर्म का पालन किया और पितृपूजा (पूर्वजों के लिए आभार) का हमारी संस्कृति में सर्वोच्च महत्व है और हमें इस व्यक्ति को अपना सम्मान देना चाहिए। उसके कार्य, कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता आज तक हिमाचल में लाखों लोगों को रोजगार दे रही है।

कौन हैं सैमुअल स्टोक्स

साल 1905 में सैमुअल इवांस स्टोक्स नाम का एक युवक अमेरिका से हिमाचल आया था। स्टोक्स ने शिमला के लोगों को बीमारी और रोजी-रोटी से जूझते हुए देखा। यह देखकर उन्होंने यहीं पर रहकर लोगों की सेवा करने का निर्णय कर लिया। इसके बाद स्टोक्स ने यहीं पर स्थानीय युवती से शादी कर ली और आर्य समाजी बन गए। इसके साथ ही उन्होंने अपना नाम भी बदलकर सत्यानंद स्टोक्स रख लिया। कोटगढ़ में उस दौर में स्कूल भी खोला था।

स्टोक्स ने साल 1916 में अमेरिका से रेड डेलीशियस प्रजाति का पौधा लाकर कोटगढ़ की थानाधार पंचायत के बारूबाग में सेब का पहला बगीचा तैयार किया। इसके बाद जल्द ही कोटगढ़ से यह प्रजाति प्रदेश के दूसरे इलाकों में भी फैल गई। इसकी अन्य उन्नत किस्में प्रदेश में बड़े पैमाने पर लगाई गई।

हालांकि स्टोक्स को सेब की खेती के बारे में जानकारी नहीं थी। वे किताबों से पढ़कर इसकी खेती करने लगे। स्टोक्स ने दो बीघा जमीन पर सेब के पौधे लगाए थे। 1921 में जब इस बगीचे में सेब के पौधे फल देने लगे तो स्टोक्स ने बगीचे का एरिया बढ़ा दिया। 1930 के दशक के शुरू में गोल्डन सेब के पौधे भी लगा दिए गए। 1946 में सत्यानंद स्टोक्स की मृत्यु हो गई थी। बता दें कि सैमुअल स्टोक्स हिमाचल कांग्रेस की दिग्गज नेता, पूर्व मंत्री और विधायक विद्या स्टोक्स के ससुर थे।

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