रो पड़े चेतन बरागटा, बोले- मुझे तो आप लोगों ने खत्म ही कर दिया

Courtesy: FB

शिमला।। जुब्बल कोटखाई से बीजेपी की ओर से नीलम सरैक को टिकट देने के बाद दिवंगत नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन बरागटा ने नाखुशी जाहिर की है। गुम्मा में आयोजित एक कार्यक्रम में बरागटा समर्थकों ने पार्टी के प्रति नाराजगी जताई और टिकट बदलने की मांग की। चेतन से पहले बोलने वाले लोगों का कहना था कि टिकट अगर चेतन को नहीं देना था तो पार्टी के किसी कर्मठ कार्यकर्ता को दे देते, क्यों कांग्रेस के साथ मिलकर बीजेपी को कमजोर करने वाली शख्सियत को दिया गया।

इस दौरान कई लोग भावुक भी नजर आए तो कुछ ने खुलकर गुस्सा जताया। जब चेतन बरागटा बोलने आए तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता क्या पैमाना है परिवारवाद का। लेकिन मुझे पता है टिकट का क्या पैमाना क्या है। जो कांग्रेस के साथ बैठकर संगठन को कमजोर कर रहा था, उसे टिकट मिला।”

‘कम से कम रिस्पेक्ट तो देते’
चेतन ने कहा, “मुझे कोई शौक नहीं है चुनाव लड़ने का। आपने कहा, शीर्ष नेतृत्व ने कहा। मैं हरिद्वार से आया ही था तो मुझे निर्देश मिला, फील्ड पर जाओ। ऐसी बेइंसाफी मेरे साथ की। पहले ही बोल देथे। कम से कम रिस्पेक्ट तो देते मुझे। आपने मेरे नहीं, उस नेता के बारे में सोचा होता जो स्वर्ग में हैं।”

“जिस व्यक्ति ने अपनी जान पार्टी के लिए दी। चुनावों के लिए उन्हें जाने का आदेश न दिया होता, उन्हें कोरोना न हुआ होता, न आज ये स्थिति पैदा होती। न आज ये उपचुनाव होता। क्यों? इसका उत्तर तो देना पड़ेगा। पहले ही कम से सम बता देते कि एक पैमाना बना है कि नेता के बेटे को टिकट नहीं देना है तो आपको नहीं मिलेगा।”

चेतन ने पूछा, “मेरा क्या कोई योगदान नहीं रहा पार्टी के लिए? नरेंद्र बरागटा के योगदान के बारे में सोचा होता? कितना अन्याय तीन चार साल से हमारे परिवार के साथ होता। हम फिर भी जूझते रहे। मैं किसी की निंदा नहीं कर रहा। हमारे नेता नरेंद्र मोदी जी हैं, हमासे नेता जयराम ठाकुर जी हैं। मगर मेरा सवाल शीर्ष नेतृत्व से जरूर बनता है।”

रो पड़े चेतन
लोगों को संबोधित करते हुए चेतन बरागटा भावुक हो उठे। नाम लिए बिना उन्होंने सरैक पर निशाना साधा और कहा, “शिमला में बैठकर,  उन्होंने कॉफ़ी हाउस की कॉफियां पी-पीकर पार्टी की आलोचना की। कुछ सकारात्मक काम नहीं किया। यहां के संगठन को कमजोर करने की कोशिश की। कुछ नेता इनसे मिले हुए थे। आज बहुत दुख होता है।”

“मुझे तो आप लोगों ने खत्म ही कर दिया”
चेतन ने रुंधी आवाज में कहा, “मुझे तो आप लोगों ने खत्म कर दिया। मैं किस मुह से घर जाऊँगा? मेरी मदर बोलती हैं, मुझे जयराम ठाकुर जी से बात करनी है कि क्यों ऐसा किया हमारे परिवार के साथ। क्या गलती थी हमारी? क्योंकि हम हमेशा अनुशासन में रहे?”

चेतन बरागटा ने कहा, “कितने उदाहरण दे सकता हूं मैं जब अनुशासन की धज्जियां उड़ीं, आपने (संगठन ने) कोई ऐक्शन नहीं लिया। और आज नॉमिनेशन का आखिरी दिन बच गया था, तब मुझे बोला- थैंक्यू एंड गेट लॉस्ट।

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री जी, मैं आपका बहुत आदर सम्मान करता हूं। लेकिन कारण तो आपको बताना पड़ेगा। चेतन बरागटा को आप साइड में रखिए पर हमारे किसी कर्मठ कार्यकर्ता को टिकट दीजिए। टिकट तो आपको बदलनी पड़ेगी। हम नहीं सहेंगे। बिल्कुल नहीं सहेंगे।”

आखिर में चेतन ने कहा, “पिताजी एडमिट थे, इसके बाद भी मैं संगठन का काम करता रहा। आज परिवारवाद बना दिया गया। क्यों मुझे इस तरह से बेइज्जत किया गया? कृपया अपने फैसले पर विचार करें, यह आत्मघाती कदम है। हमने-आपने पार्टी को सींचा है। हम किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। मैं शीर्ष नेतृत्व के पास जाऊंगा। और अगर यह परिवारवाद है तो मुझे गर्व है कि मैं नरेंद्र बरागटा का बेटा हूं।”

चेतन ने जनता से कहा कि अगर टिकट नहीं बदला तो जो आप कहेंगे, वही मैं करूंगा।

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