अधूरी स्कीम के पैसे से मंत्री महेंद्र सिंह के घर के पास बना करोड़ों का आलीशान भवन

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सरकाघाट, रितेश चौहान, फ़ॉर इन हिमाचल।। वर्ष 2009 से बन रही बहरी ध्वाली मढ़ी सिंचाई योजना भले ही किसानों के खेत तर न कर पाई हो लेकिन इसके पैसे से जलशक्ति विभाग के अफसरों ठेकेदारों और पार्टी कार्यकर्ताओं को आराम करने व सोने बैठने के लिए एक आलीशान किसान भवन जरूर बन गया है। यही नहीं, इसके रखरखाव का ठेका भी कथित तौर पर राजनीतिक रसूख रखने वाले व्यक्ति को दिया गया है।

32.21 करोड़ से बनने वाली इस योजना पर विभाग अब तक पूरा नहीं कर पाया है लेकिन मुख्यमंत्री के जन्मदिन 24 जनवरी को इसे जनता को समर्पित कर दिया गया। हैरानी की बात है कि 2016 तक इस योजना में ध्वाली में बनाए गये किसान भवन के नाम पर भव्य रेस्ट हाउस का कोई भी जिक्र तक नहीं था लेकिन 2017 में जलशक्ति मंत्री बनते ही मंत्री महेंद्र सिंह ने सबसे पहले अपने घर के पास रेस्ट हाउस बनाने पर जोर दिया।

आरोप है कि इसके निर्मित होने के तुरंत बाद इसके रखरखाव का जिम्मा भी अपने साले को 10 लाख में दिलवा दिया ताकि सरकारी पैसा अपनों के बीच घूमता रहे। हालाँकि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद किसानों के हिस्से कुछ नहीं आया लेकिन मंत्री जी के घर के साथ ज़रूर आलीशान किसान भवन बन गया। अफसरों को आरामगाह मिल गई और साले साहब को रोजगार।

विपक्ष का कहना है कि खुद को ईमानदार कहलाने वाले मुख्यमंत्री जयराम का सब जानते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना समझ से परे है।किसान के खेत सूखे हैं वह किसान भवन में जाकर आराम करे।इसके रखरखाव के लिए सालाना साढ़े नौ लाख रुपये मंत्री के साले सुरेश कुमार को दिए जाते हैं।

यह अलग बात है कि ग़रीब किसान ने कभी इस भवन में पैर नहीं रखे है। अब सवाल यह है कि लोगों के खेत तो सूखे हैं, खेती होगी नहीं तो किसान भवन में आराम किया जाए या सरकारी तंत्र को कोसा जाए। हैरानी इस बात की है कि 10 वर्ष पूर्व भाजपा सरकार में 2 फरवरी 2009 को इस योजना का पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने शिलान्यास किया था। उन्होंने 3 साल में योजना पूरी करने की घोषणा की थी परंतु 10 साल बीत जाने बाद भी 7 करोड़ अधिक बजट खर्च करने बाद भी योजना आज तक पूरी नहीं की जा सकी है।

हालाँकि इस आधी अधूरी योजना काजल्दबाज़ी में 24 जनवरी 2020 को धर्मपुर दौरे पर आए सीएम जयराम से उद्धघाटन भी करवा दिया गया, परंतु योजना आज तक अधूरी है। बताते चलें कि धर्मपुर मंडल के तहत बहरी-धवाली-मढ़ी उठाऊ सिंचाई योजना वर्ष 2009 में 32 करोड़ 21 लाख रुपये की स्वीकृत हुई थी। लेकिन दस साल में भी ये स्कीम पूरी नहीं हुई है और इस पर अभी तक 40 करोड़ 78 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं जो स्वीकृत बजट से ज्यादा है।

ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इस सिंचाई योजना से बीस गांवों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की योजना विभाग ने बनाई है लेकिन स्वीकृत बजट खत्म हो गया है लेकिन अभी पानी बीस में से एक भी गावँ को उपलब्ध नहीं हुआ है और पिछले तीन सालों से केवल रेस्ट हाउस बनाने के काम में ही प्रगति हुई है।जो विभाग और विभाग के मन्त्री की प्राथमिकता और कर्यप्रणाली को दर्शाता है। जिसमें दस साल में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है लेकिन अपने घर के नज़दीक आलीशान रेस्ट हाउस बना दिया गया।

हालांकि वर्तमान सरकार में जलशक्ति विभाग के मन्त्री भी धर्मपुर से ही बने हैं बाबजूद इस स्कीम के काम में कोई तेज़ी नहीँ आयी है और न ही सुधार हुआ है। इस योजना के तहत आने वाले कई गांवों के लिए तो उद्धघाटन के 9 माह बाद भी पाईप लाईन भी नहीं डाली गई है। पाईप लाईन कितनी मजबूत है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है की जब टेस्टिंग की गई तो पाईपें फट गई।

हिमाचल किसान सभा खण्ड कमेटी धर्मपुर ने इस अब तक अधूरी पड़ी सिंचाई योजना को जल्द पूरा करके किसानों के लिए पानी उपलबध करने की मांग की है। ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने ये भी बताया कि इस योजना के अंतर्गत विभाग व मन्त्री ने एक आलीशान रेस्ट हाउस बना दिया और इस योजना का अधिकांश पैसा उस पर खर्च कर दिया है और इसका संचालन भी ठेकेदार के माध्यम से शुरू कर दिया गया है जिसके लिए एक वर्ष का ठेका दस लाख रुपये का दे दिया गया है।

भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि किसानों के नाम पर औऱ किसानों के लिएसिंचाई योजना के स्वीकृत बजट में से जिस रफ़्तार से ये रेस्ट हाउस बनाया गया है उस रफ़्तार से सिंचाई योजना का काम विभाग व मन्त्री कियूँ नहीँ कर रहे हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि असल में इस स्कीम में एक किसान भवन के निर्माण के लिए कुछ धनराशी का प्रावधान किया गया था लेकिन पौने तीन साल पहले वर्तमान सरकार मे जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने इसे अपने घर के साथ आलीशान रेस्ट हाउस में तबदील करवा दिया और इस योजना को नजरंदाज करके अधिकतर पैसा इस विश्राम गृह पर खर्च करवा दिया और इसका काम युद्धस्तर पर करवा कर पूरा भी कर दिया है।

जबकि रेस्ट हाउस का फ़ायदा किसानों के बजाए नेताओं, ठेकेदारों औऱ अधिकारियों को ही होगा लेक़िन बजट किसानों के नाम पर खर्च कर दिया गया है।हिमाचल किसान सभा खण्ड कमेटी और ज़िला पार्षद ने इस सिंचाई योजना को जल्दी पूरा करने की मांग की है और यदि सिंचाई योजना का पैसा रेस्ट हाउस में लगाया गया है तो इसकी जांच करने की भी मांग की है।

कांग्रेस की सरकार के दौरान महेंद्र सिंह शिकायत लेकर राज्यपाल के पास जा पहुंचे थे, आज उसी कंपनी को करोड़ों के ठेके- चंद्रशेखर
कांग्रेस नेता चंद्रशेखर का कहना है कि महेंद्र सिंह को कांग्रेस सरकार के समय इस योजना में भ्रष्टाचार नजर आता था। योजना में देरी और घटिया पाइपों की शिकायत लेकर वह राज्यपाल के पास पहुंच गए थे।हैरानी की बात है कि आज वही कंपनी मंत्री की मनपसंद कंपनी है।यूनीप्रो को जलशक्ति मंत्री के इशारे पर करोड़ों के ठेके दिए गए हैं।अंदरखाते क्या डील है यह वही बता सकते हैं लेकिन इस कंपनी की वजह से आज बहरी और मढ़ी के सैंकड़ों किसान पानी से महरूम है।आज क्वालिटी इतनी अच्छी है कि पाइपें योजना चलाते ही फट जाती है जिसका उदाहरण अप्रैल माह में इसकी पाइप फटने से पानी में बह गई दो किसान महिलाएं थीं जो स्थानीय लोगों की हिम्मत से बचा ली गई थीं।

क्या कहता है विभाग
“धवाली किसान भवन धवाली में बनाए जाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। इसके रखरखाव के लिए सुरेश कुमार पुत्र नारायण सिंह गांव कमलाह को सालाना साढ़े 9 लाख में अधिकृत किया गया है।“
– राकेश पराशर, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग, भराड़ी (धर्मपुर)

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