हिमाचल में अपहरण के 75% मामलों में स्कूली छात्राएं हुईं शिकार

शिमला।। अपहरण की घटनाएं देश में होती ही रहती है। हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। कुछ मामले तो दर्ज हो जाते हैं लेकिन कई मामले दर्ज भी नहीं हो पाते। हिमाचल प्रदेश की बात करें तो पिछले साल प्रदेश में अपहरण के करीब 344 मामले दर्ज किए गए थे। ये मामले प्रदेश के अलग-अलग जिलों में दर्ज हुए थे। सबसे अधिक मामले शिमला जिला में दर्ज हुए थे। अधिकारियों द्वारा इनमें से 283 मामलों का विश्लेषण किया गया।

विश्लेषण में सामने आया कि 283 मामलों में से 213 नाबालिग लड़कियों से जुड़े थे। ये भी सामने आया कि ऐसे ज्यादातर मामले प्रेम-प्रसंग से सम्बंधित थे। अधिकतर मामलों में लड़की स्वेच्छा से अपने साथी के साथ थी। लेकिन लड़की के नाबालिग होने का कारण अपरहण के मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद अब सरकार युवाओं के लिए काउंसलिंग पर भी विचार कर रही है।

इसके साथ ही उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने विभाग के अधिकारियों के साथ डेटा साझा करते हुए उन्हें लड़कियों को जागरूक करने के लिए कहा है। साथ ही कार्यवाही की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं।

अगर पिछले कुछ सालों की बात करें तो प्रदेश में 2018 में अपहरण के 476 मामले, 2019 में 454 मामले और 2020 में 344 मामले दर्ज हुए। हालांकि ये मामले कुछ कम जरूर हुए हैं लेकिन आंकड़ा अभी भी बहुत ज़्यादा है।

इस पूरी अवधि के दौरान, शिमला जिला में कुल 252 मामले दर्ज हुए जो प्रदेश में सबसे अधिक हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर मंडी जिला रहा जहाँ 226 मामले सामने आए और कांगड़ा में भी 203 मामले दर्ज किए गए।

इस बारे एसपी शिमला मोहित चावला ने कहा कि हालांकि ज्यादातर मामले प्रेम-प्रसंग के कारण भाग जाने से संबंधित थे। जिसमें लड़की स्वेच्छा से अपने साथी के साथ थी। लेकिन ज्यादातर लड़कियों के नाबालिग होने के मामले दर्ज किए गए थे। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में महिला एवं बाल विकास विभाग को युवाओं की काउंसलिंग करने के लिए कहा गया है।

SHARE