अनुराग ठाकुर की उपलब्धि पर भावुक हुए छोटे भाई अरुण, बताई एक खास बात

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इन हिमाचल डेस्क।।

हमीरपुर के सांसद और HPCA के प्रमुख अनुराग ठाकुर आज बीसीसीआई के अध्यक्ष बन गए। इस पद को संभालने वाले अनुराग सबसे युवा व्यक्ति हैं। उनकी इस उपलब्धि पर अनुराग के छोटे भाई अरुण धूमल ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए बड़े भाई के BCCI अध्यक्ष पद तक पहुंचने के सफर का वर्णन किया है।

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अरुण धूमल ने 1993 से इस सफर का उल्लेख किया है। बतौर अरुण 1993 में उन्होंने (अरुण ने ) मैकेनिकल इंजिनियरिंग की डिग्री में प्रवेश लिया था। उसी दौरान उनके पिताजी प्रेम कुमार धूमल दूसरी बार हमीरपुर सीट से सांसद चुने गए थे। अरुण लिखते हैं कि उनके बड़े भाई अनुराग ठाकुर उस समय मात्र 19 वर्ष के थे और पंजाब रणजी टीम का हिस्सा थे। वह कहते हैं- वो प्रथम समय था, जब पंजाब ने रणजी ट्रोफी अपने नाम की थी। उसके बाद अनुराग ठाकुर ने अंडर 19 टीम में नार्थ इंडिया को लीड किया और अंडर 19 भारत की राष्ट्रीय टीम के सदस्य भी रहे, जो इंग्लैंड के खिलाफ एक श्रृंखला में खेली।

अरुण आगे बताते हैं कि उनके पिता धूमल जी जब राजनीति में व्यस्त हो गए और वह भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए आ गए। ऐसे में पारिवारिक कारोबार को संभालने के लिए अनुराग ठाकुर को क्रिकेट से किनारा करना पड़ा। अरुण धूमल कहते हैं अगर अपने परिवार के लिए उनके बड़े भाई यह बलिदान नहीं देते तो वो आने वाले समय में टीम इंडिया का हिस्सा भी हो सकते थे। आगे लिखते हुए अरुण धूमल इस बात का उल्लेख भी करते हैं कि कैसे मात्र 25 साल की उम्र में अनुराग ने HPCA को खड़ा किया और देश के भीतर एक छोटी सी स्टेट हिमाचल प्रदेश का नाम क्रिकेट के आकाश तक पहुंचाया।

धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम को बनाने में अनुराग ठाकुर के योगदान और प्रदेश के दो खिलाडियों ऋषि धवन और सुषमा वर्मा के अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचने की उपलब्धियों का का ज़िक्र करते हुए अरुण धूमल लिखते हैं कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके भाई के आलोचकों ने हमेशा उनकी उपलब्धियों को परिवारवाद से जोड़ा। अरुण लिखते हैं की उनके पिता प्रेम कुमार धूमल का क्रिकेट के क्षेत्र में अनुराग की उपलब्धियों में कोई रोल नहीं रहा, उलटे उनके भाई अनुराग ठाकुर ने अपने बढ़ते क्रिकेट करियर को परिवार की परिस्थितयों के आगे कुर्बान कर दिया। इसी के साथ अरुण अनुराग की इस उपलब्धि को उन लोगों को समर्पित करते हैं, जिन्होंने जीवन में कभी हार नहीं मानी और आगे बढ़ते गए।

यहां क्लिक करके पढ़ें, कैसे HPCA प्रमुख रहते हुए अनुराग ठाकुर ने हिमाचल की टीम की तरफ से बतौर कैप्टन एक रणजी मैच खेला, वह भी बिना ट्रायल दिए।

( जानकारी अरुण धूमल की फेसबुक टाइमलाइन से साभार)