शिमला।। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के बेटे विक्रमादित्य और प्रदेश सराकर जनता के पैसे के दुरुपयोग के आरोप में घिरते जा रहे हैं। फेसबुक पर सरकार की मुहर वाले वीडियो का मुद्दा उठने के बाद अब उन्हें डिलीट करके हकीकत छिपाने की कोशिश की जा रही है। यह मामूली मुद्दा नहीं है क्योंकि सरकार की मुहर को हर कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता। विक्रमादित्य के फेसबुक पेज और शिमला ग्रामीण की प्रोफाइल से उन वीडियोज़ को हटा दिया गया है जिनमें हिमाचल सरकार की सील को लोगो की तरह इस्तेमाल किया गया था। उस वीडियो में विक्रमादित्य के शिमला ग्रामीण दौरे का प्रमोशन किया गया था। इससे पता चलता है कि कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ है। अगर सब कुछ पारदर्शी था तो वीडियो क्यों हटाया गया?
…मगर इस वीडियो हटाना भूल गए
गौरतलब है कि विक्रमादित्य की शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं और ऐसे में यह वीडियो उसी के लिए बनाया गया लगता है। उस वीडियो को तो हटा दिया गया, मगर एक और वीडियो है जो सवाल खड़े करता है कि कि विक्रमादित्य के प्रमोशन के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल तो नहीं हो रहा। (हम किस बारे में बात कर रहे हैं, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें) हमने शिमला ग्रामीण की फेसबुक प्रोफाइल खंगाली तो उसमें इसी तरह का वीडियो बना मिला जिसमें कुछ दिन पहले विक्रमादित्य के संगठन द्वारा शिमला में करवाए गए क्रिकेट टूर्नमेंट का प्रमोशन किया गया था। गौरतलब है कि यह सराकारी टूर्नमेंट नहीं था इसलिए इसके प्रमोशन में सरकार अपने पैसे से वीडियो नहीं बना सकती और न ही निजी स्तर पर बनाए गए वीडियो में सरकार की ऑफिशल सील इस्तेमाल हो सकती है। मगर इसमें विक्रमादित्य की तारीफ की गई है और हिमाचल सरकार का लोगो लगा है।
वॉइस ओवर करने वाला शख्स वही है जो जिसकी आवाज पिछले वीडियो में सुनाई देती है (जिसका बिना लोगो वाला वर्जन अभी भी पब्लिश है)। अब शक और गहरा जाता है कि इन दोनों वीडियो में सरकारी पैसा इस्तेमाल तो नहीं हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री वीरभद्र के पेज पर जो वीडियो सरकार के कामकाज का बखान करने के लिए बना है, उसमें भी इसी शख्स की आवाज (वॉइस ओवर है)। इससे पहले कि इश वीडियो को भी हटाया जाए, आप खुद देख लें कि सरकारी नीति का प्रमोशन है जनता के लाभ के लिए विक्रमादित्य का प्रमोशन है उनके राजनीतिक लाभ के लिए-
‘इन हिमाचल’ ने मुद्दा उठाया था कि शिमला ग्रामीण नाम की फेसबुक प्रोफाइल और हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और हिमाचल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य के पेज पर एक वीडियो शेयर हुआ है जिसमें हिमाचल सरकार की मुहर यानी ऑफिशल सील लगी हुई थी। इसका मतलब यह हो सकता था कि हिमाचल सरकार ने इस वीडियो को बनाया हुआ हो, क्योंकि सरकार ही इस आधाकारिक मुहर को इस्तेमाल कर सकती है। चूंकि उस वीडियो में सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के बजाय विक्रमादित्य का प्रचार-प्रसार किया जा रहा था, उसमें आधिकारिक मुहर का इस्तेमाल गलत था। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार कभी भी किसी पार्टी के रानजीतिक नेता के प्रचार प्रसार में अपनी मुहर इस्तेमाल नहीं कर सकती क्योंकि सत्ता में कोई भी हो, सरकार निष्पक्ष संवैधानिक संस्था होती है।
ऐसे में या तो सवाल उठते थे कि अपने से ही इस लोगो को लगा दिया गया है या फिर हिमाचल सरकार ने जनता के पैसे से निजी प्रमोशन वाला वीडियो तैयार किया है। मगर मामला उठते ही शिमला ग्रामीण नाम के पेज और विक्रमादित्य दोनों ने अपनी फेसबुक से उन वीडियोज़ को गायब कर दिया है, जिनमें लोगो इस्तेमाल हुआ था। इससे पता चलता है कि पकड़े जाने पर सबूत मिटाने की कोशिश हो रही है। मगर इन हिमाचल से पास न सिर्फ उन विडियोज़ का स्क्रीनशॉट है बल्कि ूपरे के पूरे वीडियो उसकी शेयरिंग आईडी के साथ मौजूद हैं।