महिला आयोग की सदस्य ने सरकार और पुलिस पर उठाए कई प्रश्न

शिमला।। शिमला में हुए रेप ऐंड मर्डर केस को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने वीरभद्र सरकार और हिमाचल पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस ने जांच में जिस तरह से बदलाव किए, वह शक के घेरे में है। उन्होंने सीएम के फेसबुक पेज से फोटो शेयर होने और फिर हटाए जाने को लेकर भी सवाल किए और पूछा कि आखिर इस मामले में क्या कार्रवा हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री की पत्नी प्रतिभा सिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने पुलिस हिरासत में मारे गए आरोपी सूरज की पत्नी के हवाले से भी कई जानकारियां सार्वजनिक कीं। उन्होंने कहा कि पूरे केस में अधिकारियों के तबादले करके सिर्फ खानापूर्ति की गई है।

 

मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज को लेकर उठाए सवाल
महिला आयोग की सदस्य ने कहा कि इस केस को लेकर मुख्यमंत्री के फेसबुक से कुछ लोगों की फोटो अपलोड हुई और फिर वे क्यों हटाई गई। उन्होंने कहा कि फोटो हटाने के क्या कारण थे, क्योंकि मामला नाजुक था। उनका कहना था कि जिसने उनकी फेसबुक पर गलत फोटो अपलोड की, उनके खिलाफ मुख्यमंत्री ने क्या कार्रवाई की। क्या उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार आखिर किसे बचाना चाहती है।

प्रतिभा सिंह पर भी साधा निशाना
साहू ने मुख्यमंतरी वीररभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह पर भी प्रश्न उठाए। उन्होंने कहा कि प्रतिभा गुड़िया के घर गई थीं तो उन्होंने उनके परिजनों से कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और वे सीबीआई जांच की मांग न करें। साहू ने बताया कि गुड़िया की बहन ने बताया कि प्रतिभआ ने सीबीआई जांच की मांग न करने को कहा था। साहू ने पूछा कि प्रतिभा ने ऐसा क्यों कहा। प्रतिभा को सीबीआई से क्यों डर था? वे किसे बचाना चाहती थी?

‘एडीजी को पता नहीं कि डीजीपी कहां हैं’
महिला आयोग की सदस्य ने पुलिस के रवैये को लेकर भी प्रशअन किए। उन्होंने कहा कि जब मामले की जानकारी के लिए डीजीपी को बुलाया गया तो एडीजीपी वहां पहुंचे। जब पूछा गया कि डीजीपी कहां हैं तो वह बता नहीं पाए। साहू ने कहा कि इतने हाइ प्रोफाइल मामले के आरोपियों के नाम तक एजीजी को पता नहीं थे।

‘पूरी दाल ही काली है’
साहू ने कहा कि पुलिस के पास अनसुलझे सवालों के जवाब नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लगता है कि यहां तो दाल ही काली है। पुलिस अपनी किसी भी थ्योरी को प्रूव करने के लिए ठोस सबूत या जवाब नहीं दे पाई। उन्होंने पूछा कि लाश जिस जगह थी, वहां संघर्ष के कोई निशआन नहीं हैं। लाश साफ सुथरी थी। आबादी के पास शव मिला तो शोर किसी ने क्यों नहीं सुना। साथ ही गुड़िया की एक जुबार जो आरोपी के घर से बरामद होने की बात सामने आई थी, वह मामला गायब कहां हो गया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर भी सवाल
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर भी साहू ने प्रश्न किए। उन्होंने कहा कि जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट कहती है कि बच्ची ने मौत से दो घंटे पहले चावल खाए हैं और रिपोर्ट में कहा गया कि मौत 4 जुलाई को 4 से 5 बजे के बीच हुई और लाश सुबह 6 जुलाई को मिली। पोस्टमॉर्टम 7 को हुआ। ऐसे में प्रश्न उठता है कि पेट में चावल वैसे के वैसे कैसे थे। गुड़िया के गले में ताजा निशान थे। अगर उसकी मौत 4 को हुई तो निशान ताजा कैसे रहते। गुड़िया के पिता ने कहा कि टांग और बाजू भी टूटी थी और गला दबाने के निशान थे। इतने समय तक क्या कोई जानवर या कुत्ता शव के पास नहीं गया, लाश पर एक मक्खी तक नहीं लगी, ऐसा कैसे हो सकता है। अब इन सवालों के जवाब सीबीआई ढूंढेगी।

‘सूरज की बुरी तरह हुई थी पिटाई’
साहू ने कहा कि पुलिस हिरासत में मारे गए आरोपी की पत्नी ममता ने कहा है कि पुलिस पूछताछ के लिए सूरज को ले गई थी। वापस आया तो उसे इतनी बुरी तरह मारा गया गया था कि पूरा शरीर सूजा था। सूरज ने ममता को बताया था कि पुलिसवालों ने शराब पीकर उसे मारा है। महिला आयोग की सदस्य ने प्रश्न किया कि पुलिस कस्टडी में सूरज को राजू ने कैसे मार दिया। पुलिस उस वक्त क्या कर रही थी। साहू ने कहा कि ममता ने कहा कि वह अपने पति के साथ 4 से 6 जुलाई को दिहाड़ी पर थी और राजू 5 को मां के इलाज के लिए आईजीएमसी आया था। इन तथ्यों की जांच हो सकती है।

‘हिमाचल से 4 सालों से नहीं आई मामलों की स्टेटस रिपोर्ट’
साहू ने कहा कि आयोग हर साल होने वाली घटनाओं की जानकारी और स्टेटस रिपोर्ट के लिए प्रदेश पुलिस को लेटर लिखता है मगर साल 2013 से लेकर अब तक पुलिस ने एक भी मामले की ऐक्शन टेक रिपोर्ट नहीं भेजी है। उन्होंने कहा कि पुलिस को सिर्फ शिमला से ही 16 ऐसे मामलों की सूची भेजी गई है जिसका जवाब अभी तक नहीं आया है। उन्होंने कहा कि पुलिस इन मामलों में ऐक्शन टेकन रिपोर्ट उपलब्ध करवाए।

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