गुड़िया केस: CBI ने नहीं करवाया रसूखदार संदिग्ध का डीएनए टेस्ट

शिमला।। कोटखाई रेप ऐंड मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई पिछले पांच महीनों से भी ज्यादा वक्त में हाई कोर्ट से मोहलत पर मोहलत मांग रही मगर अभी तक वह गुनहगारों तक पहुंचने में कामयाब होती नहीं दिखती। मगर इस बीच एक ऐसी जानकारी सामने आई है जो चौंकाने वाली है। खबर है कि सीबीआई ने एक रसूखदार संदिग्ध को सरकारी गवाह बनाया है और उसका डीएनए टेस्ट नहीं करवाया है। और अब यह खबर भी सामने आई है कि सीबीआई ने कातिलों का सुराग देने वाले को इनाम देने की घोषणा करके दिल्ली लौटने का फैसला किया है और ज्यादातर सदस्य लौट भी गए हैं।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक गुड़िया के गुनहगारों को पकड़ने के लिए सीबीआई ने 1 हजार लोगों के ब्लड सैंपल लिए हैं, मगर रसूखदार संदिग्ध का डीएनए टेस्ट नहीं करवाया गया है। अखबार लिखता है, “दिलचस्प पहलू यह है कि इस केस में जो रसूखदार संदिग्ध है, उसका सीबीआई ने डीएनए करना तक उचित नहीं समझा है। बल्कि उशे ही गवाह बना दिया है।”

दैनिस भास्कर ने शनिवार 16 दिसंबर को पहले पन्ने पर विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है। यह तस्वीर भी वहीं से ली गई है।

आगे लिखा गया है, “ऐसे में सीबीआई की जांच सवालों के घेरे में है औऱ लोग भी सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि आखिर किस दबाव में सीबीआई ने इस संदिग्ध के ब्लड सैंपल डीएनए जांच के लिए नहीं लिए हैं। जिस तरह से अन्य संदिग्धों के सैंपल लिए गए, इस तरह इसके भी लिए जाएं।”

इस रिपोर्ट में सीबीआई पर कुछ अन्य बातों पर भी सवाल उठाया गया है। मसलन कोटखाई के बजाय सीबीआई की टीम का शिमला में बेस बनाना। गाड़ियों का खर्च ही 20 लाख हो जाना और एक सीबीआई अधिकारी का मोबाइल गुम होने पर उसका खर्च भी राज्य सरकार से मांगना।

बहरहाल, सभी को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले के गुनहगार सलाखों के पीछे हों। गौरतलब है कि हाई कोर्ट भी सीबीआई को इस मामले में कई बार फटकार लगा चुका है। मगर अब सीबीआई टीम के चुपके से लौटने की खबर परेशान करने वाली है।

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