अध्यापकों ने हाजिरी से बचने के लिए खराब कर दीं बायोमीट्रिक मशीनें?

शिमला।। हिमाचल प्रदेश के कुछ स्कूलों में अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों की हाजिरी के लगाई गईं बहुत सी बायोमीट्रिक मशीनें कुछ ही समय में खराब हो गई हैं।

ट्रायल के आधार पर लगाई गई इन मशीनों के खराब होने के कारणों की शुरुआती जांच के बाद शक जताया जा रहा है कि इसे स्कूलों के स्टाफ ने ही जानबूझकर छेड़छाड़ की है ताकि वे रोज समय का लेखा-जोखा रखने वाले इस सिस्टम पर हाजिरी लगाने से बच सकें। हालांकि शिक्षा निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक यह सिर्फ एक संभावना है और असल बात का पता जांच के बाद ही चलेगा।

बता दें कि कुछ स्कूलों में इन मशीनों को इसलिए लगाया गया था कि गैरहाजिर रहने वाले या समय पर न आने वाले अध्यापकों पर लगाम लगाई जा सके। मगर इनके खराब होने के कारण इस ट्रायल को आगे बढ़ाने पर भी सवाल खड़ा हो गया है।

आगे ऐसी लगभग 10 हजार मशीनें खरीदी जानी थीं मगर उनपर रोक लग गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों से खराब हुई मशीनों को मंगवाकर कंपनी को सौंप दिया है ताकि वह इनके खराब होने के कारणों की जांच कर सके। लेकिन सवाल उठता है कि अगर ये मशीनें तकनीकी खराबी या घटिया क्वॉलिटी के कारण खराब हुई होंगी तो क्या कंपनी इस बात को स्वीकार करेगी?

मान लें कि खराब क्वॉलिटी के कारण ये मशीनें खराब हुई हों और कंपनी अपने सिर से बला टालने के लिए यह कहे कि अध्यापकों ने छेड़छाड़ की थी तो निदेशालय के पास यह पता करने का क्या तरीका होगा कि कंपनी सच बोल रही है या झूठ। बेहतर होता जांच किसी तटस्थ एजेंसी को सौंपी जाती।

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