दिल्ली हाई कोर्ट ने वीरभद्र मामले में CBI से 4 हफ्तों मे मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली।।
हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि उसने मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों पर अब तक क्या किया है और जांच में क्या पता चला है। अदालत ने सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों को चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (File Photo)

इस बीच सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि वीरभद्र सिंह की दिल्ली में भी जमीन-जायदाद है, जो गलत तरीके से ली गई है। न्यायमूर्ति बीडी अहमद व संजीव सचदेव की खंडपीठ के समक्ष मुख्यमंत्री की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि जब वीरभद्र सिंह पर लगे आरोपों की जांच हिमाचल प्रदेश में हो रही है और वहां अदालत में मामला विचाराधीन है, ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं की जा सकती।

इससे पहले 28 जुलाई को चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की बेंच ने मामले को सुनने से इनकार कर दिया था। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बुधवार सुबह दिल्ली दौरे पर रवाना होंगे। संभव है कि वह वहां कुछ पार्टी नेताओं से मिलकर राजनीतिक मसलों पर चर्चा करें। सीएम बुधवार सुबह 11 बजे अनाडेल से हेलिकॉप्टर से दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

नीरज भारती को CM देखना चाहते हैं हिमाचल AAP समर्थक!

अमनदीप खागटा।।
इंटरनेट पर चर्चा है कि आम आदमी पार्टी की हिमाचल प्रदेश यूनिट में अपरिपक्व लोग भर दिए गए हैं। एक पार्टी का नेता कहे कि वह दूसकी पार्टी के एक नेता को मुख्यमंत्री देखना चाहता है तो चर्चा होना लाजिमी है। वह भी उस नेता को, जो फेसबुक पर अपनी अपरिपक्व टिप्पणियों के चलते विवाद में हो।
1 सितंबर यानी कल आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश ने शिमला में अपने कार्यालय का उद्घाटन किया। वहीं फेसबुक पर आप के एक समर्थक लोकेंदर झोउटा ने फेसबुक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि नीरज भारती को मुख्यमंत्री बनना चाहिए, तभी प्रदेश का भला हो सकता है।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

बेशक वह नीरज भारती के उस कदम से अभिभूत होंगे, जिसमें उन्होंने कहा है कि अपनी बेटी को सरकारी स्कूल में पढ़ाऊंगा। मगर क्या राजनीतिक रूप से सक्रिय व्यक्ति इतना अपरिपक्व हो सकता है कि पिछले दिनों हुए हुए प्रकरण को भूलकर उस शख्स को सीएम बनाने की बात करने लगे, जो विरोधी पार्टी का हो।

केजरीवाल सर भी और नीरज भारती भी, ऐसा कैसे?

अटकलें हैं कि अगर आप से ऐसे ही लोग जुड़ते रहे तो कदम जमाने से पहले ही यह पार्टी प्रदेश से आउट हो जाएगी। कहा जा रहा है कि अन्य राजनेताओं को राजनीति सिखाने की बात करने वाली आप को पहले अपने वॉलंटियर्स की क्लास लेकर उन्हें सिखाना चाहिए कि सोशल मीडिया पर क्या कहना है, क्या नहीं।

(लेखर से khagta.amandeep@hotmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

स्मार्ट सिटी में शिमला को न चुनने पर हिमाचल बीजेपी ने केंद्र को लिखी चिट्ठी

शिमला।।

हिमाचल प्रदेश बीजेपी ने शिमला को स्मार्ट सिटी के लिए न चुने जाने के पर खुलकर निराशा जाहिर कर दी है। गौरतलब है कि हिमाचल से एक ही शहर इस प्रॉजेक्ट के लिए चुना जाना था, जिसमें धर्मशाला ने शिमला और मंडी समेत अन्य को पीछे छोड़ते हुए जगह बना ली थी। अब बीजेपी का कहना है कि इस प्रॉजेक्ट के लिए शिमला को चुना जाना चाहिए था।

हिमाचल प्रदेश बीजेपी ने बाकायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेकैया नायडू को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि शिमला को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल किया जाए। बीजेपी के रुख से हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर युवाओं में नाराजगी देखी जा रही है। कहा जा रहा है कि जबरन बीजेपी इस मुद्दे को उठा रही है और प्रदेश हित के बजाय इसे शिमला बनाम धर्मशाला बनाने में जुट गई है।

लोगों में बीजेपी के रुख के प्रति नाराजगी देखी जा रही है
हिमाचल प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता गणेश दत्त ने जो लेटर लिखा है, उसमें  कहा गया है कि 98 शहरों में शिमला नगर का नाम स्मार्ट सिटी में नहीं आने से शिमला के लोग हैरान हैं। गणेश दत्त के इस लेटर में लिखा गया है, ‘संभवत: प्रदेश की कांग्रेस सरकार तथा नगर निगम शिमला में सत्तासीन वामपंथी दली ने शिमला का पक्ष ठीक प्रकार से केंद्र के समक्ष नहीं रखा होगा। केंद्र के समक्ष शिमला का पक्ष रखना प्रदेश की सत्तासीन कांग्रेस सरकार एवं नगर निगम शिमला की जिम्मेदारी थी, लेकिन दोनों ही केंद्र के समक्ष शिमला को स्मार्ट सीटी बनाने को मजबूत पक्ष नहीं रख सके हैं। इसलिए शिमला शहर स्मार्ट सिटी की लिस्ट से बाहर हो गया तथा सूची में अपना स्थान नहीं बना पाया है।’

आगे इस लेटर में बीजेपी ने शिमला शहर की खूबियां बताते हुए कहा है, ‘शिमला अंतरराष्ट्रीय महत्व का शहर है। इसको अस्तित्व में आए 200 वर्ष का समय पूरा हो चुका है। यह शहर आजादी की लड़ाई से लेकर शिमला समझौते तक का गवाह रहा है। यह शहर हर दृष्टि से अपना सक्षम दावा स्मार्ट सिटी के लिए रखता है। यहां की प्राकृतिक सौन्दयर्ता यहां का पर्यावरण व यहां के लोगों को शांतिप्रिय स्वभाव विश्व भाईचारे का एक संगम स्थल है। पर्यटन की दृष्टि से भी शिमला शहर देश के प्रमुखतम शहरों में से एक है। यहां हर वर्ष लाखों की संख्या में देश एवं विदेशी पर्यटक यहां आते है। यहां के लोग शांत माहौल में स्वच्छंद घूमते हैं।’

इस लेटर को पढ़ने के लिए क्लिक करें

पत्र में कहा गया है, ‘स्मार्ट सिटी के लिए निर्धारित मापदंडों को केंद्र के समक्ष ठीक प्रकार से नहीं रख पाई है। शिमला शहर हर दृष्टि से स्मार्ट सिटी के लिए निर्धारित प्रावधानों को पूरा करता है। इसलिए निवेदन है कि शिमला सीटी को स्मार्ट सिटी में शामिल किया जाए।’

इस बारे में इन हिमाचल ने हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष सतपात सिंह सत्ती को फेसबुक पर मेसेज किया, जिसका अभी तक जवाब नहीं मिल पाया है।  उधर सोशल मीडिया मे लोगों में इस बात को लेकर रोष देखा जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी धर्मशाला को कमतर समझकर क्यों शिमला को प्राथमिकता दे रही है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर शिमला को शामिल किया जाना चाहिए था क्या धर्मशाला को चुनकर गलत किया। लोग हिमाचल बीजेपी से यह सवाल भी पूछ रहे हैं कि आपको तुलनात्मक रूप से बताना चाहिए था कि धर्मशाला में क्या कमियां हैं और शिमला में क्या खूबियां।

धर्मशाला का नाम स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट में आने से नाखुश हैं चेतन बरागटा?

शिमला।।
धर्मशाला का चयन स्मार्ट सिटी के लिए होने से और शिमला के रह जाने से बीजेपी नेता और पूर्व बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन बरागटा नाखुश नजर आ रहे हैं। उनके फेसबुक पेज पर डाली गई पोस्ट से संकेत मिल रहे हैं कि  हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना के लिए धर्मशाला का नाम दिया जाना शायद उन्हें रास नहीं आ रहा। शायद वह चाहते थे कि हिमाचल से शिमला को इस प्रॉजेक्ट के लिए नामित करना चाहिए था। यह ध्यान रहे कि हिमाचल से एक ही शहर नामित होना था। इसलिए उन्होंने धर्मशाला वासियों को बधाई तो दी है, मगर यह सवाल भी उठाया है कि शिमला को इस प्रॉजेक्ट में क्यों नहीं डाला गया।
चेतन बरागटा (twitter से साभार)
भारतीय जनता युवा मोर्चा नेता ने इस बारे में एक आरटीआई भी डाली थी, जिसके जवाब में कहा गया कि आपने जो पूछा है, वह जानकारी सूचना के दायरे में नहीं आती। बरागटा ने कहा है कि अब राज्य सरकार जानकारी छिपा रही है, जो कि गलत है और पक्षपात है।

बरागटा ने लिखा है, ‘हिमाचल प्रदेश का नागरिक होने के नाते मैं धर्मशाला के नागरिकों को स्मार्ट सिटी के लिए नामित होने की बधाई देता हूं। हालांकि, स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट से  शिमला को निकाल दिए जाने को लेकर मेरे सवाल अभी तक जवाब का इंतजार कर रहे हैं। मैंने आरटीआई के जरिए हिमाचल प्रदेश सरकार से सवाल पूछा। उन्होंने मुझे यह जानकारी नहीं दी। मैंने मंत्री से ट्विटर पर सवाल पूछा तो उन्होंने मुझे ब्लॉक कर दिया। हिमाचल सरकार जानकारी क्यों छिपा रही है, मुझे समझ नहीं आ रहा। यह पक्षपात क्यो?

As a citizen of Himachal, I congratulate the citizens of Dharamshala for being nominated for “ Smart City”.However my…
Posted by Chetan Singh Bragta on Saturday, August 29, 2015

गौरतलब है कि केंद्र ने राज्यों के लिए पहले ही बता दिया था कि उन्हें कितने शहरों के नाम भेजने हैं। इसके तहत हिमाचल प्रदेश से एक ही शहर का नाम स्मार्ट सिटी के लिए भेजा जाना था। हिमाचल प्रदेश की तरफ से धर्मशाला भेजा गया था, जिसका 28 अगस्त को देश के अन्य 98 शहरों के साथ ऐलान किया गया।
सोशल मीडिया पर नरेंद्र बरागटा द्वारा अपने फेसबुक पेज पर शेयर की गई पोस्ट को क्षेत्रवाद से प्रेरित बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि बरागटा शिमला से हैं, इसलिए उन्हें शिमला की ज्यादा चिंता है और प्रदेश हित में नहीं सोच रहे। एक अन्य शख्स ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘चेतन बरागटा जानते हैं कि जब प्रदेश से एक ही नाम भेजा जाना था तो इसमें पक्षपात वाली बात क्या हो गई? कल को मंडी, मनाली, सोलन, हमीरपुर के लोग ऐसा बोलने लग जाएंगे। प्रदेश का हित नहीं दिखता इन राजनेताओं को।’
एक अन्य शख्स ने लिखा है कि राज्य सरकार पर धर्मशाला को चुनकर पक्षपात का आरोप लगाने वाले बरागटा यह नहीं देख रहे कि शिमला को न चुने जाने को लेकर उनका दर्द खुद पक्षपात से प्रेरित है। वह हिमाचल का नागरिक होने के नाते धर्मशाला के लोगों को औपचारिक बधाई तो दे रहे हैं, मगर शिमला वासी होने के नाते धर्मशाला को तरजीह दिए जाने को लेकर नाखुश हैं।’
उधर, जानकारों का कहना है कि शिमला में विस्तार की संभावनाएं बिल्कुल नहीं हैं। एक तरफ कंक्रीट का जंगल है और दूसरी तरफ वन। साथ ही राजधानी होने की वजह से वहां लगातार बोझ बढ़ता जा रहा है। इसलिए धर्मशाला को स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट में डाला गया है, जिससे वह शिमला के ऊपर लगातार बढ़ रहा बोझ साझा कर सके।

विधानसभा में भारती के खिलाफ किसने इस्तेमाल किया ‘अपमानजनक’ शब्द?

शिमला।।
शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जो कुछ हुआ, वह शर्मसार करने वाला है। मगर जिस तरह की चर्चाएं सामने आ रही हैं, वे और परेशान करने वाली हैं। कहा जा रहा है कि विधानसभा में किसी ने अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किया है। इस बात की किसी भी अखबार या चैनल ने पुष्टि नहीं की है, मगर पत्रकार दबी जुबान में कह रहे हैं कि आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किया गया है। ‘इन हिमाचल’ ने नीरज भारती से भी बात की, मगर उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।
जानें, क्या है मामला:
दरअसल शुक्रवार को विपक्ष संजौली कॉलेज में प्रिंसिपल और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई हाथापाई पर चर्चा चाहता था। विपक्ष का कहना था कि प्रिंसिपल ने पहले छात्रा के बाल खींचे थे, इसलिए उसे सस्पेंड किया जाना चाहिए। मगर स्पीकर ने इस मामले पर चर्चा की इजाजत नहीं दी। इस बात से विपक्ष नाराज हो गया।
FILE PHOTO
नीरज भारती के फेसबुक कॉमेंट्स को लेकर बवाल 
इसके बाद मामला बदला और ज्वाली के विधायक, सीपीएस नीरज भारती के आपत्तिजनक फेसबुक कॉमेंट्स पर बात होने लगी। विपक्ष का आरोप था कि नीरज भारती लगातार बीजेपी नेताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अमर्यादित भाषा इस्तमाल कर रहे हैं।
किसी ने लगाया जातिसूचक शब्द वाला नारा
अब तक माहौल गर्म हो गया था। बीजेपी के विधायक नारेबाजी करने लगे थे। इसी बीच किसी ने नारा लगाया- #*** (अपमानजनक शब्द) सीपीएस नहीं चलेगा। इससे नाराज हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि अभद्र भाषा कौन इस्तेमाल कर रहा है। बताया जाता है कि मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप लगाकर नारेबाजी कर रहे बीजेपी विधायकों की आपत्तिजनक टिप्पणी से चिढ़कर नीरज भारती ने कुछ कहा, जिससे तल्खी बढ़ गई।
इस बारे में इन हिमाचल ने भारती से बात की और जानना चाहा कि क्या वाकई किसी ने अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किया था, इस पर उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। क्लिक करें और पढ़ें, क्या कहा उन्होंने।
सत्ती और वीरभद्र ने एक-दूसरे पर फेंके कागज
इसी दौरान बीजेपी अध्यक्ष सतपाल सत्ती मुख्यमंत्री के पास पहुंचे और नीरज भारती की फेसबुक पोस्ट्स का प्रिंट आउट वीरभद्र की तरफ गिराने लगे। इससे चिढ़े वीरभद्र ने वे कागज फाड़े और सतपाल सत्ती की तरफ फेंक दिए। सत्ती ने फिर वे कागज वीरभद्र पर फेंक दिए।
रोकने पर हाथापाई की नौबत
हालात खराब हो रहे थे। यह सब देख नीरज भारती आगे बढ़ने लगे, तभी बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने उन्हें पकड़कर रोक लिया। इससे नाराज होकर नीरज भारती ने पूछा कि हाथ लगाने की हिम्मत कैसे हुई। मामला हाथापाई तक पहुंच गया, मगर अन्य सदस्यों ने बीच-बचाव कर दिया।
शोर-शराबा, हंगामा और स्थगन
बीजेपी के विधायक वेल में आकर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। जी.एस. बाली, मुकेश अग्निहोत्री और स्टोक्स मुख्यमंत्री वीरभद्र के पास आए और उन्हें बाहर ले गए। नीरज भारती को भी शांत करवाया गया। अब तक विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी थी।
(नोट: सदन में क्या हुआ, कोई भी विधायक बोलने को तैयार नहीं है। जो बोलने को तैयार हुए, उनकी बातें पक्षपात भरी लगीं। ऐसे में यह रिपोर्ट पत्रकार दीर्घा में मौजूद विभिन्न मीडिया संस्थानों के पत्रकारों से मिली जानकारी के आधार पर लिखी गई है।) 

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

छोड़िए, रहने दीजिए; मैं खुद निपट लूंगा: ‘अपमानजनक’ शब्द पर नीरज भारती

शिमला।।

चर्चा है कि शुक्रवार को विधानसभा में हुए हंगामे के दौरान किसी ने कांग्रेस विधायक और सीपीएस नीरज भारती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बताया जा रहा है कि किसी ने नारा लगाया- #*** सीपीएस नहीं चलेगा। इस बारे मे ‘इन हिमाचल’ ने नीरज भारती से बात की तो उन्होंने ज्यादा कुछ बताने से इनकार कर दिया।

ज्वाली के विधायक और CPS एजुकेशन नीरज भारती (Facebok प्रोफाइल से साभार)

अगर किसी ने सदन के अंदर किसी के खिलाफ अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किया है, वह शर्मनाक होने के साथ-साथ कानूनन अपराध भी है। ऐसे में ‘इन हिमाचल’ ने नीरज भारती से ही बात करना उचित समझा।

पहले चर्चा थी कि भारती के खिलाफ जातिसूचक शब्द इस्तेमाल किया गया है। मगर अब जानकारी मिल रही है कि किसी ने उन्हें भांग पीने वाला बताया था। बीती रात फेसबुक पर हुई चैट के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी ने जातिसूचक टिप्पणी की थी (क्योंकि उस वक्त हमें जातिसूचक शब्द कहे जाने की जानकारी थी) तो उन्होंने कहा, ‘जी कुछ बात हुई थी, पर रहने दीजिए; बात बढ़ जाएगी। मैं इन बातों से ऊपर सोचता हूं और जो लोग इन बातों मे फंसे रहते हैं, वे और कुछ नहीं कर सकते।

CPS नीरज भारती से फेसबुक पर हुई बातचीत का स्क्रीनशॉट

जब हमने नीरज भारती से कहा कि अगर वाकई किसी ने ऐसा कहा है तो आपको उसके खिलाफ कठोर कदम उठाना चाहिए। इसपर उन्होंने कहा, ‘छोड़िए, रहने दीजिए। मैं खुद निपट लूंगा।’

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

नीरज भारती भले ही साफ कुछ न कह रहे हों, मगर उन्होंने इस बात को गलत भी नहीं बताया है। जाहिर है, सदन में कुछ न कुछ तो हुआ है। शुक्रवार के घटनाक्रम को लेकर प्रमुख अखबार और समाचार चैनलों की रिपोर्ट्स में फर्क नजर आ रहा है। ऐसे ही कई तरह की अटकलें भी चल रही हैं। कोई बता रहा है कि किसी ने नीरज भारती को #** सीपीएस कहा तो बदले ने में भारती ने सतपात सत्ती के पिता को #** कह दिया। कुछ का कहना है कि बीजेपी की तरफ से #** वाला नारा लगा था और भारती ने कहा था कि मोदी तुम्हारा बाप लगता है क्या।

इन बातों में कितनी सच्चाई है, यह बात साफ नहीं हो पाई है। दरअसल शोरशराबे के बीच पत्रकार दीर्घा तक आवाज साफ नहीं पहुंच पा रही थी। मगर विधायकों और अन्य सदस्यों ने बाहर आकर जो जानकारी दी, उससे ही यह आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करने की बात सामने आई है। संभव है कि आने वाले दिनों साफ हो कि ये बातें सच हैं या कोरी अफवाह।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

विधानसभा में हाथापाई, वीरभद्र और सत्ती ने एक-दूसरे पर फेंके कागज

शिमला।।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा से चौंकाने वाली खबर आई है। आलम यह रहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आपस में उलझ गए। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और बीजेपी अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने तो कागज फाड़कर एक-दूसरे पर फेंक दिए।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को भी जमकर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाई शुरू होते ही प्रश्न काल के दौरान विपक्षी विधायकों ने हाल ही में हुए शिमला के संजौली कॉलेज में प्रध्यापकों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई का मामला सदन में उठाया, मगर विधानसभा अध्यक्ष ने सुनने से इंकार कर दिया।

File Photo
इस पर विपक्षी विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और वेल में उतर आए। अखबार पंजाब केसरी ने अपने पोर्टल में यहां तक जानकारी दी है कि विधायकों में हाथापाई शुरू हो गई। रिपोर्ट में लिखा है- इतना ही नहीं सत्ता पक्ष के कुछ लोग भी वेल में आए और देखते ही देखते दोनों पक्षों में हाथापाई शुरू हो गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष ने एक दूसरे पर कागज फाड़कर फेंके। इस घटना के बाद विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

सदन में फिर हुई धूमल और वीरभद्र के बीच नोकझोंक

शिमला।।
गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के बीच नोकझोंक हो गई। यूं तो दोनों ही नेता अक्सर एक-दूसरे पर टिप्पणी करते रहते हैं, लेकिन गुरुवार को मामला थोड़ा लंबा खिंच गया।
धूमल ने कहा, ‘जब प्रेम कुमार बात करता है तो प्रेम से बात करता है। भद्र को बात भी भद्र होकर सुननी चाहिए।’ दरअसल उनका इशारा अपनी और वीरभद्र की तरफ था। इससे नाराज हुए वीरभद्र ने तुरंत कहा कि मैंने आपके दिखाए प्रेम को खूब देखा और झेला है।
File Photo
नाराज दिख रहे वीरभद्र ने कहा, ‘यह बात अलग है कि मैं आपके प्रेम को झेलने के बावजूद पाक-साफ निकल आया।’ जिस दौरान यह सब हो रहा था, सदन में सन्नाटा छा गया था। दोनों नेता ही आपस में बात किए जा रहे थे।
इसके बाद धूमल ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह  चुने हुए विधायकों को जनता का प्रतिनिधि होने का सम्मान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के विधायकों के बजाय कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवारों की बातों को ज्यादा तवज्जो दे रही है।

…और धूमल ने एक बार फिर कर दिया वॉकआउट का ऐलान

शिमला।।
बीजेपी ने बुधवार को सदन से एक बार फिर वॉकआउट कर किया। इस बार बीजेपी ने वन कटान को लेकर यह कदम उठाया।
मॉनसून सेशन के चौथे दिन भी बीजेपी ने सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि चंबा और तारादेवी में हजारों पेड़ काट दिए गए।
मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र शिमला रूरल में पेड़ कटने का मामला भी उठाया गया। विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद विपक्ष ने सदन के अंदर जमकर नारेबाजी की। बीजेपी ने चंबा में 1807 पेड़ों के कटान की रिपोर्ट आने की बात कर वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी का इस्तीफा तक मांग लिया।
File Photo
इस बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि पेड़ों की मार्किंग बीजेपी शासनकाल में हो गई थी और अब विपक्ष इसका ठीकरा सत्ता पक्ष के सिर फोड़ रहा है। सीएण ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में रहते हुए चंबा में हरे पेड़ों को मार्क कर दिया।
सरकार और विपक्ष में तीखे सवाल-जवाबों का दौर चला, हंगामा हुआ और आखिर में प्रेम कुमार धूमल ने वॉकआउट का ऐलान कर दिया। गौरतलब है कि सोमवार को भी बीजेपी ने वॉकआउट कर दिया था।
बीजेपी हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वॉकआउट करने के लिए बुरी तरह बदनाम हो चुकी है। मुद्दों को उठाना तो अलग बात है, मगर शोर-शराबा करने के बाद वॉकआउट करना और बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों के सामने नारेबाजी करना बीजेपी का ट्रेंड बन गया है।
सोशल मीडिया पर बीजेपी के प्रति झुकाव रखने वाले युवा भी इस व्यवहार से आजिज आते दिख रहे हैं। लोगों का कहना है कि मीडिया में खबर बनाने के लिए प्रेम कुमार धूमल वॉकआउट की रणनीति बना रहे हैं, जबकि उन्हें सदन में तार्किक बहस करते हुए सरकार को घेरना चाहिए।
गौरतलब है कि हर साल सभी सेशंस में बीजेपी कई मुद्दों को लेकर वॉकआउट कर चुकी है।

12 साल के लड़के पर 5 साल की बच्ची से रेप करने का आरोप

बैजनाथ।।

कांगड़ा जिले के बैजनाथ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 12 साल के एक बच्चे पर 5 साल की बच्चे के साथ रेप करने का आरोप लगा है। बच्ची के परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

सांकेतिक तस्वीर
बच्ची के परिजनों ने पुलिस को दी बताया है कि सोमवार को जब वे काम सिलसिले में घर से बाहर थे, बच्ची को अकेला पाकर लड़का उसे पास की गोशाला में ले गया। आरोप है कि वहां पर उसने बच्ची के साथ रेप किया।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

बच्ची ने परिजनों के लौटने पर अपने साथ हुई घटना की जानकारी उन्हें दी। इसके बाद परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस को कर दी।  पुलिस ने नाबालिग आरोपी और उसके परिजनों से भी पूछताछ की है।

पुलिस का कहना है कि उसने धारा 376 के तहत मामला दर्ज करके पड़ताल शुरू कर दी है। आरोपी का मेडिकल टांडा मेडिकल कॉलेज और बच्ची का मेडिकल सबडिविजनल हॉस्पिटल में करवाया गया है। खबर लिखे जाने तक रिपोर्ट हासिल नहीं हो पाई है।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें