प्रैंक: जब लोगों से सरेआम कहा गया- यार तुम तो भैंस लग रहे हो

इन हिमाचल डेस्क।। पिछले दिनों हमने आपको दिखाया था शरारती हिमाचली प्रैंकस्टर kLoL Star का एक प्रैंक वीडियो, जिसमें उन्होंने मनाली मॉल रोड पर टूरिस्ट्स से मजे लिए थे। उन्होंने एक कॉन्टेस्ट के बहाने लोगों की आंखों पर पट्टी बांधी, कानों पर हेडफोन लगाया और नाचने को कहा। जब लोग नाचने में मशगूल हो गए थे तो उन्होंने सामने कपड़ा बिछाकर उसपे सिक्के गिरा दिए। जब लोगों ने आंखों से पट्टी खोली तो भारी भीड़ के बीच खुद को इस तरह से पाकर वे दंग रह गए। आज हम आपको इन प्रैंकस्टर्स का एक और मजेदार वीडियो दिखाने जा रहे हैं।

इस मजेदार वीडियो में वे लोगों से कह रहे हैं ‘भैंस लग रहे हो एकदम।’ यह सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं कि उन्हें कौन सिरफिरा ऐसा बोल रहा है। मगर असल में इसमें ट्विस्ट है। प्रैंकस्टर्स में से एक बंदा लोगों के ठीक पीछे भैंस के सिर वाला मुखौटा पहने हुआ है। काला चश्मा लगाकर सामने से आने वाला बंदा कुछ इस अंदाज में डायलॉग मारता है कि सामने वालों को लगे कि उनके बारे में बात हो रही है। मगर बाद में वह आगे बढ़ जाता है और भैंस का मुखौटा लगाए शख्स से मिलता है।

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इस वीडियो को अब तक ढाई लाख लोग देख चुके हैं। वीडियो देखें और उसके नीचे हमने इनके पिछले प्रैंक के वीडियो का लिंक दिया है। आप उसके ऊपर क्लिक करके उसे देख सकते हैं। फिलहाल नया वीडियो देखें:

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10 दिन के अंदर दूसरी बार 700 करोड़ रुपये का लोन लेगी हिमाचल सरकार

शिमला।। हिमाचल प्रदेश सरकार 10 दिनों के अंदर दूसरी बार 700 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है। इससे पहले सरकार ने 14 मार्च को 700 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।

 

इससे पहले हिमाचल सरकार ने जनवरी में 1000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इस तरह से तीन महीनों के अंदर सरकार ने 2400 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया है। कुल मिलाकर हिमाचल प्रदेश पर अब करीब 45 हजार करोड़ रुपये कर्ज हो जाएगा।

 

हिमाचल सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने का भी ऐलान किया है।
हिमाचल सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने का भी ऐलान किया है।

 

वीरभद्र सरकार 27 मार्च को भारतीय रिजर्व बैंक के जरिये 700 करोड़ का लोन उठाने जा रही है। इसके लिए इसी रोज मुंबई में नीलामी प्रक्रिया सुबह साढ़े 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित की जाएगी, जिसके नतीजे 29 मार्च को आएंगे। वित्तीय एजेंसियां इस प्रतिस्पर्धा में शामिल हो सकती हैं।

 

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तहत इस लोन को 29 मार्च, 2027 तक चुकता किया जाएगा। इसमें जो ब्याज की दरें होंगी, वे उसी दिन के आधार पर तय की जाएंगी। ब्याज दरें भी 29 सितंबर व 29 मार्च को चुकता की जाएंगी।

विक्रमादित्य सिंह को पायलट देने की तैयारी को लेकर राजनीति गर्म

शिमला।। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह को पायलट (एस्कॉर्ट) देने की चर्चाओं के बीच राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। भाजयुमो ने सवाल उठाए हैं कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री वीआईपी कल्चर खत्म करने की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ उनके बेटे को नियमों को ताक पर रखकर पायलट देने की तैयारी की जा रही है।

दरअसल ‘दैनिक भास्कर’ अखबार की रिपोर्ट में कहा गया था कि विक्रमादित्य सिंह को राज्य सरकार की आेर से पायलट देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक इस मसले पर राज्य के गृह विभाग ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक की है, जिसकी अध्यक्षता राज्य के प्रधान सचिव गृह ने की। इसमें गृह विभाग के आला अधिकारियों से लेकर पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे।’

क्या होती है पायलट
आपने कभी मुख्यमंत्री या राज्यपाल की गाड़ियों का काफिला देखा होगा तो उसमें सुरक्षा की दृष्टि से कई गाड़ियां चलती हैं। इनमें सुरक्षाकर्मियों का वाहन भी होता है और वह आगे चलता है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में नियमों के अनुसार राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष आैर मुख्य न्यायाधीश के साथ नेता प्रतिपक्ष को ही पायलट मिलती है। बाहरी राज्यों या केंद्र से आने वाले नेताओं स्टेट गेस्ट के नाते भी यह मुहैया करवाई जाती है। विक्रमादित्य इनमें से किसी भी कैटिगरी में नहीं आते, ऐसे में ऐसी चर्चाओं पर सवाल उठना लाजिमी है।

अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा था, ‘पुलिस विभाग की आेर से सरकार के पास इन्हें पायलट देने से लेकर सुरक्षा की दृष्टि से अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव मिला है। इस पर गृह विभाग ने मंथन शुरू कर दिया है। बैठक में सुरक्षा पर रिव्यू करने पर चर्चा तो हुई, लेकिन कैसे सुरक्षा मुहैया करवाई जा सकती है। इस पर पेंच अड़ रहा है। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर सुरक्षा नहीं दी जा सकती है। कैसे सुरक्षा दी गृह विभाग के अधिकारियों के लिए चुनौती यह है कि किन नियमों के तहत सुरक्षा के साथ पायलट की सुविधा दी जाए। इसके लिए काम करना पड़ रहा है।’

गौरतलब है कि सोलन में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा था कि मैं वीआईपी. कल्चर के खिलाफ हूं। उन्होंने कहा था, ‘जनता और वी.आई.पी. में फर्क नहीं होना चाहिए, जनता ही वी.आई.पी. बनाती है और अगली कांग्रेस सरकार बनने पर प्रदेश में वी.आई.पी. कल्चर समाप्त किया जाएगा।’

मुख्यमंत्री के इसी बयान और अखबार की रिपोर्ट के आधार पर भाजयुमो ने सवाल उठाए हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बीजेपी विधायक राजीव बिंदल ने आरोप लगाया था कि विक्रमादित्य सिरमौर दौरे पर पायलट इस्तेमाल कर रहे थे।

MTV पर आया जुबिन नौटियाल और बादशाह का पहाड़ी गाना

इन हिमाचल डेस्क।। आपको जुबिन नौटियाल याद हैं? उत्तराखंड के गायक जो आजकल बॉलिवुड में भी धमाल मचा रहे हैं। उनका एक गाना ‘झुमके-झुमके’ सुपरहिट हुआ था, जिसमें वह इस गाने को किसी कार्यक्रम में परफॉर्म कर रहे थे और स्टेज पर एक लड़की डांस करने लग गई, साथ में एक और शख्स भी था। यह वीडियो हिमाचल में भी सुपरहिट हुआ था।

अब जुबिन ने MTV Unplugged 8 के लिए ‘ओ साथी, तेरे चिट्ठी-पतरी आई न’ परफॉर्म किया है। जुबिन ने MTV Unplugged 8 के लिए जो गाना गाया है, वैसे तो वह उत्तराखंड का गाना है, मगर हिमाचल में भी इसी तरह की धुन वाला एक गाना है। हिमाचल में ‘ओ बांकी सजणी, तेरी चिट्ठी पतरी आई न’ नाम के गाने की धुन ऐसी ही है। इससे पहले ‘ओ नीरू’ नाम का गाना भी हिट रहा है।

देखें: जुबिन के ओ साथी से पहले सुपरहिट हुआ था नरेंद्र ठाकुर का ओ रीनू

दरअसल हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बहुत से गाने मिलते-जुलते हैं। हिमाचल के कुछ गाने उत्तराखंड (कुमाऊं और गढ़वाल दोनों क्षेत्रों के) के गानों प्रेरित हैं तो उत्तराखंड के कुछ गाने हिमाचल के गानों से। एमटीवी अनप्लग्ड की बात करें तो इसमें जुबिन ने बहुत खुबसूरती से पहाड़ी गाना गाया है।

अगर आप हिमाचल प्रदेश से हैं तो आपको शब्द समझने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। भले ही कुछ शब्द आपको समझ नहीं आएंगे, मगर पूरा कंपोजिशन खूबसूरत है। हल्के म्यूजिक के साथ जुबिन की आवाज ने इस गाने को नई पहचान दी है। साथ में बादशाह का रैप भी है। बादशाह हिंदी में रैप कर रहे हैं। वीडियो नीचे है:

यूट्यूब पर पहले नंबर पर ट्रेंड हो रहा है हिमाचल में शूट हुआ यह गाना, देखें

इन हिमाचल डेस्क।। मृदुल का गाना बेखबर सुपरहिट हो गया है। भारत में यूट्यूब पर यह गाना सबसे ऊपर ट्रेंड कर रहा है यानी सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है और सबसे ज्यादा देखा जा रहा है।

‘इन हिमाचल’ ने सबसे पहले बताया था कि अपूर्व मृदुल का गाना “बेखबर” रिलीज हुआ है। इस गाने के वीडियो में में हिमाचल के बिलासपुर की कशिका पटियाल ने शानदार ऐक्टिंग है। बरोट और मनाली की वादियों में इसे शूट किया है हिमाचल के राजीव ठाकुर के ‘स्नो लेपर्ड प्रॉडक्शंस’ ने। अब यह गाना यूट्यूब पर नंबर 1 पर ट्रेंड कर रहा है।

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अपूर्व मृदुल इस गाने के कंपोजर हैं और अल्तमश अली ने इसे आवाज दी है। गाने के बोल शरीक आसिर ने लिखे हैं। म्यूजिक वीडियो में हिमाचल की वादियों की खूबसूरती भी दिखती है। नीचे देखें:

हिमाचल की ज्योतिका दत्ता ने नैशनल फेंसिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

इन हिमाचल डेस्क।। यह हैं ज्योतिका दत्ता। हिमाचल प्रदेश के शिमला के रोहड़ू की रहने वाली ज्योतिका ने तलवारबाजी में एक बार फिर प्रदेश का नाम रोशन किया है। ज्योतिका दत्ता ने केरल के कन्नूर में 20 से 24 मार्च तक आयोजित अखिल भारतीय तलवारबाजी मुकाबले के फाइनल में बेहतरीन प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल जीता है।

ज्योतिका ने फाइनल मुकाबले में मणिपुर की विद्यावती को 15.8 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस मेडल को जीतकर ज्योतिका ने टीम मुकाबले में उत्तरी भारत खेल प्राधिकरण को अखिल भारतीय तलवारबाजी स्पर्धा में दूसरा स्थान दिलाया।

ज्योतिका दत्ता
ज्योतिका दत्ता

अब तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में मेडल जीत चुकींज्योतिका हिमालयन रेंज के देशों के तलवारबाजी मुकाबलों के लिए भी क्वॉलिफाई कर गई है। ये मुकाबले अगले महीने मणिपुर में आयोजित होंगे। इनमें हिमालयन रेंज के देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिमाचल के नरेंद्र ठाकुर को दी बड़ी जिम्मेदारी

शिमला।। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से संबंध रखने वाले नरेंद्र ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। अब वह संघ के राष्ट्रीय सह प्रचार प्रमुख होंगे। यानी संघ के मीडिया विभाग को एक तरह से राष्ट्रीय स्तर पर वही देखेंगे। वह सीधे संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य को रिपोर्ट करेंगे।

 

मीडिया के बढ़ते प्रभाव को समझते हुए संघ ने अपने मीडिया विभाग का विस्तार किया है और अधिकारियों की जिम्मेदारियों में फेरबदल भी किया है। इनमें प्रमुख है संघ के राष्ट्रीय सह प्रचार प्रमुख के पद पर नया चेहरा लाना। अब तक यह जिम्मेदारी जे. नंद कुमार संभाल रहे थे मगर यह जिम्मेदारी नरेंद्र ठाकुर को दी गई है।
नरेन्द्र ठाकुर अब तक उत्तर क्षेत्र के प्रचार प्रमुख का दायित्व संभाल रहे थे, जिसमें उत्तर भारत के दिल्ली, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा जैसे कई राज्य आते थे। अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ाकर उन्हें अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख बना दिया गया है। कोयंबटूर में संपन्न अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में यह फैसला लिया गया है।

 

नरेंद्र मंडी जिले के जोगिंदर नगर से हैं और शिमला में कई वर्षों तक ‘मातृवंदना’ पत्रिका के प्रबंधक रहे हैं। उन्हें बेहद विनम्र और मृदुभाषी माना जाता है।

अब मरे हुए बंदर का फोटो दिखाने पर ही मिल जाएंगे 500 रुपये

इन हिमाचल डेस्क।। उत्पाती बंदरों से मुक्ति दिलाने के नाम पर हिमाचल सरकार अब तक बिना भारी-भरकम रकम खर्च चुकी है मगर इस समस्या से मुक्ति नहीं मिल रही। हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोगों को बंदर मारकर बदलने में पैसे पाने की स्कीम लाई थी। विभिन्न सरकारें अब तक लाखों रुपये दे चुकी हैं मगर यह प्रक्रिया सवालों के घेरे में रही थी। एक तो लोग बंदरों को मारने को तैयार नहीं होते और कुछ जगह घपले के भी आरोप लगे थे।

हिंदी अखबार पंजाब केसरी की रिपोर्ट कहती है कि हिमाचल सरकार को नियमों में बदलाव करना पड़ा है। अब बंदर मारने वाले को वन विभाग को सूचना नहीं देनी होगी। उसे बंदर को मारकर उसका फोटो खींचना होगा और इसकी सूचना स्थानीय पंचायत प्रधान को देनी होगी। पंचायत प्रधान इसकी सूचना वन विभाग देगा और बंदर मारने वाले को 500 रुपये मिल जाएंगे।

अगर यह रिपोर्ट सही है तो सवाल यह है कि क्या गारंटी है कि लोग इंटरनेट से फोटो निकालकर या फिर कहीं और से एक ही बंदर के विभिन्न जगहों पर फोटो खींचकर यह दावा न करें कि हमने इसे मारा है। क्या गारंटी है कि प्रधान के साथ मिलीभगत करके फर्जी दावा किया जाए। यह भी संभव है कि प्रधान इस रकम को खुद हड़प जाए या हिस्सा मांगने लगे। यह पूरी की पूरी प्रक्रिया करप्श बढ़ाने वाली लग रही है।

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधान सचिव वन तरुण कपूर ने इसकी पुष्टि की है। गौरतलब है कि पहले बंदर मारने की सूचना वन विभाग को देनी होती थी और इसके बाद बंदर के शव का मेडिकल परीक्षण किया जाता था। कमजोर, बूढ़े या कम उम्र के बंदरों को मारने पर पैसे नहीं मिलते थे। ऐसे बंदरों को अब भी नहीं मारा जा सकता मगर तस्वीर देखकर कैसे तय किया जा सकता है कि मारा गया बंदर कमजोर, बूढ़ा या कम उम्र का नहीं था?

रिपोर्ट के मुताबिक अब तो बंदर को मारने और उसकी डेडबॉडी को डिस्पोज़ ऑफ करने के बाद पंचायत प्रधान को इसकी सूचना देनी होगी। यानी सबूत देने की भी जरूरत नहीं। कौन जाकर खुदाई करके देखेगा कि बंदर मरा हुआ है या नहीं। कुलमिलाकर इस योजना में झोल नजर आ रहा है। इस बीच सरकार ने शिमला में बंदरों को मारने की अवधि भी बढ़ाकर 24 मई कर दी है। प्रदेश के अन्य अधिसूचित क्षेत्रों में बंदरों को मारने की आखिरी तारीख पहले से यही है।

लोग चूंकि एक्सपर्ट नहीं हैं और उन्हें जीवों को मारने की छूट देना गलत है। कोई हादसा हो सकता है और उनकी गोली किसी इंसान को भी लग सकती है। ऐसे में लोगों को 500-500 रुपये देने के बजाय सरकार को चाहिए कि एक्सपर्ट शूटर्स को हायर करे जो उत्पाती बंदरों का ही शिकार करें। इससे न सिर्फ सरकारी पैसे की बर्बादी रुकेगी, किसी तरह का खतरा भी नहीं होगा। इससे भी बेहतर है कि ढंग से किसी एजेंसी की मदद से बंदरों की नसबंदी की जाए और लॉन्ग टर्म पॉलिसी बनाई जाए। मगर लगता है कि सरकार चाह रही है कि लोग भले ही बंदर मारकर पैसा न लें, बंदर मारने का दावा करके पैसा ले लें। यह जनता के टैक्स के पैसे की बेकद्री तो है ही, साथ ही समस्या भी इससे हल नहीं हो रही।

अब मंडी में मृत पाया गया तेंदुआ, किसी ने काट लिए पंजे और सिर

मंडी।। मंडी जिले के जोगिंदर नगर में भभोरी धार पर ऐहजू-बसाही रोड के पास जंगल में मृत तेंदुआ मिला है। तेंदुए के चारों पंजे गायब हैं और सिर भी। शरीर पर जख्म के भी निशान हैं।

 

वन विभाग के साथ पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और पोस्टमॉर्टम के लिए मृत तेंदुए को जोगिंदर नगर लाया गया है। यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी तेंदुआ नैचरल मौत मरा या किसी ने उसे मौत के घाट उतारा।

तस्वीर: LadBarol.com
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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सिरमौर के नाहन में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। वहां चारों पंजें कटे मिले थे (क्लिक करके पढ़ें खबर) मगर जोगिंदगर नगर में तेंदुए का सिर भी काट लिया गया है। यह पता चलता है कि इंसान किस कदर संदेवना खो चुका है।

तस्वीर: LadBharol.com
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शिप्रा खन्ना से सीखें कोदुए की रोटी और लहसुन की चटनी बनाना

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इन हिमाचल डेस्क।। मंढल, कोदुआ, कोदरा, कुदरू या कोदो (Kodo Millet) एक मोटा अनाज है, जो हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में आज भी उगाया जाता है। इसकी रोटी देखने में थोड़ी डार्क होती है मगर खाने में लजीज।

खास बात यह है कि इसकी रोटी के अंदर कचालू, आलू या अन्य तरह का मसाला डालकर रोस्टेड कटौरी (परांठे की तरह) बनाई जाती है, जिसे बेढ़ुआं कहते हैं। इसके अलावा कोदरे की सिंपल रोटी बनाकर उसे चटनी, अचार या मक्खन से भी खाया जा सकता है।

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मास्टर शेफ इंडिया की चैंपियन रहीं हिमाचल प्रदेश की शिप्रा खन्ना अपना यूट्यूब चैनल चलाती हैं, जिसका नाम है शिप्राज़ किचन। इसमें वह विभिन्न रेसिपीज़ की जानकारी देती हैं। अच्छी बात यह है कि उन्होंने लहसुन की चटनी के साथ कोदरे की रोटी बनाने का तरीका भी बताया है। आप आसानी से इसे सीखकर बना सकते हैं। नीचे वीडियो देखें और सीखें: