चिट्टा मामले के अभियुक्तों ने जमानत मिलते ही गवाह को धुना

ऊना।। हिमाचल प्रदेश के ऊना में चिट्टा रखने के आरोप में पकड़े गए दो युवाओं पर जमानत मिलते ही गवाही देने वाले शख़्स पर हमला करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ है। गवाही देना वाला शख्स वॉर्ड पंच है और बीजेपी विधायक सतपात सिंह सत्ती का भतीजा है। उमंग ठाकुर नाम के इस शख्स का कहना है कि उसपर हमला करने वाले दोनों भाइयों ने गोली मारने की धमकी भी दी है।

पुलिस ने हाल ही में संदीप कुमार और विकास कुमार नाम के दो भाइयों को .77 ग्राम चिट्टा रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस समय गवाही के तौर पर वॉर्ड पंच उमंग ठाकुर के बयान कलमबंद किए गए थे। उमंग का कहना है कि इससे चिढ़े दोनों भाइयों ने सोमवार सुबह उनपर हमला कर दिया।

उमंग का आरोप है कि जिस समय वह अपनी गाड़ी में बैठकर कुछ सामान लाने गांव में गए थे, संदीप और विकास बाइक पर आए और गवाही देने को लेकर बहस करने लगे।  जैसे ही वह गाड़ी से उतरे, संदीप ने उन्हें धक्का दिया और विकास ने लात-घूंसे मारना शुरू कर दिया। आरोप है कि संदीप ने लाठी से भी हमला किया। शोर मचाने पर लोग जमा हुए तो दोनों बाइक पर सवार होकर वहां से चले गए।

उमंग का कहना है कि उन्हें मुंह और दांतों पर चोट लगी है। एसपी ऊना राकेश सिंह ने बताया कि इस बाबत शिकायत मिली है। उन्होंने कहा कि घायल वॉर्ड पंच का इलाज करवाया गया है और शिकायत के आधार पर दोनों अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

रोहड़ू के ‘शाही महात्मा’ के बाद रामपुर के ‘राधे’ गिरोह पर पुलिस की नकेल

शिमला।। रोहड़ू में शाही महात्मा गैंग के बाद अब शिमला पुलिस ने रामपुर में दलीप कुमार उर्फ राधे गैंग का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। पुलिस ने का कहना है कि अंतरराज्यीय चिट्टा तस्कर गिरोह ‘राधे गैंग’ की जड़ों औऱ संपर्कों के बारे में तफ़्तीश के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारियां मिल रही हैं।

हिमाचल प्रदेश पुलिस का कहना है कि इस गिरोह का सरगना दलीप कुमार उर्फ राधे रामपुर के बेरोजगार युवाओं को अपने जाल में फंसाता था। पुलिस का दावा है कि वो इलाके के युवाओं को बद्दी में सिक्यॉरिटी गार्ड की नौकरी दिलाने का झांसा देकर अपने साथ ले जाता था और फिर बाद में उनसे नशीली चीज़ों की तस्करी करवाता था।

पुलिस का कहना है कि क़रीब दो दर्जन लोग इस गिरोह से जुड़े हैं। दलीप कुमार उर्फ राधे से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर इस गिरोह से जुड़े सदस्यों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

रामपुर में सक्रिय राधे गैंग बेरोजगार युवाओं को कंपनियों में नौकरी का झांसा देकर चिट्टा तस्करी करवाता था। मामले की गहनता से जांच की जा रही है और जल्द इसमें कई गिरफ्तारियां होंगी। नशा तस्करों पर पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है

रामपुर में सक्रिय राधे गैंग बेरोजगार युवाओं को कंपनियों में नौकरी का झांसा देकर चिट्टा तस्करी करवाता था। मामले की गहनता से जांच की जा रही है और जल्द इसमें कई गिरफ्तारियां होंगी। नशा तस्करों पर पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है

– संजीव कुमार गांधी, एसपी, शिमला

अमर उजाला की ख़बर के अनुसार, शिमला में नशे से जुड़े जितनी भी तस्कर पकड़े जाते हैं, उनमें ज्यादातर अन्य राज्यों से होते हैं। अब तक पकड़े गए 102 अंतरराज्यीय तस्करों में करीब 60 पंजाब से हैं। पुलिस ने दावा किया है कि यह गिरोह पंजाब से चिट्टा लाकर रामपुर और आसपास के इलाक़े में सप्लाई किया करता था। दलीप उर्फ राधे बद्दी में रहकर सबकुछ ऑपरेट करता था।

कैसे पता चला राधे का
पुलिस ने 18 अक्तूबर को गुप्त सूचना के आधार पर संदीप कुमार नाम के एक अभियुक्त को चरस के साथ दबोचा था। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि यहां एक गिरोब लंबे समय से सक्रिय है। इसके बाद पुलिस ने जांच के आधार पर बद्दी से दलीप कुमार उर्फ राधे को पकड़ा।

अब पुलिस अभियुक्तों के बैंक खातों की भी जांच करेगी। पिछले दिनों पुलिस ने रोहड़ू में शाही महात्मा गैंग का भंडाफोड़ करने का भी दावा किया था, जिसपर इस इलाक़े में सालों से चिट्टे का कारोबार चलाने का आरोप। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और अभी और बहुत कुछ सामने आ सकता है।

हिमाचल में पहली बार पकड़ा गया हेरोइन से भी ज्यादा खतरनाक ड्रग- मेथ

मालिक को घसीट रहा था भालू, बैलों ने खूंटा तोड़ बोल दिया धावा

चंबा।। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भालू के हमले की चपेट में आए एक शख़्स के लिए उसके बैल जीवनरक्षक बनकर सामने आए। मामला जुम्हारधार का है, जहां भेड़पालक नूर जमाल पर एक भालू ने अचानक हमला कर दिया।

यह भालू नूल जमाल को घसीटकर घर से बाहर ला रहा था। अचानक बाहर बंधे दो बैलों ने खूंटा तोड़ा और वो भालू से भिड़ गए और उन्होंने सीटों से उठाकर भालू को जोर से पटक दिया। अचानक हुए इस हमले से घबराकर भालू वहां से नौ दो ग्यारह हो गया।

इस हमले में नूर जमाल को चेहरे और पीठ पर चोटें आई हैं और चंबा मेडिकल कॉलेज में उनका इलाज चल रहा है। अगर बैल खूंटा तोड़कर भालू को न भगाते तो मामला गंभीर भी हो सकता था। इस इलाक़े में भालुओं के जानलेवा हमले आम हैं।

नूल जमाल के पोते हासम ने कहा, “मैं और मेरे 75 सााल के दादा नूर जमाल शुक्रवार रात को कोठे (कच्चे मकान) में सो रहे थे। रात करीब साढ़े ग्यारह बजे भालू आया और उसने दादा पर हमला कर दिया। वह उन्हें घसीटकर बाहर ले जा रहा था। फिर बाहर बंधे बैलों ने खूंटा तोड़ा और पहले भालू सो सींगों से उठाकर पटका और फिर करीब 50 मीटर तक भगाया।”

Image: Amar Ujala.com

हासम कहते हैं कि अगर भालू को बैलों ने नहीं भगाया होता तो दादा की जान को खतरा हो सकता था। अगले दिन अन्य परिजन वहां पहुंचे और घायल नूर जमाल को चंबा मेडिकल कॉलेज ले गए। पल्यूर पंचायत के उप-प्रधान मोहम्मद हुसैन ने कहा कि बैलों ने वफादारी निभाते हुए मालिक की जान बचाई है। उन्होंने मांग की है कि घायल को वन विभाग की ओर से उचित मुआवजा मिलना चाहिए।

हिमाचल सरकार ने तरुण श्रीधर को सौंपी HPTDC की माली हालत सुधारने की जिम्मेदारी

शिमला।। हिमाचल प्रदेश सरकार ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी तरुण श्रीधर की अध्यक्षता में एक सदस्य वाली कमेटी का गठन किया है, जिसका काम हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करना होगा।

ये कमेटी या यूं कहें कि तरुण श्रीधर एचपीटीडीसी की आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सुझाव देंगे कि क्या कदम उठाए जाने चाहिए। खास बात यह है कि इस काम के लिए तरुण श्रीधर कोई भी पारिश्रमिक नहीं लेंगे। वह न तो को कोई मानदेय लेंगे और न ही बैठक में शिरकत करने पर मिलने वाली राशि लेंगे।

तरुण श्रीधर की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक सचिव के रूप में कार्य करेंगे। नियमों और शर्तों के मुताबिक एचपीटीडीसी को तरुण श्रीधर को उनकी जरूरत के आधार पर मदद मुहैया करवानी होगी। जैसे कि उनके काम करने की जगह, खाने, रहने और काम के लिए आने-जाने का इंतज़ाम करना शामिल है। इस कमेटी को करीब छह महीने में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपनी होगीं।

तरुण श्रीधर हिमाचल सरकार में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। डीसी मंडी रहते हुए वह काफी लोकप्रिय रहे थे। हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक भी रहे हैं। उस दौरान एचआरटीसी की आर्थिक हालत सुधारने की दिशा में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था। उन्होंने बसों को नया रंग भी दिया था। वह प्रदेश और देश-दुनिया से जुड़े मसलों पर लेखन भी करते हैं।

एचआरटीसी ने दिवाली से पहले मालभाड़े में की कटौती, ये हैं नई दरें

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शिमला।। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने दिवाली से पहले मालभाड़े में कटौती की है। हालांकि, इस संबंध में जारी अधिसूचना में सिर्फ एक क्लॉज़ में बदलाव कर दरें बदलने का जिक्र किया गया था, जिससे यह भ्रम फैल गया कि अब यात्रियों को अपने बैग, बैगेज या अन्य सामग्री पर भी शुल्क देना होगा।

इसके बाद एचआरटीसी की ओर से स्पष्टीकरण देकर बताया गया कि नई दरें सिर्फ अतिरिक्त कमर्शियल चीज़ों की ढुलाई के लिए है और यात्री पहले की तरह अपने साथ अधिकतम तीस किलो तक के व्यक्तिगत सामान या किसी भी आकार के बैग, बैगेज या बक्से निशुल्क ले जा सकते हैं।

जिन सामग्रियों को छूट मिली हुई है, उसके अतिरिक्त किसी बैग, बैगेज या बॉक्स  में ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट, इलेक्ट्रॉनिक आइटम,  ड्राई फ्रूट, नए बर्तन, कॉस्मेटिक आइटम, होजरी आइटम, मेडिसन या मेडिकल उपकरण ले जाने की दरें बदली गई हैं। यात्रियों के साथ या बिना यात्री के इन चीज़ों को भेजने की नई दरें पहले की दरों के मुकाबले कम हैं और इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी कर जानकारी दी गई है।

इस संबंध में आप नीचे एचआरटीसी की ओर से जारी स्पष्टीकरण देख सकते हैं।

संजीव शर्मा: कर्मचारी राजनीति में ‘व्यवस्था परिवर्तन’ करता कर्मचारी नेता

देवेंद्र।। सचिवालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कर्मचारियों की मांगें को लेकर सरकार पर हल्ला बोल कर सरकार की इस गलतफहमी को दूर कर दिया कि प्रदेश के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर मुखर नहीं होंगे। शायद लंबे अर्से बाद कोई ऐसा कर्मचारी नेता सामने आया जिसने प्रदेश के कर्मचारियों की दबी पीड़ा को जुबान दी। पिछले कई वर्षों से कर्मचारी व शिक्षकों के कई संगठन बने हुए हैं लेकिन सभी जानते हैं ये कर्मचारी नेता जिन शिक्षकों व कर्मचारियों के बलबूते संगठनों की बागडोर संभालते हैं अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए उनके हितों की बलि दे देते हैं। कोई इनसे समस्या उठाता है तो समाधान करने की बजाए उल्टा उन्हें हडका डरा कर चुप करा देते हैं। पिछले कुछेक समय में तो इतनी गंदी राजनीति हो गयी है कि यदि कोई सोशल मीडिया पर अपनी मांगों के बारे में लिख दे या आलोचना कर दे तो ये तरह-तरह के हथकंडे अपना कर उनपर दबाव बनाते हैं।

शिक्षक नेताओं का तो कहना ही क्या खुद निदेशालय, उप-निदेशक कार्यालय, या यहां-वहां डेपुटेशन लेकर खुद सत्ता का सुख भोगते हैं जबकि प्रदेश में सैंकड़ों शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं। लेकिन मजाल है ये शिक्षक नेता शिक्षकों की समस्याओं के बारे में आवाज़ उठाएं। सरकार ने आते ही ट्रांसफर के नाम पर clubbing नामक जिन्न से चुन-चुन कर शिक्षकों की ट्रांसफरे की, अच्छा होता सबकी की होती परंतु चहेतों की दो-तीन किलोमीटर के भीतर म्यूचुअल ट्रांसफर की और कईयों पर राजनीतिक टैग लगाकर उन्हें उठा दिया जबकि भूल गए इस सरकार को लाने में कर्मचारियों व शिक्षकों का कितना बड़ा हाथ था फिर भी शिक्षकों को clubbing के नाम पर निशाना बनाया गया। अच्छा होता सरकार सभी के लिए बदला नीति की बजाए तबादला नीति बनाती फिर कोई भी होता उसके साथ भेदभाव नहीं होना था।

बेरोजगार पिछले दो वर्षों से सरकार से नौकरियों की आस में टकटकी लगाए बैठे हैं। लेकिन उनके पास संजीव शर्मा जैसा कोई नुमाइंदा नहीं फिर भी जिस तरह संजीव शर्मा ने सरकार की कार्यप्रणाली की परत दर परत पोल खोली उससे उन्हें भी लगा कि कोई तो है बेरोजगारी का दर्द समझने वाला।
यह आक्रोश केवल सचिवालय कर्मचारियों का नहीं यह आक्रोश वह है जो हर कर्मचारी में कहीं न कहीं एक लावे के रूप में धधक रहा था पर डर के मारे ज्वालामुखी नहीं बन पा रहा था।
सचिवालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने जिस बेबाकी और निडरता से इस आक्रोश को भांपा और कर्मचारियों के लिए न्याय की आवाज़ उठायी उसके लिए प्रदेश का हर कर्मचारी अंतर्मन से उनका अहसानमंद हो गया। उनकी कही बातें उनकी कोई निजी खुन्नस नहीं थी यह तो कर्मचारियों की आवाज़ व पीड़ा थी जिसे उनके चेहरे के रूप में एक मंच मिला। सबसे बड़ी बात शायद प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी कर्मचारी ने सरकार की फिजूलखर्ची की पोल खोलकर रख दी जबकि यह काम विपक्ष का था जिसमें विपक्ष नाकामयाब रहा, विपक्ष ने शायद एक ही मन बनाया होगा कि सत्र के दौरान वाक आऊट करके अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेंगे। पहले 26 जनवरी फिर 15 अप्रैल और अब 15 अगस्त को मंहगाई भत्ते की घोषणा न होने से कर्मचारी इतने आक्रोशित हो जाएंगे सरकार ने सपने में भी नहीं सोचा होगा।

कर्मचारियों की मुख्य मांग है मंहगाई भत्ता व पे कमीशन का एरियर्स केंद्र सरकार के कर्मचारी लगभग 50% डीए ले रहे हैं इसी तरह प्रदेश में यह 38% है मतलब 12% की तीन किश्तें पेंडिंग हैं। जब सेवा नियमों में भत्ता मिलना जरूरी है तो सरकार मात्र यह कह कर अपना पल्ला नहीं छुडा सकती कि हमारे पास वित्तीय संसाधन नहीं। प्रश्न यह भी है कि केवल कर्मचारियों व बेरोजगारों के लिए ही वित्तीय संसाधन नहीं? रही सही कसर सरकार के काबीना मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों के विरुद्ध बयानबाजी करके पूरी कर दी वे भूल गए कि भाजपा शासन में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के एक ब्यान ने उन्हें सत्ता से बाहर करने का काम कर दिया था।

सरकार व्यवस्था परिवर्तन की बात करती आयी परंतु किसी ने सोचा तक नहीं था कर्मचारी राजनीति में संजीव शर्मा नामक कर्मचारी नेता इतनी बेबाकी व तथ्यों से अपनी बात रख कर्मचारी राजनीति में भी व्यवस्था परिवर्तन कर देगा।

(ये लेखक के निजी विचार हैं। उनसे Writerdevender@gmail.com पर ईमेल के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है)

 

ब्यास में मिला कुल्लू से लापता 21 वर्षीय लड़की का शव, दो गिरफ्तार

कुल्लू।। मनाली में सात अगस्त से लापता 21 साल की एक लड़की का शव ब्यास नदी के किनारे मिला है। पर्सिलिया डेनियल नाम की यह लड़की खखनाल में रहती थी और दोस्तों से मिलने ओल्ड मनाली गई थी।

लड़के के पिता स्विट्ज़रलैंड से और मां कुल्लू से हैं। जब बेटी घर नहीं लौटी तो पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी।

अब क़रीब एक हफ्ते बाद युवती का थव 15 मील में मनाली-कुल्लू हाइवे के पास मिला है। पुलिस ने इस मामले में दो युवकों को गिरफ्ता किया है। इनमें से एक निशांत उर्फ नीलू (20 साल) कुल्लू का रहने वाला है और दूसरा अर्चित (26) पंडोह का रहने वाला है।

कुल्लू के एसपी कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने बताया कि लड़की सात अगस्त को दोस्तों से मिलने निकली मगर लापता हो गई। ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, एसपी ने बताया कि बाद में पता चला कि वो एक अभियुक्त के साथ एक होटल में रुकी थी।

शुरुआती जांच बताती है कि होटल के कमरे में लड़की बेहोश हो गई। इसके बाद अभियुक्त ने उसे मरा हुआ मानकर गााड़ी में बिठाया और नदी में फेंक दिया।

एसपी का कहना है कि कॉल रिकॉर्ड्स के आधार पर पुलिस ने संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

जरूरतमंदों की सुविधाएं छीनना ही सुक्खू सरकार का व्यवस्था परिवर्तन: जयराम ठाकुर

शिमला।। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि कांग्रेस सरकार को प्रदेश के आम लोगों को दी गई उन सुविधाओं को छीनने का काम बंद करना चाहिए, जो सुविधाएं पिछली बीजेपी सरकार ने दी थीं।

बयान जारी कर जयराम ठाकुर ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने 2022 के विधानसभा चुनाव के समय दी गई गारंटियों को तो पूरा नहीं किया, मगर अब पिछली सरकार की दी गई सुविधाओं को छीन रही है।

उन्होंने कहा, “क्या व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर प्रदेश का रेवेन्यू बढ़ाने की बात करने के पीछे क्या मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की यही योजना थी? क्या इस तरह से प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा?”

ठाकुर ने कहा कि सहारा पेंशन योजना के तहत चलने फिरने में असमर्थ दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन को रोकना और मरीजों से इलाज करवाने का अधिकार वापस लेना बेहद शर्मनाक है। क्या सरकार की जरूरतमंद लोगों के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं है? अगर सरकार को राजस्व ही बढ़ाना है तो उसे वित्तीय बोझ घटाकर शुरुआत करनी चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू के कार्यकाल को किसी भी सरकार के सबसे खराब कार्यकाल के तौर पर याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने विकास कार्य भी नहीं किए। ठाकुर ने कांग्रेस सरकार की डेढ़ साल के कार्यकाल में 30 हजार करोड़ का कर्ज लेने के लिए भी आलोचना की।

2000 इलेक्ट्रिक बसें खरीद रही है HRTC, हटाई जाएंगी सभी डीज़ल बसें: सीएम सुक्खू

शिमला।। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एलान किया है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के लिए और इलेक्ट्रिक बसें खरीदकर इसे ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम बनाया जाएगा।

सीएम ने एचआरटीसी की बैठक के बाद कहा कि इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए 327 करोड़ रुपये दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 2000 अतिरिक्त टाइप टू ई-बसें खरीदने की प्रक्रिया जारी है।

अभी एचआरटीसी के पास 110 इलेक्ट्रिक बसें और 50 इलेक्ट्रिक टैक्सियां मौजूद हैं। सीएम ने कहा कि सारी डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिस बसों से बदल दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि एचआटीसी को मुनाफे में लाने के लिए भी ठोस योजना पर काम चल रहा है।

उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी हिमाचल की मुश्किलों भरी भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भरोसेमंदर परिवहन सेवाएं दे रही है। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी के कर्मचारी और पेंशनरों को अब समय पर वेतन और पेंशन मिलना शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा कि अब यह महीने की पहली तारीख को दिया जा रहा है, जबकि बीजेपी सरकार के दौरान उन्हें आठ से दस दिन का इंतजार करना पड़ता था।

कंगना रणौत बोलीं- जांच हो, कहां गए पिछले साल केंद्र से आए 1800 करोड़

शिमला।। मंडी की सांसद कंगना रणौत ने प्रदेश सरकार पर बीते साल आपदा के लिए केंद्र से आई राहत सामग्री के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने हिमाचल को 1800 करोड़ रुपये दिए थे।

कंगना ने आरोप लगाया कि केंद्र से मिली राशि से प्रभावित परिवारों को सात लाख रुपये की राहत राशि देने में भी प्रदेश की सुक्खू सरकार विफल रही।

हालांकि, कांग्रेस सरकार ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कंगना रणौत पर आपदा के समय ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है।

शिमला के रामपुर में समेज गांव का दौरा करने के बाद कंगना ने कहा कि लोगों को केंद्र सरकार से हर संभव मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी इसके लिए स्पेशल पैकेज की घोषणा करेंगे, जैसा पिछले साल 1800 करोड़ रुपये का पैकेज दिया था।

मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कंगना के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सवाल किया है कि वह सांसद हैं, ऐसे में केंद्र से वे कागजात लेकर आएं, जिनमें इतनी राशि बीते साल की आपदा के लिए केंद्र ने दी हो।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने भी कंगना के बयान को संवेदनहीन बताते हुए कहा कि यह समय राजनीतिक छींटाकशी का नहीं, बल्कि मिलकर काम करने का है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रभावित इलाक़ों और परिवारों में राहत कार्यो पूरी शिद्दत से चला रही है और लोगों को किसी तरह की कमी नहीं रहेगी।