हिमाचल का लोक संगीत: हमने भुला दिया, मगर ये लोग इसे जी रहे हैं

इन हिमाचल डेस्क।।

किसी भी जगह का लोक संगीत उसकी आत्मा होता है। अच्छी बात है यह कि संगीत कभी राजनीतिक सीमाओं में नहीं बंधता। यानी लोक संगीत एक संस्कृति पर आधारित होता है, किसी देश, राज्य या जिले वगैरह के नक्शे पर आधारित नहीं। इसी तरह से हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग लोक संस्कृतियां पाई जाती हैं और इनका अपना लोक संगीत है। यह संगीत मिलकर हिमाचल प्रदेश को परिभाषित करता है।

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लीला ठाकुर से बात करती ऐंकर। विडियो देखने के लिए नीचे जाएं।

वक्त के साथ हम लोक संगीत से विमुख होकर अन्य तरह के संगीत की तरफ आकर्षित होने लगे हैं। मगर फिर भी कुछ लोग हैं, जिनकी सांसों में यह संगीत बसा हुआ है। भले ही आप इन्हें पहचानते न हों, मगर कोई फर्क नहीं पड़ता। इन्हें पहचान की जरूरत भी नहीं है। इनके लिए संगीत किसी तरह का व्यवसाय नहीं है। संगीत इनके लिए उपासना, आराधना है, जीवन जीने का ढंग है।

नजर डालिए इस विडियो पर और देखिए हिमाचल का छिपा हुआ टैलंट 🙂

https://www.youtube.com/watch?v=8dTbi3Yttxk

 

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