किसी के साथ जबरदस्ती होली खेलना आपको जेल पहुंचा सकता है

इन हिमाचल डेस्क।।
होली पर लोगों की जुबान पर ‘बुरा न मानो होली है’ का जुमला चढ़ा रहता है, मगर किसी का बुरा मानना आपको जेल तक पहुंचा सकता है। किसी की इच्छा के खिलाफ जाकर उससे जबरन होली खेलना आपको जेल पहुंचा सकता है। किसी पर जबरन रंग डालना, पानी गिराना, पानी के गुब्बारे फेंकना और उसे किसी भी तरह से परेशान करना न सिर्फ गलत है, बल्कि इसके लिए कानूनन सजा भी मिल सकती है।
देखने को मिलता है कि होली के कई दिन पहले से ही लोग अपने घरों में छिपकर नीचे सड़क से होकर आ-जा रहे लोगों पर पानी के गुब्बारे फेंकते रहते हैं। ऐसा करने वालों में बच्चों की तादाद ज्यादा होती है मगर पैरंट्स भी चुपचाप खड़े यह सब देखकर मजा लेते रहते हैं। होली के बहाने अक्सर कुछ किशोर लड़कियों को ज्यादा टारगेट बनाकर रखते है। लेकिन यह सब करना महंगा पड़ सकता है। अगर आपकी किसी हरकत से किसी को चोट पहुंचती है या उसे असुविधा होती है, तो वह आपको कोर्ट ले जा सकता है, जहां से आपको कड़ी सजा मिल सकती है।
HOLI
साभार; CNN
ईस्ट ऑफ कैलाश में रहने वाले अटल गुलानी बताते हैं कि पिछले साल होली से एक दिन पहले उन्हें खबर मिली कि उनके दोस्त का ऐक्सिडेंट हो गया है। वह जैसे ही हॉस्पिटल जाने के लिए अपनी बाइक पर निकले, किसी ने उनपर पानी से भरा गुब्बारा फेंक दिया। यह गुब्बारा सीधा उनकी आंख में आकर लगा और वह बाइक से गिरकर घायल हो गए और कलाई में फ्रैक्चर आ गया।
इसी तरह से अमर कॉलोनी के एक गर्ल्स पीजी में रहने वाली रिचा वर्मा को होली से नफरत हो चुकी है। वह बताती हैं, ‘पिछले हफ्ते मैं रिक्शा पर ऑफिस से लौट रही थी। जैसे ही मैं गली में दाखिल हुई, सड़क के दोनों ओर बने घरों से पानी भरे गुब्बारों की बरसात होने लगी। ये सब करने वाले 13-14 साल के लड़के थे। मैं उन्हें रोकती रही, लेकिन वे दूर से गुब्बारे फेंकते रहे। मैं पूरी तरह से भीग चुकी थी। रोना सा आ रहा था। इन लड़कों के पैरंट्स उन्हें रोकने के बजाय वहां पर खड़े हंस रहे थे।’
जो कुछ अटल और रिचा के साथ वह हुआ, वह गलत होने के साथ-साथ गैरकानूनी भी था। अगर उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की होती उनके साथ ऐसी हरकत करने वालों को कोर्ट से सजा और जुर्माना दोनों हो सकता था। कानून के जानकार बताते हैं कि होली के नाम पर किसी भी तरह की बदतमीजी कानूनन अपराध है। गुब्बारे फेंकना, अचानक से पानी गिराना, रंग लगा देना या छूना एक तरह से दूसरों को चोट पहुंचाने वाले ऐक्शन है, जिसके लिए आईपीसी में सजा का प्रावधान है। अगर किसी को पकड़कर रंग लगाया जाता है तो मामला और भी गंभीर हो जाता है।
1. अगर रंग, पानी या गुब्बारे फेंकने से किसी को चोट लगती है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 319 के तहत मामला दर्ज हो सकता है। अगर चोट गंभीर हो तो धारा 323 भी लगेगी। इसके साथ ही धारा 268 के तहत सार्वजनिक स्थान पर लोगों के लिए असुविधा पैदा करने का मामला भी लग सकता है।
2. अगर लड़कियों के साथ ये सब हरकतें की जाएं, तो इसे ईव-टीजिंग यानी छेड़छाड़ की कैटिगरी में रखा जा सकता है। इसके लिए आईपीसी की धाराओं 509, 294 और 354 के तहत मामला दर्ज होगा।
 
3. ऊपर सभी बताई गई बातों के अलावा अगर और किसी तरह का नुकसान होता है तो उससे जुड़ी धाराओं का मामला भी दर्ज किया जा सकता है।
 
4. अगर ये सब हरकतें करने वाले आरोपी नाबालिग हैं, तो मुकदमा जुवेनाइल कोर्ट में चलेगा और उनके पैरंट्स को सह-आरोपी बनाया जा सकता है।
 
इसलिए होली उसी के साथ खेलें, जो आपके साथ खेलना चाहता हो। पैरंट्स को भी ख्याल रखना होगा कि उनके बच्चे कुछ ऐसा ही तो नहीं कर रहे, वरना उन्हें खुद भी सह-आरोपी बनना पड़ सकता है। किसी भी व्यक्ति को आपके द्वारा पहुंचाया गया नुकसान कानून की नजर में नुकसान ही है, कम से कम कोर्ट में तो ‘बुरा न मानो होली है’ की दलील नहीं चलेगी।
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