महेंद्र सिंह ठाकुर होंगे मंडी लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार?

इन हिमाचल डेस्क।। रामस्वरूप शर्मा के निधन से खाली हुई मंडी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी में चल रहा मंथन अब आख़िरी दौर में पहुंच गया है। ऐसी सूचना मिली है कि धर्मपुर से विधायक और जयराम सरकार में कद्दावर मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को टिकट देने पर सहमति बनती दिख रही है।

महेंद्र सिंह के दौरे के मायने क्या?
इस बात की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है मगर मंडी जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच भी इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इसी बीच कोरोना संकट के दौरान ही महेंद्र सिंह ठाकुर ने विधानसभा क्षेत्रों का दौरा शुरू कर दिया है। मंगलवार को वह जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र का पूरा चक्कर लगाएंगे। इसके लिए महेंद्र के क़रीबी निर्दलीय विधायक प्रकाश राणा ने अपने समर्थकों से मंत्री के सामने अपनी समस्याएं लेकर आने को कहा है। भाजपा मंडल के अध्यक्ष पंकज जमवाल ने भी ऐसी ही गुजारिश की है।

इसके बाद महेंद्र सिंह बगल की दरंग विधानसभा सीट का दौरा करेंगे और लोगों की समस्याएं सुनेंगे। इस दौरे को रणनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इस समय कोरोना कर्फ्यू लागू है और समस्याएं सुलझाने के लिए सरकार जनमंच जैसे कार्यक्रम भी नहीं कर रही। इसलिए राजनीतिक पंडितों की भी निगाहें इस बात पर टिक गई हैं अचानक महेंद्र सिंह ठाकुर को अपने पड़ोस के विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने की क्या ज़रूरत आन पड़ी।

महेंद्र सिंह ठाकुर

बदली ‘चाहवानों’ की बोली
पिछले दिनों महेंद्र सिंह ठाकुर की बेटी वंदना गुलेरिया के समर्थकों ने उनके लिए मंडी से बीजेपी का टिकट मांगा था जबकि प्रकाश राणा के समर्थकों ने उनकी पत्नी रीमा राणा के लिए। मगर पिछले कुछ दिनों से अचानक ये समर्थक खामोश हो गए हैं। उनकी इस चुप्पी को भी इशारे के तौर पर लिया जा रहा है कि कहीं न कहीं महेंद्र सिंह को मंडी का दुर्ग बरक़रार रखने की ज़िम्मेदारी मिलने वाली है।

हिमाचल में इस समय एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटें खाली हैं जिनपर उपचुनाव होना है। खास बात यह है कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए डेढ़ साल से भी कम समय बचा है। और जब ये उपचुनाव होंगे तो और भी कम समय बचेगा। इसलिए बीजेपी और कांग्रेस, दोनों की कोशिश तीनों सीटों में जीत हासिल करने की होगी ताकि चुनावों से पहले गलत संदेश न जाए।

किन हालात में लड़ेंगे चुनाव?
अब सवाल उठता है कि इतने कद्दावर नेता महेंद्र सिंह भला क्यों मंत्री पद छोड़कर सांसद बनना चाहेंगे। जानकारी मिली है कि अगर कांग्रेस पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह को टिकट देगी तो उस स्थिति में महेंद्र सिंह को हर हाल में लोकसभा चुनाव लड़ना पड़ सकता है। ऐसी चर्चाएं पहले से ही आम हैं कि 2019 चुनावों में हार के डर से मंडी से नहीं लड़ने वाला वीरभद्र परिवार उपचुनाव में जीत की संभावनाएं देखते हुए सक्रिय हो सकता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस इस बार किसी भी स्थिति में सुखराम के पोते आश्रय शर्मा को नहीं उतारेगी क्योंकि वह बहुत ही बड़े मार्जन से हारे थे।

महेश्वर सिंह का दौर बीत सा गया है और ब्रिगेडियर खुशहाल सिंह मंडी से बाहर चुनावी राजनीति के हिसाब से उतने सफल नहीं माने जा सकते। मंडी लोकसभा सीट के अंदर आने वाले विधानसभा क्षेत्रों मे ंभी कोई और विधायक या नेता बीजेपी के पास ऐसा नहीं है जो प्रतिभा सिंह को हराने की कूव्वत रखे। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि पिछले कुछ समय में महेंद्र सिंह प्रभावशाली और आर्थिक रूप से सशक्त बनकर उभरे हैं, ऐसे में वह अपने दम पर चुनाव लड़ने की क्षमता रखते है।

इस बात को लेकर कोई भी विश्लेषक कोई टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं है कि राज्य से इतना ताकतवर मंत्री पद छोड़कर अगर महेंद्र सांसद बन भी गए तो उन्हें केंद्र में क्या मिलेगा। क्योंकि उनसे पहले किशन कपूर ने भी मंत्री पद छोड़कर लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की मगर केंद्र में उन्हें कुछ खास हासिल नहीं हुआ। बहरहाल, महेंद्र सिंह लोकसभा उप-चुनाव लड़ेंगे या नहीं, यह तो भविष्य में ही पता चलेगा। लेकिन फिलहाल बीजेपी के कार्यकर्ताओं में भी इस बात को लेकर चर्चा और अटकलें चरम पर हैं।

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