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Saturday, September 13, 2025
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आय से अधिक संपत्ति केस में फंसे वीरभद्र, सीबीआई ने दर्ज की प्रीलिमनेरी इन्क्वायरी

नई दिल्ली।।

हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह आय से अधिक संपत्ति के मामले में बुरे फंसे हैं। गुरुवार को सीबीआई ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में प्रीलिमनेरी इन्क्वायरी (preliminary inquiry) )दर्ज कर ली है। वीरभद्र सिंह पर केंद्र में स्टील मंत्री रहते हुए 6.1 करोड़ रुपये की अतिरिक्त संपत्ति बनाने का आरोप है।


गौरतलब है कि अकेले वीरभद्र सिंह ही नहीं उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, बेटा बिक्रमादित्य सिंह, बेटी अपराजिता भी आरोपी है। सीबीआई ने वीरभद्र सिंह के परिवार के सदस्यों के खिलाफ भी प्रीलिमनेरी इन्क्वायरी (preliminary inquiry) दर्ज की है। इससे पहले भी वीरभद्र सिंह पर करप्शन के आरोप लग चुके हैं।


अभी हाल ही में वीरभद्र सिंह को बहुचर्चित सीडी मामले से हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राहत दी थी। मगर अब एक बार फिर वह मुश्किल में फंस गए हैं।

अविवाहित हिमाचलियों के लिए यह मेट्रिमोनियल साइट लेकर आई है कई तरह के ऑफर

“हिमाचली रिश्ता” नामक मेट्रिमोनियल वेबसाइट जल्द ही उन 100 भाग्यशाली लोगों के नाम जारी करने जा रही है जिन्हे फ्री मेम्बरशिप के लिए चुना गया है साथ ही आज 15 जून से यह पेड मेम्बरशिप शुरू कर रहे हैं । लुभावने ऑफर के तहत यह लोग हर रोज रजिस्टर करने वाले 5 भाग्यशाली मेंबर्स को निशुल्क Paid मेम्बरशिप दे रहे हैं। जिसका रिजल्ट यह अपने फेसबुक पेज www.facebook.com/himachalirishta पर पब्लिश करेंगे।
गौरतलब है की इस वेबसाइट को हिमाचल प्रदेश से सबंधित लोगो के लिए ही बनाया गया है ,विशेष तोर पर जो हिमाचल से बाहर रह रहे है , और जिन्हे रिश्ता ढूंढने में काफी मुश्किल होती है।

गौरतलब है की इस वेबसाइट को हिमाचल प्रदेश से सबंधित लोगो के लिए ही बनाया गया है ,विशेष तोर पर जो हिमाचल से बाहर रह रहे है , और जिन्हे रिश्ता ढूंढने में काफी मुश्किल होती है।

इस शख्स ने लिया हिमाचली जवानों की शहादत का ‘बदला’: जानिए कौन हैं अजीत सिंह डोभाल

शिमला।।

देश के लिए कुर्बान हुए जवानों में से हिमाचल प्रदेश के भी सात जवान थे इनकी शहादत ने हिमाचल प्रदेश मको गर्व के साथ साथ ग़मगीन भी किया।  वतन के लिए मिटने वाले ये वीर वापिस तो नहीं आ सकते परन्तु इनकी शहादत का बदला भारतीय सेना ने ले लिया।  मणिपुर से म्यांमार बॉर्डर में घुसकर भारतीय सेना ने उन सब आतंकवादियों का खात्मा कर दिया जो मणिपुर हमले के जिम्मेदार थे।  इस गुप्त ऑपरेशन में सबसे सक्रिय भूमिका निभायी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत सिंह डोभाल ने।  आएये जानिये कौन हैं ये अजीत सिंह डोभाल।

फोटो abplive.in से साभार

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का मुख्य कार्यकारी होता है और उसका मुख्य काम प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सलाह देना होता है। डोवाल केंद्र सरकार में सबसे ताकतवर अफसर माने जाते हैं। वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार बनने से पहले आईबी के चीफ रह चुके हैं। उन्होंने पंजाब से लेकर नॉर्थ ईस्ट तक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान दिया है। वह पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी भी माने जाते हैं। उन्होंने मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में आतंकवाद से लड़ाई लड़ने में अहम भूमिका निभाई।

31 जनवरी 2005 में खूफिया ब्यूरो प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त डोवाल 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूलत: उत्तराखंड के पौड़ी गड़वाल से हैं। उनके पिता भारतीय सेना में थे और उन्होंने अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की है। साथ ही आगरा यूनिवर्सिटी से इकोनोमिक्स में मास्टर डिग्री ली है।ऑपरेशन की प्‍लानिंग उग्रवादियों के हमले के अगले दिन, यानी पांच जून से ही होने लगी। इसी वजह से एनएसए डोभाल ने छह जून को प्रधानमंत्री के साथ बांग्‍लादेश जाने का कार्यक्रम टाल दिया। वह बीते कुछ दिन से मणिपुर में ही थे। यहां वे इंटेलिजेंस से मिले इन्पुट्स पर नजर रख रहे थे।

13 घंटे का ऑपरेशन
फूलप्रूफ प्‍लानिंग के बाद सोमवार देर रात ही सेना के हेलिकॉप्टर्स ने पैरा कमांडोज को म्यांमार के सीमा के अंदर एयरड्रॉप किया। मंगलवार तड़के 3 बजे उनका ऑपरेशन शुरू हो गया। हालांकि, भारतीय राजदूत इसके बारे में म्यांमार के विदेश मंत्रालय में उस वक्त बता पाए, जब मंगलवार सुबह तयशुदा वक्त पर उनके दफ्तर खुले।कमांडोज ने 13 घंटे के ऑपरेशन में दोषी उग्रवादियों को ठिकाने लगा दिया। इस ऑपरेशन में इंडियन एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर और ड्रोन्स ने स्पेशल कमांडोज की मदद की। कमांडोज म्यांमार के सात किमी अंदर तक घुस गए। इंटेलिजेंस के इन्पुट्स के आधार पर कमांडोज नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (खापलांग) के कैंपों तक चुपचाप पहुंचे। कमांडोज को इन उग्रवादियों के कैंपों तक पहुंचने के लिए सैकड़ों मीटर तक रेंग कर जाना पड़ा। तकनीकी एक्सपर्ट्स ने कन्फर्म किया कि आतंकी इन्हीं कैंपों में हैं। ड्रोन्स के जरिए उन पर कई घंटों से नजर रखी गई थी। इसके बाद, कमांडोज ने जो किया, उसकी आधिकारिक जानकारी सेना ने मंगलवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी।

29 साल पहले पूर्वोत्तर में डोवाल के तजुर्बे का आर्मी को मिला फायदा
नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल ने पीएम के साथ बांग्लादेश दौरा ऐन वक्त पर रद्द कर दिया था। डोभाल मणिपुर में इंटेलिजेंस इनपुट्स पर नजर रख रहे थे। डोभाल जब आईबी में थे, तब उन्हें 1986 में पूर्वोत्तर में उग्रवादियों के खिलाफ खुफिया अभियान चलाने का अनुभव है। उनका अंडरकवर ऑपरेशन इतना जबर्दस्त था कि लालडेंगा उग्रवादी समूह के 7 में से 6 कमांडरों को उन्होंने भारत के पक्ष में कर लिया था। बाकी उग्रवादियों को भी मजबूर होकर भारत के साथ शांति समझौता करना पड़ा था। 1968 की केरल बैच के आईपीएस अफसर अजीत डोभाल 6 साल पाकिस्तान में अंडरकवर एजेंट रहे हैं। वे पाकिस्तान में बोली जाने वाली उर्दू सहित कई देशों की भाषाएं जानते हैं। एनएसए बनने के बाद वे सभी खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों से दिन में 10 बार से ज्यादा बात करते हैं।

खालिस्तानी आतंकियों पर कार्रवाई में भी डोवाल ने ही दिए थे इनपुट
ऑपरेशन ब्लूस्टार के 4 साल बाद 1988 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में एक और अभियान ऑपरेशन ब्लैक थंडर को अंजाम दिया गया। मंदिर के अंदर दोबारा कुछ आतंकी छिप गए थे। डोवाल वहां रिक्शा चालक बनकर पहुंचे थे। कई दिनों तक आतंकियों ने उन पर नजर रखी और एक दिन बुला लिया। बताया जाता है कि डोवाल ने आतंकियों को भरोसा दिलाया कि वे आईएसआई एजेंट हैं और मदद के लिए आए हैं। डोवाल एक दिन स्वर्ण मंदिर के पहुंचे और आतंकियों की संख्या, उनके पास मौजूद हथियार और बाकी चीजों का मुआयना किया। उन्होंने बाद में पंजाब पुलिस को बाकायदा नक्शा बनाकर दिया। दो दिन बाद ऑपरेशन शुरू हुआ और आतंकियों को बाहर किया गया। इस ऑपरेशन में डोवाल की भूमिका के चलते उन्हें देश के दूसरे बड़े वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से नवाजा गया। 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान को जब अगवा कर कंधार ले जाया गया था तब यात्रियों की रिहाई की कोशिशों के पीछे डोवाल का ही दिमाग था।

शहीदों के परिजनों को HRTC बसों में फ्री यात्रा की सुविधा देने पर विचार: बाली

शिमला।।
हिमाचल प्रदेश के परिवहन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री जी.एस. बाली ने कहा है कि वह मणिपुर में शहीद हुए जवानों के परिजनों के लिए विशेष सुविधा देने का पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वह शहीदों के नजदीकी परिजनों को HRTC की बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा देने के हिमायती हैं।
अपने ऑफिशल फेसबुक पेज पर बाली ने लिखा है, ‘हिमाचल प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री होने के नाते मैंने यह विचार किया है कि मणिपुर में देश के लिए कुर्बान हुए हिमाचल प्रदेश के अमर शहीद सैनिकों की पत्नियों को आजीवन एवं उनके बच्चों को 21 वर्ष की उम्र तक तथा जो जवान अविवाहित ही इस राह चले गए, उनके माता-पिता के लिए आजीवन फ्री यात्रा का प्रावधान हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में रहे।’
हिमाचल प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री होने के नाते मैंने यह विचार किया है कि मणिपुर में देश के लिए कुर्बान हुए हिम…
बाली ने लिखा है कि निगम की अगली मीटिंग में इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। जानकारों का कहना है कि मंत्री के इस विचार पर मुहर लगना लगभग तय है, क्योंकि संबंधित विभाग के मंत्री को इस तरह के फैसले लेने का पूरा अधिकार होता है। निगम के अधिकारियों के साथ चर्चा करके नियम व शर्तें तय करके इस महीने के आखिर तक विधिवत रूप से इस कदम की घोषणा की जा सकती हैा।
गौरतलब है कि जी.एस. बाली ने हाल ही में फेसबुक पर ऑफिशल पेज के जरिए मौजूदगी बनाई है। बेहद कम वक्त में उनके पेज के लाइक्स की संख्या 10 हजार के करीब पहुंच गई है और रोज करीब 1000 से ज्यादा लोग इससे जुड़ रहे हैं।
परिवहन मंत्री जी.एस. बाली
काफी तेज-तर्रार माने जाने वाले बाली पहले भी तुरंत लिए जाने वाले कड़े फैसलों की वजह से चर्चा में रहे हैं। रोडवेज की बसों पर परिवहन मंत्री का फोन नंबर लिखने की परंपरा भी उन्हीं ने शुरू करवाई थी। इसके अलावा कई बार जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर अन्य विभागों के मंत्रियों और यहां तक कि मुख्यमंत्री वीरभद्र से भी उनका मन-मुटाव हो चुका है।
इस बीच फेसबुक पर लोगों ने बाली के इस प्रस्ताव का स्वागत किए हुए मांग की है कि मणिपुर में शहीद होने वाले जवानों के अलावा अन्य मोर्चों पर शहीद सेना, पैरामिलिट्री और पुलिस आदि के जवानों की पत्नी या बच्चों को भी इसी तरह की सुविधा मिलनी चाहिए।

लेख: उनकी शहादत पर मुझे गर्व नहीं, दर्द होता है

आदर्श राठौर।। ब कभी मैं जान गंवाने वाले जवानों, उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चों वगैरह के बारे में सोचता हूं, आत्मा हिल जाती है। शहादत, कुर्बानी, गर्व… ये सब बेकार के जुमले लगने लगते हैं।

वे एक ही सपना लिए अपने परिवार से दूर मुश्किल हालात में ड्यूटी करते हैं। यह सपना होता है- परिवार के सपनों को पूरा करना। अम्मा-बापू की दवा-दारू में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए, पत्नी कभी उदास नहीं होनी चाहिए, बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं रहनी चाहिए, फलां रिश्तेदार की शादी में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए, वगैरह-वगैरह।

इनसे अलग एक और ख्वाहिश- एक छोटा सा घर बनाना है, जहां रिटायरमेंट के बाद आराम से रहा जाएगा। फुरसत में जवान सोचता होगा कि रिटायर होने पर बूढ़े मां-बाप की सेवा करूंगा, पत्नी और बच्चों को जो वक़्त नहीं दे पाया, उसकी भरपाई करूंगा। जिस जगह बचपन बीता था, वहीं पर बुढ़ापा गुज़ारूंगा। उन्हीं खेतों में घूमूंगा, उन्हीं पेड़ों पर चढूंगा, उन्हीं रास्तों से गुजरूंगा।


मगर अचानक एक गोली, एक धमाका और सब ख़त्म। सब सपने भी गायब। आखिर में तिरंगे में लिपटकर वह फिर उसी आंगन में आता है, उन्हीं गलियों से गुजरता है; मगर कुछ देख नहीं सकता, महसूस नहीं कर सकता। ज़िन्दगी ख़त्म, तो सब ख़त्म। किसी चीज़ का कोई मतलब नहीं होता। बंदूक की फायरिंग के साथ सलामी और ‘अमर रहे’ जैसे नारों का भी नहीं। कभी शहीद जवान की जगह खुद को या अपने किसी करीबी को रखकर सोचिए, मेरी बात समझ आ जाएगी।

किसी हादसे में मौत हो जाए, बात समझ में आती है कि इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता। मगर इस तरह से किसी की जान नहीं जानी चाहिए। इंसान की इंसान के हाथों हुई ये मौत हत्या है। यह सिलसिला बंद होना चाहिए। जमीन के टुकड़ों या चन्द लोगों की सनक की राजनीति न जाने ऐसी कितनी ही मौतों के लिए जिम्मेदार है। संख्या में गिनती होती है कि आज फ्लां जगह पर इतने जवान शहीद, फेसबुक पर RIP टाइप होता है और फिर सब नॉर्मल।

मेरी गुज़ारिश है कि गर्व करना बंद कीजिए, दर्द को महसूस करना शुरू कीजिए। ओ नेताओ, अब तक जो होता रहा, वो तो हो गया। आगे हम क्या और कैसे सही कर सकते हैं, यह सोचिए। इतिहास की नहीं, भविष्य की चिंता कीजिए। निपटाइए ये झगड़े, सुलझाइए ये विवाद। यथास्थिति बनाए रखकर आप जवानों की ज़िन्दगी से खेल रहे हैं। अपनी नाकामी और अक्षमता की बलि चढ़ा रहे हैं आप उन्हें।

(हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंदर नगर से ताल्लुक रखने वाले पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता Aadarsh Rathoreकी फेसबुक टाइमलाइन से साभार। )

हिमाचल प्रदेश में टाटा की एंट्री: कांगड़ा चाय बनेगी ‘टाटा टी’

शिमला।।
हिमाचल प्रदेश में इन्वेस्टमेंट  के लिए टाटा ग्रुप ने भी पहल कर दी है।  एक दैनिक अखबार में छपी खबर के अनुसार हिमाचल में टाटा ग्रुप जल्द ही चाय उद्योग स्थापित कर सकता है। मशहूर कांगड़ा चाय के अलावा टाटा ने बिजली के बड़े प्रॉजेक्ट्स, स्टार होटेल्स और रोपवे आदि में निवेश की इच्छा जताई है।
प्रदेश में टाटा समूह हजारों करोड़ रुपये निवेश को तैयार है। इससे हिमाचल के लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। प्रदेश सरकार को निवेश प्रस्ताव सौंपने के साथ वीरवार को कंपनी प्रतिनिधियों ने शिमला में अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की। इस बैठक में पांच क्षेत्रों में निवेश के लिए एरिया ऑफ अग्रीमेंट तय कर लिया गया है।
टाटा सर्विसेज लिमिटेड के प्रेजिडेंट (बिजनेस) दीपांकर तिवारी की अगुवाई में कंपनी के अधिकारियों ने सरकार के समक्ष कांगड़ा चाय को टाटा टी के नाम से तैयार करने के लिए उद्योग लगाने का प्रस्ताव रखा। इसके अलावा 100 मेगावाट से ऊपर के बिजली प्रॉजेक्टों, सेवन स्टार रिसॉर्ट्स, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में भी निवेश के लिए काफी दिलचस्पी दिखाई। इसके अलावा सार्वजनिक निजी भागीदारी से सुरंगों के निर्माण, शहरों में स्ट्रीट लाइट, शुद्धिकरण, आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं में भी निवेश को कंपनी ने हामी भरी है।
टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि 15 दिन के भीतर प्रदेश का दौरा कर निवेश के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे। निदेशक उद्योग राजेंद्र सिंह ने बताया कि वीरवार को टाटा ग्रुप के अधिकारियों ने सरकार के साथ बैठक कर एरिया ऑफ एग्रीमेंट तय कर लिया है।
समूह बड़े स्तर पर निवेश को तैयार है। सचिवालय में यह बैठक प्रधान सचिव उद्योग आरडी धीमान की अध्यक्षता में हुई। बैठक में दीपांकर तिवारी के अलावा टाटा टी कंपनी के उपाध्यक्ष वेकंटरमनन कृष्णामूर्ति भी मौजूद रहे।

वोडाफोन ऐड की तरह एकसाथ कई वाद्य यंत्र बजाता कलाकार

धर्मशाला।।

हमें खुशी है कि हम आपके लिए जो भी कॉन्टेंट ला रहे हैं, वह आपको पसंद आ रहा है। इसी सीरीज के तहत हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ऐसा शख्स, जो कि एकसाथ कई इंस्ट्रूमेंट बजा लेता है। (विडियो देखने के लिए एकदम नीचे जाएं)

एकसाथ 3 वाद्य यंत्र बजाते बुजुर्ग कलाकार

‘हिडन टैलंट इन हिमाचल’ टाइटल के साथ अपलोड किए गए इस विडियो में एक बुजुर्ग शख्स सड़क किनारे बैठकर कई वाद्य यंत्र एकसाथ बजाते दिख रहे हैं।

आपको ध्यान होगा कि कुछ दिन पहले वोडाफोन का ऐड आया था, जिसमें एक शख्स एकसाथ कई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजा रहा था।

वोडाफोन ऐड

विडियो में दिख रहे बुजुर्ग भी ऐसा कर रहे हैं। फर्क इतना है कि वह स्टैंड में रखी गई हारमोनिका (माउथ ऑर्गन) प्ले कर रहे हैं, हाथों से ढोलक बजा रहे हैं और पैर से खंजरी छनका रहे हैं।

आप इस विडियो को यहां पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं, ताकि वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड कर सकें (5.5 MB)

विडियो देखिए और इंजॉय कीजिए:
/यह विडियो मनाली मॉल रोड का बताया जा रहा है। यह पता नहीं चल पाया है कि कलाकार मूल रूप से हिमाचली है या कोई टूरिस्ट है। मगर जो भी हो, टूरिस्ट्स के लिए इंटरस्टिंग है यह सब देखना।

इस तरह की चीजें फेसबुक न्यूज फीड में पाने के लिए यहां क्लिक करके Like करें In Himachal का पेज

HPCA पर सवाल पूछा, तो धूमल ने दी ‘देख लेने’ की धमकी: नीरज भारती

शिमला।।
सोशल मीडिया पर विवादित कॉमेंट्स से सुर्खियों मे रहने वाले चीफ पार्ल्यामेट्री सेक्रेटरी (एजुकेशन) और ज्वाली से कांग्रेस विधायक नीरज भारती ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को लेकर एक पोस्ट डाली है। भारती ने दावा किया  है कि अनुराग ठाकुर के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश क्रिकेट असोसिएशन (HPCA) के बारे में सवाल पूछने पर धूमल भड़क गए। भारती ने लिखा है कि धूमल ने उन्हें ‘देख लेने’ की धमकी धी।
एचपीसीए चीफ अनुराग ठाकुर के लेटरहेड की तस्वीर के साथ नीरज भारती ने लंबा सा वाकया लिखा है। हम उस वाकये को यथावत अपने पाठकों के लिए यहां पर दे रहे हैं। 31 मई को डाली पोस्ट में नीरज भारती ने लिखा है-
‘दोस्तों ये लो हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसीएशन का सच! हिमाचल प्रदेश की क्रिकेट एसोसीएशन के ऑफिस का पता पंजाब का हो उस प्रदेश का क्या भला करेगा हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसीएशन का अध्यक्ष व सांसद अनुराग ठाकुर? जब पिछले विधानसभा सत्र के दौरान खेल विधेयक पर चर्चा हो रही थी, तो मैंने इस विषय को सदन मे उठाया था तब ये बात अनुराग ठाकुर के पिता व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को ये बात चुभ गई थी! उसी दिन दोपहर मे भोजन अवकाश के दौरान जब मै और मीडिया के कुछ साथी दोपहर का भोजन ग्रहण कर रहे थे तब अचानक से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल वहां पर आ गए।
नीरज भारती ने यह फोटो शेयर किए हैं।
हम कुछ लोग वहां भोजन कर रहे थे। उस दिन से पहले मैंने कभी उनको वहाँ नहीं देखा था इसलिए उनके सम्मान मे मैं भी खडा हो गया। हाथ मे रोटी थी और मुँह मे निवाला था। उनके आते ही नमस्कार की पर अफसोस नमस्कार का जवाब देने के वजाए उन्होंने ने उंन्गली मेरी तरफ कर के कहा के आप जो बोलते है, वह सोच समझ कर बोला करो। तो मैंने भी झट से जवाब दिया कि मैं जो भी कहता हूँ सोच समझ कर कहता हूँ और जिस बात का प्रमाण होता हैं वही बात कहता हूँ। इसपर वह बोले कि आपको पता हैं कि दिल्ली पव्लिक स्कूल प्राइवेट प्रॉप्रटी है। मैने कहा की बिल्कुल पता है जी पर मेरा ऑब्जैक्शन वह स्कूल नहीं है. मेरा ऑब्जैक्शन तो यह हैं कि हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसेसिएशन का कार्यालय वहाँ पंजाब मे क्यों है। क्या हिमाचल मे कोई जगह नहीं मिली थीं अनुराग ठाकुर को ?
 
तब वह बोले कि यह उनका निजी मामला है वह चाहे जहाँ मरजी अपना कार्यालय खोले। तो मैंने कहा ठीक है मैंने अपनी बात कहनी थी वह कह दी तो। वह बोले कोई नहीं देख लेंगे। तो मैंने भी कहा देख लेना जो देखना होगा तभी उनके पीछे रुके एक विधायक विनोद कुमार जी ने मुझे कहा ये कैसे बात कर रहे हैं आप। तो मैने कहा भाई मैं तो ठीक तरह से ही बात कर रहा हूँ। आप अपने नेता जी को समझाइए के वह देख लेंगे की धमकी किसे दे रहे हैं। मैं तो उनके सम्मान मे खाना खाते हुए भी खड़ा हुआ हूँ। वह विधायक महोदय भी गरम हो गए और तब तक तापमान मेरा भी थोड़ा बढ़ चुका था। मैंने विधायक महोदय को कहा कि दिमाग मत खराब करो, मेरा मुझे खाना खाने दो!
 

इन सब बातों के गवाह कुछ पत्रकार बंधु भी हैं पर पता नहीं अब वे लोग कुछ बोलेंगे या नहीं ? पर सवाल यह हैं की एक पूर्व मुख्यमंत्री को एक तुच्छ से विधायक से क्यों उलझना पड़ा या सफाई देने पडी ? क्या कारण है की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का कार्यालय पंजाब मे हैं ? क्या हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन निजी जागीर हैं ? क्या इस बात का जवाब अनुराग ठाकुर देगा ? और साथ मे ये भी बतायेगा की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन मे कितने मैंम्बरस हिमाचल के हैं और कितने हिमाचल के बाहर से हैं ? हिमाचल रंणजी मे हिमाचल के कितने खिलाड़ी हैं ? अाज तक हिमाचल के कितने खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं ? और अगर दोस्तों यह सवाल पूछ कर मैंने कुछ गलत किया है तो माफी चाहूंगा ! क्या ये बात भी हमारे मीडिया के बंधु उठाएंगे ? धन्यवाद ! जय हिन्द , जय हिमाचल !’

सूत्रों के मुताबिक नीरज भारती की पोस्ट्स से बीजेपी में नाराजगी है, मगर वह कोई भी ऐक्शन लेने से बच रही है। नाम न छापने की शर्त पर बीजेपी के एक नेता ने बताया कि कार्यकर्ताओं में बड़े नेताओं के प्रति नाराजगी पनप रही है, क्योंकि वे भारती के खिलाफ न तो खुद ऐक्शन ले रहे हैं और न ही कार्यकर्ताओं को कुछ करने दे रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि बड़े नेता मानते हैं कि अगर नीरज भारती के खिलाफ कोई लीगल ऐक्शन या प्रदर्शन किया गया, तो एक तरह से उन्हें बैठे-बिठाए पॉप्युलैरिटी मिल जाएगी।

केरल के बाद दिल्ली में भी मैगी के 13 में से 10 सैंपल फेल

इन हिमाचल डेस्क।।
दिल्ली में नेस्ले के नूडल ब्रैंड मैगी के 13 में से 10 सैंपल टेस्ट में फेल पाए गए हैं। इनमें लेड की मात्रा तय मानकों से ज्यादा पाई गई है। खबर है कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बुधवार को मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले के अफसरों के साथ मुलाकात करेंगे।
एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में सत्येंद्र जैन ने कहा है कि बुधवार को इस मामले में बड़ा फैसला लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि इस मामले में दिल्ली सरकार शहर से मैगी हटवा सकती है और केस भी दर्ज करवा सकती है।
केरल स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन ने भी राज्य भर में अपने आउटलेट्स पर मैगी न बेचने का फैसला किया है। राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री अनूप जैकब ने इस बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं। ऐसा बैन लगाने वाला केरल देश का पहला राज्य है। केरल सरकार ने यह फैसला उन खबरों के मद्देनजर किया है, जिनमें बताया जा रहा है कि मैगी में खतरनाक लेड पाया गया है।
पश्चिम बंगाल सरकार मैगी को लेकर बुधवार को एक हाई लेवेल मीटिंग करेगी। मैगी के नूडल्स में हेल्थ के लिए नुकसानदायक लेड कॉन्टेंट मिलने की खबरों के बाद इसे बनाने वाली कंपनी नेस्ले के एक अन्य प्रॉडक्ट मिल्क पाउडर में जिंदा लार्वा और घुन मिलने की बात सामने आई है। फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, कोयंबटूर के फूड एनालिसिस लैब की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि कंपनी के मिल्क पाउडर के 380 ग्राम पैकेट के एक सैंपल में 28 लाइव लार्वा और 22 सिटोफिलस ओरिजे (चावल में मिलने वाले घुन) मिले हैं।
तमिलनाडु की फूड सेफ्टी विंग ने इस मिल्क पाउडर को अनसेफ घोषित किया है। फूड सेफ्टी ऑफिसर आर कठिरवन ने रिपोर्ट की पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि इस साधार पर नेस्ले के सभी प्रोडक्ट्स को अनसेफ नहीं घोषित किया जा सकता।
ऐसे सामने आया मामला कोयंबटूर के पुलियाकुलम के रहने वाले टैक्सी ड्राइवर के. प्रेम अनंत ने अपने 18 महीने के जुड़वा बच्चों के लिए नेस्ले का NAN PRO 3 मिल्क पाउडर का 380 ग्राम का पैकेट खरीदा था। जब वह पैकेट को खोलकर मिल्क पाउडर निकाल रहे थे, तो उन्हें लार्वा मिले। जिस बच्चे को यह मिल्क पाउडर खिलाया गया, उसे दो दिन बाद कथित तौर पर स्किन एलर्जी हो गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
अनंत ने इसकी शिकायत नेस्ले के कस्टमर केयर में की। कंपनी ने लोकल एरिया मैनेजर को मामले की जांच के लिए भेजा। मैनेजर ने प्रोडक्ट रिप्लेस करने का ऑफर दिया, लेकिन अनंत ने इससे इनकार कर दिया। 29 अप्रैल को वह तमिलनाडु के फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स ऐडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की कोयंबटूर शाखा में पहुंचे। यहां उन्होंने टेस्टिंग के लिए सैंपल दिए।

फेसबुक पर मिली शिकायत पर बाली ने हिलाई परिवहन निगम की अफसरशाही

कांगड़ा।।

हिमाचल कांग्रेस के तेज-तर्रार नेता और तकनीकी एवं परिवहन शिक्षा मंत्री गुरुशरण बाली सोशल मीडिया पर भी ऐक्टिव हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश के अधिकांश नेताओं की तरह बाली ने भी अपना एक ऑफिशल फेसबुक पेज बना लिया है। इससे पहले बाली के नाम से जो भी पेज और यूजर आईडी फेसबुक पर थीं, वे उनके प्रशंसकों द्वारा चलाई जा रहीं थीं।

कुछ दिन पहले किसी गिरिजा नन्द नामक व्यक्ति ने परिवहन मंत्रीं को फेसबुक पर ही सन्देश देकर अवगत करवाया कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसें जिन ढाबों में यात्रियों को खाना खिलाने के लिए रुकती हैं, वहां का खाना एक तो नाजायज महंगा है और ऊपर से खाने की क्वॉलिटी भी अच्छी नहीं है।

बाली के ऑफिशल पेज के स्टेटस देखकर लगता है कि उन्होंने फेसबुक की कम्प्लेंट पर करवाई भी कर दी और निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर से लेकर रीजनल मैनेजर तक के अधिकारीयों को खाना मॉनिटर करने के आदेश थमा दिए।

फेसबुक पर ऐक्टिव हुए मंत्री की चर्चा आजकल सबकी जुबान पर है, परन्तु आगे यह देखना है की ढाबों की यह चिरकालीन समस्या सुधर पाती है या नहीं।