19.3 C
Shimla
Saturday, September 13, 2025
Home Blog Page 328

‘हिमाचली रसोई’ से पर्यटकों को हिमाचल का जायका दे रहा है एक नौजवान

शिमला।।
शिमला में इन दिनों एक रेस्ट्रॉन्ट स्थानीय लोगों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। ‘हिमाचली रसोई’ नाम का यह रेस्तरां अपने यहां आने वाले लोगों को हिमाचली धाम और प्रदेश के अन्य पारंपरिक व्यंजनों को परोस रहा है। लोग भी हिमाचल के असली जायके का लुत्फ उठाकर वाहवाही करते नहीं थक रहे। सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा के बाद इन हिमाचल ने बातचीत की इस रेस्ट्रॉन्ट के मालिक हिमांशु सूद से।
टूरिस्ट्स के आकर्षण का केंद्र बना रेस्ट्रॉन्ट
हिमाचली रसोई को सफलता से चला रहे हिमांशु सूद का शिमला के मशहूर मॉल रोड पर फास्टफूड का रेस्ट्रॉन्ट था।  जाहिर है, आजकल फास्टफूड बड़े चाव से खाया जाता है, इसलिए धंधा जमा हुआ था। लेकिन एक बार हिमांशु को परेशान कर रही थी। बाहर से आए पर्यटक अक्सर उनसे पूछा करते थे कि यहां कुछ ऐसा कहां खाने को मिलेगा, जो हिमाचल का अपना हो। पर्यटक हिमाचली जायके को चखना चाहते थे और ऐसा न मिलने पर निराश हो जाया करते थे।
सादगी भरा माहौल
काफी सोच-विचार करने के बाद हिमांशु ने यही करने का मन बनाया। ग्रामीण पृष्ठभूमि से थे और बोटियों (बोटी दरअसल वे शेफ हैं, जो धाम बनाने में माहिर होते हैं) के साथ काम करने का भी उनके पास अनुभव था। उन्होंने कांगड़ी और मंडयाली बोटियों के साथ काम करने के अपने अनुभव पर भरोसा किया और ‘हिमाचली रसोई’ की कल्पना को धरातल पर उतार दिया।
प्रेम से धाम परोसने की तैयारी करते हिमांशु
आज आप हिमाचली रसोई में हिमाचली धाम का लुत्फ उठा सकते हैं। हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले लोग जानते होंगे कि ‘धाम’ का अर्थ हिमाचल प्रदेश की पारंपिक दावत को कहा जाता है। त्योहारों, उत्सवों या अन्य विशेष कार्यक्रमों में दी जाने वाली धाम में कई तरह के व्यंजन होते हैं। हर इलाके का व्यंजन, उसने बनाने का तरीका और स्वाद आदि वहां की पहचान है। उदाहरण के लिए कांगड़ा की कांगड़ी धाम, मंडी की मंडयाली धाम और बिलासपुर की केहलूरी धाम।
मुंह में पानी आया या नहीं?
इसी तरह से हिमाचली रसोई में सिड्डू या सीडू नाम की डिश भी आपको मिल जाएगी। यह ब्रेड की तरह की डिश है, जिसे मोमोज़ की ही तरह भाप में पकाया जाता है। कई जिलों में इस डिश को बड़े चाव के साथ खाया जाता है। बाहर से आने वाले पर्यटक भी इसकी तारीफ किए बगैर नहीं रह पाते।
खास बात यह है कि हिमाचली व्यंजनों से भरपूर धाम को खाने का तुल्फ जमीन पर बैठकर उठाया जा सकता है। सुविधा के लिए यहां पर उन्होंने पटड़े बनाए हैं। साथ ही बुजुर्गों या उन लोगों के लिए जो घुटनों के दर्द आदि की वजह से नीचे नहीं बैठ सकते, टेबल पर बैठने की भी व्यवस्था है।
आराम से बैठकर खाइए धाम
जब इन हिमाचल ने हिमांशु से पूछा कि क्या आप हिमाचली रसोई के और आउटलेट्स खोलेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘हम तो चाहेंगे कि अन्य जगहों पर भी हिमाचली धाम और अन्य पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ लोग उठाएं। मगर यहां मैं खुद क्वॉलिटी का पूरा ख्याल रखता हं। बाकी जगहों पर भी ऐसा करना बहुत जरूरी होगा। अगर ऐसा करना संभव होगा तो जरूर आगे बढ़ेंगे।’

हिमांशु ने सोमवार को ‘सेवा’ शुरू करने की भी इच्छा जताई। इसके तहत कोई भी भोजन कर सकेगा। बदले में वह अपनी इच्छानुसार पैसे दे सकता है और अगर सक्षम नहीं है तो बिना कुछ दिए भी भोजन कर सकता है।

तो अगर अगली बार शिमला जाएं तो हिमाचली रसोई में हिमाचली धाम का जायका चखना न भूलें। प्रदेश के बाहर से कोई दोस्त या मेहमान आए तो उसे भी प्रदेश के व्यंजनों का जायका यहां पर चखाया जा सकता है।

जब स्कूल में बच्चों ने किया हिमाचली लोकनृत्य

0
इन हिमाचल डेस्क।।

हिमाचल प्रदेश को उत्सवों की भूमि कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यहां के लोग बड़ी खुशी और सहजता से उत्सव मनाते हैं। वॉट्सऐप पर शेयर किया जा रहा एक विडियो तबीयत खुश कर देता है। इसमें कुछ स्कूली बच्चे ग्रुप डांस करते नजर आ रहे हैं।

विडियो देखने के लिए नीचे स्क्रॉल करें

डीजे पर बॉलिवुड या पंजाबी गानों पर नाचना आजकल आम है, मगर इसमें ये बच्चे हिमाचली गानों पर डांस कर रहे हैं और वह भी लोकनृत्य यानी Folk dance. ऐसा देखना आजकल किसी चमत्कार से कम नहीं लगता 🙂

देखिए, विडियो:

हिमाचल कैबिनेट का संभावित चेहरा राजेश धर्माणी: संक्षिप्त परिचय

इन हिमाचल डेस्क।।

कयास  लगाए जा रहे हैं कि घुमारवीं के विधायक एवं सीपीएस राजेश धर्माणी हिमाचल कैबिनेट का नया चेहरा हो सकते हैं।  वीरभद्र सिंह पर इस संसदीय क्षेत्र में पैदा हुए असंतुलन को ठीक करने का दबाव बना हुआ है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि हाईकमान ने दिल्ली में इस बात को लेकर मुख्यमंत्री से  चर्चा की है।  वैसे तो कैबिनेट में मंत्रियों के संख्या पूरी हो गयी है  परन्तु ख़राब सेहत के चलते आई पी एच मंत्रीं विद्या स्टोक्स धर्माणी के लिए अपनी सीट छोड़ सकती हैं या विवादों में फंसते जा रहे ठाकुर सिंह भरमौरी से इस्तीफा लिया जा सकता है। राजेश धर्माणी राहुल गांधी के भी ख़ास सिपहसलार भी रहे हैं।राजनितिक परिचय
बिलासपुर जिले की घुमारवीं विधानसभा को रीप्रेसन्ट करने वाले धर्माणी का  जन्म  2 अप्रैल 1972  को घुमारवीं के पास लगते बाड़ी करगोड़ा गावं में हुआ था।  राजेश धर्माणी के दादा इलाके के एक प्रसिद्ध बोटी थे।  इनके पिता रतन लाल शिक्षा विभाग में मुख्याध्यापक पद से सेवानिवृत हुए है।

धर्माणी की प्रारंभिक शिक्षा गवर्नमेंट बॉयज स्कूल घुमारवीं से हुयी।  इसके पश्चात धर्माणी ने ऐन आई टी हमीरपुर ( तात्कालिक रीजनल इंजीनियरिंग कालेज ) से सिविल में बी टेक की डिग्री प्राप्त की।  धर्माणी ने इग्नू से एम बी ए भी कर रखी है।राजेश धर्माणी ने अपने बचपन की दोस्त सोनिका शर्मा से शादी की है। उनकी एक पुत्री है।

यूथ कांग्रेस से राजनीति में प्रवेश करते हुए धर्माणी ने 2007 में अपना पहला चुनाव लड़ा था।  राहुल गांधी के ख़ास राजेश धर्माणी 2012 में लगातार दूसरी बार घुमारवीं से जीत कर आये हैं और फिलहाल सी पी एस (वन विभाग ) के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।  इसी के साथ धर्माणी जिला बिलासपुर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं।राजनीति के अतिरिक्त धर्माणी संवेदना नाम से एक चैरिटेबल सोसाइटी भी चलाते हैं जो गरीब छात्रों और विधवाओं के हितों के लिए कार्य करती है।

इलाके में धर्माणी अपने मृदु सवभाव के लिए जाने जाते हैं।  पढ़े लिखे वर्ग से लेकर समाज के पिछड़े तबके तक धर्माणी की एक अलग पैठ है।   वही  विधानसभा में धर्माणी अपने आक्रामक तेवरों के लिए भी विख्यात हैं।  सी पी एस होने के बावजूद धर्माणी से  मिलने वाली त तमाम सहूलते वापिस  कर दी हैं।  अब देखना यह होगा की वीरभद्र सिंह से 36 के आंकड़े के बावजूद क्या धर्माणी अगर मंत्री बन भी जाते हैं तो सामंजस्य बिठा पाएंगे या नहीं।

एक बार फिर ‘बगावत’, दिल्ली दरबार पहुंची वीरभद्र कैबिनेट

सुरेश चंबियाल, शिमला।।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जल्द मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। सूचना है कि पार्टी आलाकमान से इस बाबत बातचीत हुई है, जिसके तहत जहां एक मंत्री को ड्रॉप किया जा सकता है, वहीं उनके स्थान पर किसी नए प्रभावी चेहरे को मौका दिया जा सकता है। किसी वरिष्ठ विधायक को इस कवायद में मौका मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक प्रयास यह भी है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल को मंत्रिमंडल में शामिल करके, वहां किसी नए चेहरे को तैनात किया जाए। इसी तरह कई मंत्रियों के महकमों में भी फेरबदल किया जा सकता है। जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस बाबत पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से बैठक करने के बाद अंतिम निर्णय लेंगे। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी मुख्यमंत्री ने इसी बाबत अपने करीबियोें के साथ मंत्रणा की थी।

कैबिनेट में शामिल हुए मंत्री करण सिंह को हफ्ता भी नहीं हुआ है कि विद्रोह की आंच दिल्ली पहुंच गयी है।  वीरभद्र विरोधी खेमा सिंह को मंत्रीं बनाये जाने से खासा नाराज है और आर -पार की लड़ाई के मूड में है।  गौरतलब है की तमाम तरह के विरोध के बावजूद मुख्यमंत्रीं ने बंजार के विद्याक करण सिंह को अपनी कैबिनेट में स्थान दे दिया है।  विरोधी खेमे का तर्क है की इस से हिमाचल प्रदेश में क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ गया है अकेले मंडी लोकसभा हलके से पांच मंत्री  करण  सिंह समेत  प्रकाश चौधरी, अनिल शर्मा, ठाकुर सिंह भरमौरी, एवं कॉल सिंह हो गए हैं। वहीँ हमीरपुर लोकसभा सीट से एक भी मंत्रीं कैबिनेट में नहीं है।  विरोधी खेमा यहाँ से कांग्रेस के युवा तुर्क घुमारवीं के विधायक एवं सी पी एस  राजेश धर्माणी को मंत्रिमंडल में शामिल करवाना चाहता था।  धर्माणी इस से पहले भी हमीरपुर हलके की अनदेखी का आरोप वीरभद्र पर लगाते रहे हैं।
बुधवार को विधानसभा अद्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने कांग्रेस अद्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।  हालाँकि इसे शिस्टाचार भेंट बताया जा रहा है।  बुटेल के अलावा कॉल सिंह और खुद मुख्यमंत्री ने भी सोनिया से मिलने का समय माँगा है।  सुनने में आ रहा है की विरोधी खेमा इस बार आर पार के मूड में है।  वीरभद्र सिंह ने चेयरमैन और पी एस बंनाने के लिए जो नाम आगे किये हैं वो विधयाक भी सुना है वीरभद्र खेमे से ही हैं।
इसी आधार पर एक दूसरे की खिलाफत करने के लिए दिल्ली दरबार में कांग्रेस के दोनों धड़ों ने डेरा डाल दिया है।  अभी तक मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह , स्वास्थय मंत्री कौल सिंह परिवहन मंत्रीं जी एस बाली , सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्रीं विद्या स्टोक्स सेहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा एवं सी पी एस विनय कुमार के डेल्ही पहुँचने की सुचना है  साथ ही कुछ कॉल सिंह समर्थक विधायक भी दिल्ली में हैं।
देखना यह होगा की सोनिया से मुलाक़ात कर के कौन धड़ा अपनी बात सही ढंग से आगे रख पाता  है।  कुल मिलाकर देखा जाए तो कांग्रेस के अंदर का यह ज्वालामुखी फूटने के कगार पर है उधर दिल्ली हाई कोर्ट ने भी वीरभद्र सिंह के मामले में सी बी आई से स्टेटस रिपोर्ट मांग ली है।  जिस से वीरभद्र सिंह के ऊपर भी दबाब बढ़ा है।  कांग्रेस आलाकमान इस मामले को किस तरह से लेता है यह आने वाला वक़्त ही बताएगा।

दिल्ली हाई कोर्ट ने वीरभद्र मामले में CBI से 4 हफ्तों मे मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली।।
हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि उसने मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों पर अब तक क्या किया है और जांच में क्या पता चला है। अदालत ने सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों को चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (File Photo)

इस बीच सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि वीरभद्र सिंह की दिल्ली में भी जमीन-जायदाद है, जो गलत तरीके से ली गई है। न्यायमूर्ति बीडी अहमद व संजीव सचदेव की खंडपीठ के समक्ष मुख्यमंत्री की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि जब वीरभद्र सिंह पर लगे आरोपों की जांच हिमाचल प्रदेश में हो रही है और वहां अदालत में मामला विचाराधीन है, ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं की जा सकती।

इससे पहले 28 जुलाई को चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की बेंच ने मामले को सुनने से इनकार कर दिया था। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बुधवार सुबह दिल्ली दौरे पर रवाना होंगे। संभव है कि वह वहां कुछ पार्टी नेताओं से मिलकर राजनीतिक मसलों पर चर्चा करें। सीएम बुधवार सुबह 11 बजे अनाडेल से हेलिकॉप्टर से दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

नीरज भारती को CM देखना चाहते हैं हिमाचल AAP समर्थक!

अमनदीप खागटा।।
इंटरनेट पर चर्चा है कि आम आदमी पार्टी की हिमाचल प्रदेश यूनिट में अपरिपक्व लोग भर दिए गए हैं। एक पार्टी का नेता कहे कि वह दूसकी पार्टी के एक नेता को मुख्यमंत्री देखना चाहता है तो चर्चा होना लाजिमी है। वह भी उस नेता को, जो फेसबुक पर अपनी अपरिपक्व टिप्पणियों के चलते विवाद में हो।
1 सितंबर यानी कल आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश ने शिमला में अपने कार्यालय का उद्घाटन किया। वहीं फेसबुक पर आप के एक समर्थक लोकेंदर झोउटा ने फेसबुक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि नीरज भारती को मुख्यमंत्री बनना चाहिए, तभी प्रदेश का भला हो सकता है।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

बेशक वह नीरज भारती के उस कदम से अभिभूत होंगे, जिसमें उन्होंने कहा है कि अपनी बेटी को सरकारी स्कूल में पढ़ाऊंगा। मगर क्या राजनीतिक रूप से सक्रिय व्यक्ति इतना अपरिपक्व हो सकता है कि पिछले दिनों हुए हुए प्रकरण को भूलकर उस शख्स को सीएम बनाने की बात करने लगे, जो विरोधी पार्टी का हो।

केजरीवाल सर भी और नीरज भारती भी, ऐसा कैसे?

अटकलें हैं कि अगर आप से ऐसे ही लोग जुड़ते रहे तो कदम जमाने से पहले ही यह पार्टी प्रदेश से आउट हो जाएगी। कहा जा रहा है कि अन्य राजनेताओं को राजनीति सिखाने की बात करने वाली आप को पहले अपने वॉलंटियर्स की क्लास लेकर उन्हें सिखाना चाहिए कि सोशल मीडिया पर क्या कहना है, क्या नहीं।

(लेखर से khagta.amandeep@hotmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

स्मार्ट सिटी में शिमला को न चुनने पर हिमाचल बीजेपी ने केंद्र को लिखी चिट्ठी

शिमला।।

हिमाचल प्रदेश बीजेपी ने शिमला को स्मार्ट सिटी के लिए न चुने जाने के पर खुलकर निराशा जाहिर कर दी है। गौरतलब है कि हिमाचल से एक ही शहर इस प्रॉजेक्ट के लिए चुना जाना था, जिसमें धर्मशाला ने शिमला और मंडी समेत अन्य को पीछे छोड़ते हुए जगह बना ली थी। अब बीजेपी का कहना है कि इस प्रॉजेक्ट के लिए शिमला को चुना जाना चाहिए था।

हिमाचल प्रदेश बीजेपी ने बाकायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेकैया नायडू को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि शिमला को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल किया जाए। बीजेपी के रुख से हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर युवाओं में नाराजगी देखी जा रही है। कहा जा रहा है कि जबरन बीजेपी इस मुद्दे को उठा रही है और प्रदेश हित के बजाय इसे शिमला बनाम धर्मशाला बनाने में जुट गई है।

लोगों में बीजेपी के रुख के प्रति नाराजगी देखी जा रही है
हिमाचल प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता गणेश दत्त ने जो लेटर लिखा है, उसमें  कहा गया है कि 98 शहरों में शिमला नगर का नाम स्मार्ट सिटी में नहीं आने से शिमला के लोग हैरान हैं। गणेश दत्त के इस लेटर में लिखा गया है, ‘संभवत: प्रदेश की कांग्रेस सरकार तथा नगर निगम शिमला में सत्तासीन वामपंथी दली ने शिमला का पक्ष ठीक प्रकार से केंद्र के समक्ष नहीं रखा होगा। केंद्र के समक्ष शिमला का पक्ष रखना प्रदेश की सत्तासीन कांग्रेस सरकार एवं नगर निगम शिमला की जिम्मेदारी थी, लेकिन दोनों ही केंद्र के समक्ष शिमला को स्मार्ट सीटी बनाने को मजबूत पक्ष नहीं रख सके हैं। इसलिए शिमला शहर स्मार्ट सिटी की लिस्ट से बाहर हो गया तथा सूची में अपना स्थान नहीं बना पाया है।’

आगे इस लेटर में बीजेपी ने शिमला शहर की खूबियां बताते हुए कहा है, ‘शिमला अंतरराष्ट्रीय महत्व का शहर है। इसको अस्तित्व में आए 200 वर्ष का समय पूरा हो चुका है। यह शहर आजादी की लड़ाई से लेकर शिमला समझौते तक का गवाह रहा है। यह शहर हर दृष्टि से अपना सक्षम दावा स्मार्ट सिटी के लिए रखता है। यहां की प्राकृतिक सौन्दयर्ता यहां का पर्यावरण व यहां के लोगों को शांतिप्रिय स्वभाव विश्व भाईचारे का एक संगम स्थल है। पर्यटन की दृष्टि से भी शिमला शहर देश के प्रमुखतम शहरों में से एक है। यहां हर वर्ष लाखों की संख्या में देश एवं विदेशी पर्यटक यहां आते है। यहां के लोग शांत माहौल में स्वच्छंद घूमते हैं।’

इस लेटर को पढ़ने के लिए क्लिक करें

पत्र में कहा गया है, ‘स्मार्ट सिटी के लिए निर्धारित मापदंडों को केंद्र के समक्ष ठीक प्रकार से नहीं रख पाई है। शिमला शहर हर दृष्टि से स्मार्ट सिटी के लिए निर्धारित प्रावधानों को पूरा करता है। इसलिए निवेदन है कि शिमला सीटी को स्मार्ट सिटी में शामिल किया जाए।’

इस बारे में इन हिमाचल ने हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष सतपात सिंह सत्ती को फेसबुक पर मेसेज किया, जिसका अभी तक जवाब नहीं मिल पाया है।  उधर सोशल मीडिया मे लोगों में इस बात को लेकर रोष देखा जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी धर्मशाला को कमतर समझकर क्यों शिमला को प्राथमिकता दे रही है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर शिमला को शामिल किया जाना चाहिए था क्या धर्मशाला को चुनकर गलत किया। लोग हिमाचल बीजेपी से यह सवाल भी पूछ रहे हैं कि आपको तुलनात्मक रूप से बताना चाहिए था कि धर्मशाला में क्या कमियां हैं और शिमला में क्या खूबियां।

धर्मशाला का नाम स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट में आने से नाखुश हैं चेतन बरागटा?

शिमला।।
धर्मशाला का चयन स्मार्ट सिटी के लिए होने से और शिमला के रह जाने से बीजेपी नेता और पूर्व बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन बरागटा नाखुश नजर आ रहे हैं। उनके फेसबुक पेज पर डाली गई पोस्ट से संकेत मिल रहे हैं कि  हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना के लिए धर्मशाला का नाम दिया जाना शायद उन्हें रास नहीं आ रहा। शायद वह चाहते थे कि हिमाचल से शिमला को इस प्रॉजेक्ट के लिए नामित करना चाहिए था। यह ध्यान रहे कि हिमाचल से एक ही शहर नामित होना था। इसलिए उन्होंने धर्मशाला वासियों को बधाई तो दी है, मगर यह सवाल भी उठाया है कि शिमला को इस प्रॉजेक्ट में क्यों नहीं डाला गया।
चेतन बरागटा (twitter से साभार)
भारतीय जनता युवा मोर्चा नेता ने इस बारे में एक आरटीआई भी डाली थी, जिसके जवाब में कहा गया कि आपने जो पूछा है, वह जानकारी सूचना के दायरे में नहीं आती। बरागटा ने कहा है कि अब राज्य सरकार जानकारी छिपा रही है, जो कि गलत है और पक्षपात है।

बरागटा ने लिखा है, ‘हिमाचल प्रदेश का नागरिक होने के नाते मैं धर्मशाला के नागरिकों को स्मार्ट सिटी के लिए नामित होने की बधाई देता हूं। हालांकि, स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट से  शिमला को निकाल दिए जाने को लेकर मेरे सवाल अभी तक जवाब का इंतजार कर रहे हैं। मैंने आरटीआई के जरिए हिमाचल प्रदेश सरकार से सवाल पूछा। उन्होंने मुझे यह जानकारी नहीं दी। मैंने मंत्री से ट्विटर पर सवाल पूछा तो उन्होंने मुझे ब्लॉक कर दिया। हिमाचल सरकार जानकारी क्यों छिपा रही है, मुझे समझ नहीं आ रहा। यह पक्षपात क्यो?

As a citizen of Himachal, I congratulate the citizens of Dharamshala for being nominated for “ Smart City”.However my…
Posted by Chetan Singh Bragta on Saturday, August 29, 2015

गौरतलब है कि केंद्र ने राज्यों के लिए पहले ही बता दिया था कि उन्हें कितने शहरों के नाम भेजने हैं। इसके तहत हिमाचल प्रदेश से एक ही शहर का नाम स्मार्ट सिटी के लिए भेजा जाना था। हिमाचल प्रदेश की तरफ से धर्मशाला भेजा गया था, जिसका 28 अगस्त को देश के अन्य 98 शहरों के साथ ऐलान किया गया।
सोशल मीडिया पर नरेंद्र बरागटा द्वारा अपने फेसबुक पेज पर शेयर की गई पोस्ट को क्षेत्रवाद से प्रेरित बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि बरागटा शिमला से हैं, इसलिए उन्हें शिमला की ज्यादा चिंता है और प्रदेश हित में नहीं सोच रहे। एक अन्य शख्स ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘चेतन बरागटा जानते हैं कि जब प्रदेश से एक ही नाम भेजा जाना था तो इसमें पक्षपात वाली बात क्या हो गई? कल को मंडी, मनाली, सोलन, हमीरपुर के लोग ऐसा बोलने लग जाएंगे। प्रदेश का हित नहीं दिखता इन राजनेताओं को।’
एक अन्य शख्स ने लिखा है कि राज्य सरकार पर धर्मशाला को चुनकर पक्षपात का आरोप लगाने वाले बरागटा यह नहीं देख रहे कि शिमला को न चुने जाने को लेकर उनका दर्द खुद पक्षपात से प्रेरित है। वह हिमाचल का नागरिक होने के नाते धर्मशाला के लोगों को औपचारिक बधाई तो दे रहे हैं, मगर शिमला वासी होने के नाते धर्मशाला को तरजीह दिए जाने को लेकर नाखुश हैं।’
उधर, जानकारों का कहना है कि शिमला में विस्तार की संभावनाएं बिल्कुल नहीं हैं। एक तरफ कंक्रीट का जंगल है और दूसरी तरफ वन। साथ ही राजधानी होने की वजह से वहां लगातार बोझ बढ़ता जा रहा है। इसलिए धर्मशाला को स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट में डाला गया है, जिससे वह शिमला के ऊपर लगातार बढ़ रहा बोझ साझा कर सके।

विधानसभा में भारती के खिलाफ किसने इस्तेमाल किया ‘अपमानजनक’ शब्द?

शिमला।।
शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जो कुछ हुआ, वह शर्मसार करने वाला है। मगर जिस तरह की चर्चाएं सामने आ रही हैं, वे और परेशान करने वाली हैं। कहा जा रहा है कि विधानसभा में किसी ने अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किया है। इस बात की किसी भी अखबार या चैनल ने पुष्टि नहीं की है, मगर पत्रकार दबी जुबान में कह रहे हैं कि आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किया गया है। ‘इन हिमाचल’ ने नीरज भारती से भी बात की, मगर उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।
जानें, क्या है मामला:
दरअसल शुक्रवार को विपक्ष संजौली कॉलेज में प्रिंसिपल और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई हाथापाई पर चर्चा चाहता था। विपक्ष का कहना था कि प्रिंसिपल ने पहले छात्रा के बाल खींचे थे, इसलिए उसे सस्पेंड किया जाना चाहिए। मगर स्पीकर ने इस मामले पर चर्चा की इजाजत नहीं दी। इस बात से विपक्ष नाराज हो गया।
FILE PHOTO
नीरज भारती के फेसबुक कॉमेंट्स को लेकर बवाल 
इसके बाद मामला बदला और ज्वाली के विधायक, सीपीएस नीरज भारती के आपत्तिजनक फेसबुक कॉमेंट्स पर बात होने लगी। विपक्ष का आरोप था कि नीरज भारती लगातार बीजेपी नेताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अमर्यादित भाषा इस्तमाल कर रहे हैं।
किसी ने लगाया जातिसूचक शब्द वाला नारा
अब तक माहौल गर्म हो गया था। बीजेपी के विधायक नारेबाजी करने लगे थे। इसी बीच किसी ने नारा लगाया- #*** (अपमानजनक शब्द) सीपीएस नहीं चलेगा। इससे नाराज हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि अभद्र भाषा कौन इस्तेमाल कर रहा है। बताया जाता है कि मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप लगाकर नारेबाजी कर रहे बीजेपी विधायकों की आपत्तिजनक टिप्पणी से चिढ़कर नीरज भारती ने कुछ कहा, जिससे तल्खी बढ़ गई।
इस बारे में इन हिमाचल ने भारती से बात की और जानना चाहा कि क्या वाकई किसी ने अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किया था, इस पर उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। क्लिक करें और पढ़ें, क्या कहा उन्होंने।
सत्ती और वीरभद्र ने एक-दूसरे पर फेंके कागज
इसी दौरान बीजेपी अध्यक्ष सतपाल सत्ती मुख्यमंत्री के पास पहुंचे और नीरज भारती की फेसबुक पोस्ट्स का प्रिंट आउट वीरभद्र की तरफ गिराने लगे। इससे चिढ़े वीरभद्र ने वे कागज फाड़े और सतपाल सत्ती की तरफ फेंक दिए। सत्ती ने फिर वे कागज वीरभद्र पर फेंक दिए।
रोकने पर हाथापाई की नौबत
हालात खराब हो रहे थे। यह सब देख नीरज भारती आगे बढ़ने लगे, तभी बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने उन्हें पकड़कर रोक लिया। इससे नाराज होकर नीरज भारती ने पूछा कि हाथ लगाने की हिम्मत कैसे हुई। मामला हाथापाई तक पहुंच गया, मगर अन्य सदस्यों ने बीच-बचाव कर दिया।
शोर-शराबा, हंगामा और स्थगन
बीजेपी के विधायक वेल में आकर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। जी.एस. बाली, मुकेश अग्निहोत्री और स्टोक्स मुख्यमंत्री वीरभद्र के पास आए और उन्हें बाहर ले गए। नीरज भारती को भी शांत करवाया गया। अब तक विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी थी।
(नोट: सदन में क्या हुआ, कोई भी विधायक बोलने को तैयार नहीं है। जो बोलने को तैयार हुए, उनकी बातें पक्षपात भरी लगीं। ऐसे में यह रिपोर्ट पत्रकार दीर्घा में मौजूद विभिन्न मीडिया संस्थानों के पत्रकारों से मिली जानकारी के आधार पर लिखी गई है।) 

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

छोड़िए, रहने दीजिए; मैं खुद निपट लूंगा: ‘अपमानजनक’ शब्द पर नीरज भारती

शिमला।।

चर्चा है कि शुक्रवार को विधानसभा में हुए हंगामे के दौरान किसी ने कांग्रेस विधायक और सीपीएस नीरज भारती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बताया जा रहा है कि किसी ने नारा लगाया- #*** सीपीएस नहीं चलेगा। इस बारे मे ‘इन हिमाचल’ ने नीरज भारती से बात की तो उन्होंने ज्यादा कुछ बताने से इनकार कर दिया।

ज्वाली के विधायक और CPS एजुकेशन नीरज भारती (Facebok प्रोफाइल से साभार)

अगर किसी ने सदन के अंदर किसी के खिलाफ अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किया है, वह शर्मनाक होने के साथ-साथ कानूनन अपराध भी है। ऐसे में ‘इन हिमाचल’ ने नीरज भारती से ही बात करना उचित समझा।

पहले चर्चा थी कि भारती के खिलाफ जातिसूचक शब्द इस्तेमाल किया गया है। मगर अब जानकारी मिल रही है कि किसी ने उन्हें भांग पीने वाला बताया था। बीती रात फेसबुक पर हुई चैट के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी ने जातिसूचक टिप्पणी की थी (क्योंकि उस वक्त हमें जातिसूचक शब्द कहे जाने की जानकारी थी) तो उन्होंने कहा, ‘जी कुछ बात हुई थी, पर रहने दीजिए; बात बढ़ जाएगी। मैं इन बातों से ऊपर सोचता हूं और जो लोग इन बातों मे फंसे रहते हैं, वे और कुछ नहीं कर सकते।

CPS नीरज भारती से फेसबुक पर हुई बातचीत का स्क्रीनशॉट

जब हमने नीरज भारती से कहा कि अगर वाकई किसी ने ऐसा कहा है तो आपको उसके खिलाफ कठोर कदम उठाना चाहिए। इसपर उन्होंने कहा, ‘छोड़िए, रहने दीजिए। मैं खुद निपट लूंगा।’

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें

नीरज भारती भले ही साफ कुछ न कह रहे हों, मगर उन्होंने इस बात को गलत भी नहीं बताया है। जाहिर है, सदन में कुछ न कुछ तो हुआ है। शुक्रवार के घटनाक्रम को लेकर प्रमुख अखबार और समाचार चैनलों की रिपोर्ट्स में फर्क नजर आ रहा है। ऐसे ही कई तरह की अटकलें भी चल रही हैं। कोई बता रहा है कि किसी ने नीरज भारती को #** सीपीएस कहा तो बदले ने में भारती ने सतपात सत्ती के पिता को #** कह दिया। कुछ का कहना है कि बीजेपी की तरफ से #** वाला नारा लगा था और भारती ने कहा था कि मोदी तुम्हारा बाप लगता है क्या।

इन बातों में कितनी सच्चाई है, यह बात साफ नहीं हो पाई है। दरअसल शोरशराबे के बीच पत्रकार दीर्घा तक आवाज साफ नहीं पहुंच पा रही थी। मगर विधायकों और अन्य सदस्यों ने बाहर आकर जो जानकारी दी, उससे ही यह आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करने की बात सामने आई है। संभव है कि आने वाले दिनों साफ हो कि ये बातें सच हैं या कोरी अफवाह।

In Himachal का फेसबुक पेज लाइक करने के लिए क्लिक करें