बीजेपी की तिरंगा यात्रा में उड़ रही हैं यातायात नियमों की धज्जियां

 
  • अतुल जसवाल

देशक्ति के नाम पर बाइक्स पर दो की जगह लदे तीन-तीन लोग हाथों में राष्ट्रध्वज लिए बिना हेलमेट सांय-सांय करते हुए सड़को पर हजूम के रूप में गुजर रहे हैं। यह किसी मूवी का सीन नहीं है, बल्कि अपने आप को राष्ट्रवादी कहने वाली बीजेपी की हिमाचल यूनिट की तिरंगा यात्रा का रोज का वृत्तांत है। प्रशासन मूकदर्शक बना है कहीं चालान भी काट रहा है।  जहां चालान कट रहे हैं वहां तथाकथित देशभक्त ऐसे गुर्रा रहे हैं मानो वो नमक कानून तोड़ने के लिए गांधी जी के साथ दांडी यात्रा पर थे और अंग्रेज सिपाहियों ने उन्हें रोक लिया  हो।

भाजपा के ही कर्मठ नेता केंद्रीय परिवहन मंत्रीं नितिन गडकरी जोर-शोर से रोड सेफ्टी पर कार्य कर रहे हैं।  बाकायदा नियमों को और टाइट करने के लिए उन्होंने जुर्माने में भी बढ़ोतरी की है।  हैरानी यह है की यही तिरंगा यात्री फेसबुक पर नितिन गडकरी के कार्यों का गुणगान करते हैं कि रोड सेफ्टी के लिए उन्होंने बहुत सही कार्य किया है दूसरी तरफ यही लोग तिरंगा उठा के देशभक्ति के नाम पर अपने ही देश के नियमों को सरे आम ताक पर रखकर  सड़कों पर दौड़े जा रहे हैं।

 
बड़े नेता तक यही काम करते नजर आए।
बड़े नेता तक यही काम करते नजर आए।
 
क्या देशभक्ति का जज्बा या जोश किसी को यह छूट देता है की तिरंगा उठाओ और किसी भी नियम की धज्जियां उड़ा दो?  जब आप इसी बात की परवाह नहीं करते कि आपके देश के कानून में सड़क  पर वाहन पर चलाने  के कुछ कानून निहित कर रखे हैं और आपको उनका पालन करना है तो आप तिरंगा उठा कर इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगा कर किस मुंह से अपने आप को और अपने कार्य को देशभक्ति राष्ट्रवादिता में गिना रहे हैं।
 

दुःख की बात यह है कि प्रदेश  बीजेपी के   बड़े नेता इस मामले में खामोश हैं। रोज इस यात्रा की तस्वीरे छप रहीं है परंतु किसी भी नेता ने सवेंदनशील होकर युवा वर्ग से अपील नहीं की है कि आप लोग तिरंगा यात्रा में बाकायदा हेलमेट पहन कर चलें।  किसी नेता ने अपने कार्यकर्ता से नहीं कहा की तिरंगा वाहन  पर लगा होना यह इज़ाज़त नहीं  देता की आप नियमों की धज्जियाँ उड़ा दें।  देश के कान्नून का सम्मान करना , उसका पालन करना इन्ही चीजों को दिनचर्या में कोई नागरिक अपनाये वो भी देशभक्ति है।  हालाँकि  सड़क पर यह मामला मात्र नियम के पालन से हैं जुड़ा हैं अपितु अपनी  सुरक्षा से भी जुड़ा है।

बीजेपी के बड़े नेता कम से कम सुरक्षा के हवाले से ही यह अपील तो नौजवानों से कर सकते हैं जिनमे देशभक्ति की बाइक क्रांति की अलख आपने जगाई है। कुछ लोगों का मानना है हमें तिरंगा यात्रा का सम्म्मान करते हुए हेलमेट सड़क सुरक्षा नियम कानून की बात नहीं  करनी चाहिए।  मैं उसने पूछना चाहता हूँ हमें ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए ? कल को कोई व्यक्ति अ अपनी बाइक पर तिरंगा  लगा दे बिना हेलमेट चले और कहे की मैं पुरे साल की तिरंगा यात्रा पर हूँ तो क्या उसे नियम में छूट दे दी जानी चाहिए ?
 
कुछ लोग कहेंगे मैं कांग्रेसी हूँ, आपिया हूँ, बीजेपी विरोधी हूँ ये हूँ वो हूँ।  ऐसी बातें वो लोग लेकर आते हैं जिनके पास  बहस में बने रहने  या मुद्दों पर टिप्पणी करने के लिए कोई तर्क नहीं होता। मुझे इससे फर्क भी नहीं पड़ता मैं जो भी हूँ जैसा भी हूँ तिरंगा यात्रा से मुझे आपत्ति नहीं है देश के नाम डेडिकेट करते हुए कोई पैदल दौड़े कोई बाइक से चले कोई साइकिल से चले मुझे  ख़ुशी है।

 
पर उसी देश के नियमों कानूनों की तिलांजलि देकर यह कैसी देशभग्ति की ब्यार बह रही है यह समझ से परे  है।  भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेतायों का फर्ज बनाता है वो सार्वजानिक रूप से यह अपील  युवा वर्ग से करें की तिरंगा यात्रा देश के प्रति निष्ठा के साथ साथ वो इसी देश के नियमों का भी पालन करें
 
 
(लेखक सेंट्रल यूनिवर्सिटी  हिमाचल प्रदेश के छात्र हैं और इन हिमाचल के नियमित पाठक हैं।  अन्य पाठक भी अपने विचार लेख हमें inhimachal.in@gmail.com पर भेज सकते हैं) 
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