आंखों का इलाज हिमाचल के अस्पतालों में करवाने के बजाय चेन्नई गए मुख्यमंत्री वीरभद्र

शिमला।। आय से अधिक मामले में झटका लगने के बाद बैकफुट पर आए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह चेन्नई चले गए हैं। सोशल मीडिया पर कुछ लोग जहां इस टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं वहीं कुछ का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में विकास की गंगा बहा देने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री खुद अपनी आंखों का इलाज करवाने के लिए चेन्नई क्यों जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब मुख्यमंत्री ही इलाज के लिए प्रदेश से बाहर जा रहा है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति क्या है। प्रश्न उठाए जा रहे हैं जब सीएम को प्रदेश के अस्पतालों पर भरोसा नहीं है तो क्या यह जनता से खिलवाड़ नहीं है।

हिंदी अखबार अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपनी आंखों का इलाज करवाने के लिए रविवार को चेन्नई के लिए रवाना हो गए। वह तीन अप्रैल को चेन्नई के एक जाने-माने अस्पताल में अपना इलाज करवाएंगे। वे चार अप्रैल को वापस नई दिल्ली लौटेंगे। इसी के बाद हिमाचल आएंगे।

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री इससे पहले भी दांतों का इलाज करने के लिए चंडीगढ़ जाते रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर टेप कांड के बाद सीने में दर्द होने पर पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल हो गए थे। अन्य कई मंत्री भी इलाज के लिए प्रदेश और देश से बाहर जाते रहे हैं। इन दिनों मुख्यमंत्री भोरंज उपचुनाव के दौरान दावे कर रहे हैं कि आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कॉलेज से लेकर चंबा और हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। मगर प्रदेश के मुखिया का छोटी-मोटी दिक्कतों के इलाज के लिए खुद बाहर जाना उनके ही दावों पर सवाल खड़े कर देता है।

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