शिमला।। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह को पायलट (एस्कॉर्ट) देने की चर्चाओं के बीच राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। भाजयुमो ने सवाल उठाए हैं कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री वीआईपी कल्चर खत्म करने की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ उनके बेटे को नियमों को ताक पर रखकर पायलट देने की तैयारी की जा रही है।
दरअसल ‘दैनिक भास्कर’ अखबार की रिपोर्ट में कहा गया था कि विक्रमादित्य सिंह को राज्य सरकार की आेर से पायलट देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक इस मसले पर राज्य के गृह विभाग ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक की है, जिसकी अध्यक्षता राज्य के प्रधान सचिव गृह ने की। इसमें गृह विभाग के आला अधिकारियों से लेकर पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे।’
क्या होती है पायलट
आपने कभी मुख्यमंत्री या राज्यपाल की गाड़ियों का काफिला देखा होगा तो उसमें सुरक्षा की दृष्टि से कई गाड़ियां चलती हैं। इनमें सुरक्षाकर्मियों का वाहन भी होता है और वह आगे चलता है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में नियमों के अनुसार राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष आैर मुख्य न्यायाधीश के साथ नेता प्रतिपक्ष को ही पायलट मिलती है। बाहरी राज्यों या केंद्र से आने वाले नेताओं स्टेट गेस्ट के नाते भी यह मुहैया करवाई जाती है। विक्रमादित्य इनमें से किसी भी कैटिगरी में नहीं आते, ऐसे में ऐसी चर्चाओं पर सवाल उठना लाजिमी है।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा था, ‘पुलिस विभाग की आेर से सरकार के पास इन्हें पायलट देने से लेकर सुरक्षा की दृष्टि से अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव मिला है। इस पर गृह विभाग ने मंथन शुरू कर दिया है। बैठक में सुरक्षा पर रिव्यू करने पर चर्चा तो हुई, लेकिन कैसे सुरक्षा मुहैया करवाई जा सकती है। इस पर पेंच अड़ रहा है। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर सुरक्षा नहीं दी जा सकती है। कैसे सुरक्षा दी गृह विभाग के अधिकारियों के लिए चुनौती यह है कि किन नियमों के तहत सुरक्षा के साथ पायलट की सुविधा दी जाए। इसके लिए काम करना पड़ रहा है।’
गौरतलब है कि सोलन में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा था कि मैं वीआईपी. कल्चर के खिलाफ हूं। उन्होंने कहा था, ‘जनता और वी.आई.पी. में फर्क नहीं होना चाहिए, जनता ही वी.आई.पी. बनाती है और अगली कांग्रेस सरकार बनने पर प्रदेश में वी.आई.पी. कल्चर समाप्त किया जाएगा।’
मुख्यमंत्री के इसी बयान और अखबार की रिपोर्ट के आधार पर भाजयुमो ने सवाल उठाए हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बीजेपी विधायक राजीव बिंदल ने आरोप लगाया था कि विक्रमादित्य सिरमौर दौरे पर पायलट इस्तेमाल कर रहे थे।