पुलिस बोली- शिमला में युवती का न तो अपहरण हुआ न बलात्कार

शिमला।। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हिमाचल को चौंकाकर रख देने वाली शिमला में युवती के अपहरण और बलात्कार के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस का कहना है कि फरेंसिक जांच में रेप के साक्ष्य नहीं मिले हैं और संभवत: युवती ने अपने दोस्त की अटेंशन पाने के लिए कहानी रची थी। वहीं युवती का कहना है कि उसे शुरू से ही पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं था। हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है।

क्या है मामला
इस मामले में कई मोड़ आए और पुलिस पर भी सवाल उठे। मूलत: हरियाणा की और शिमला में रहकर नीट की तैयारी कर रही युवती ने ढली पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में कहा था कि उसके साथ चलती कार में एक व्यक्ति ने अपहरण कर दुष्कर्म किया।

युवती का कहना था कि कार में कुल तीन लोग बैठे थे और फिर इसके बाद वे उसे सड़क पर फेंक कर चले गए थे। लड़की ने पुलिस पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उसे पहले ही अनहोनी का अंदेशा हो गया था इसलिए वह लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी भी गई थी जहां से उसे ढली जाने के लिए कहा गया।

क्या कहती है पुलिस
मिनी सचिवालय सोलन में आपराधिक मामलों पर आयोजित बैठक में डीजीपी एसआर मरडी ने पहली बार शिमला में युवती से दुष्कर्म मामले में पुलिस जांच को सामने रखा। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक रिपोर्ट में युवती से दुष्कर्म के कोई भी सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि जांच में न तो अपहरण के कोई साक्ष्य मिल रहे हैं। डीजीपी का कहना था कि लड़की के बयान मौजूदा हालात से मेल नहीं खा रहे हैं। चर्चा में रहने के लिए लड़की पहले भी इस तरह के आरोप और बयान दे चुकी है। उन्होंने कहा कि जांच जारी है उसके बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।

एसआईटी ने भी दावा किया है कि जांच में पता चला है कि जहां से लड़की ने अपहरण और बलात्कार होने का दावा किया था, उस इलाके की सीसीटीवी फुटेज में वह पैद जाती दिख रही है और उसी समय वहां 30-40 गाड़ियां गुजरी थीं। मामले की जांच कर रहे एसआईटी प्रमुख प्रवीर ठाकुर ने फरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि एफआईआर में युवती ने जो अज्ञात के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप लगाए थे वह साबित नहीं हुए हैं।

पुलिस के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट से भी जाहिर हो रहा है कि जिस दिन की वह बात कर रही है, उस दिन उसके साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ। फरेंसिक रिपोर्ट में भी युवती के कपड़ों पर ऐसे कोई साक्ष्य (बॉडी फ्लूइड आदि) न मिलने की बात कही जा रही है, जिससे इस नतीजे पर पहुंचा जा सके कि युवती सही कर रही है।

लड़की पर उठे सवास, लड़की ने पुलिस पर उठाए सवाल
यही नहीं, युवती को जो चोट आई थी, मेडिकल ऑपिनियन के मुताबिक वह संभवत: उसने खुद ही खुद को लगाई थी और जिस नुकीली चीज़ से उसने यह किया था, वह उसी के मोबाइल के कवर के पीछे मिली है। फरेंसिक रिपोर्ट के अऩुसार इसपर लगे खून का पीड़िता से मिलान हुआ है। जबकि लड़की का कहना था कि आरोपी ने उसे यह चोट पहुंचाई थी।

हिंदी अखबार अमर उजाला के मुताबिक एसआईटी का कहना है कि लड़की ने यह सब अपने दोस्त की अटेंशन पाने के लिए किया है। मगर इसी अखबार से बात करते हुए लड़की ने कहा है कि उसे शुरू से पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं था। उसने कहा कि अगर मैंने कोई साजिश की है तो पुलिस उसका सबूत दे।

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