सामने आया मलाणा के रास्ते से बचाए गए ट्रेकर्स का वीडियो

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इन हिमाचल डेस्क।। ट्रैकिंग का जुनून अनाड़ी युवाओं के लिए एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ है। एक दुखद घटना में ट्रैकिंग के लिए निकले 2 छात्रों की मौत हो गई है जबकि उनके 3 साथियों की हालत खराब है। बर्फ में फंसे इन लोगों ने अपने स्लीपिंग बैग और कपड़े ही जला डाले। इनका एक वीडियो सामने आया है जिससे पता चलता है कि इन लोगों की हालत कितनी खराब हो चुकी थी। यह सबक है उन सभी के लिए जो बिना तैयारी के अडवेंचर के नाम पर जान जोखिम में डालने निकल पड़ते हैं। (वीडियो आर्टिकल के बॉटम पर है)

खबर के मुताबिक बुधवार दोपहर बाद आईसीआई दिल्ली में पढ़ने वाले नेपाल मूल के छात्र नितेश, वीतपरा, विकास,अर्जुन और संतोष मणिकर्ण घाटी के रशोल से मलाणा के लिए ट्रैक पर निकले थे। चार घंटे बाद सभी रशोल टॉप पर पहुंचे तो यहां भारी बर्फ थी जिससे उन्हें रास्ते का पता नहीं चला। इस दौरान ताजा बर्फबारी भई शुरू हो गई जिससे हालात खराब हो गए।

अंधेरे में इन्हें कुछ पता नहीं चला और सुरक्षित जगह भी नहीं मिली। इंतजाम भई पूरे नहीं थे इसलिए टॉप से करीब 100 मीटर नीचे एक पेड़ के नीचे बैठे रहे। बर्फीले तूफान से बचने के लिए इन्होंने अपने चार स्लीपिंग बैग और कपड़े जला डाले मगर राहत नहीं मिली। बुधवार रात मोबाइल बंद होने से पहले इन लोगों ने एक काम अच्छा ये किया था कि 100 नंबर पर कॉल करके पुलिस को बता दिया था कि हम रास्ता भूल गए हैं। पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी थीं तलाशने की। उधर भूख और प्यास के बीच कड़ाके की ठंड में 2 लोगों की हालत बिगड़ गई।

रेस्क्यू टीम जब वहां पहुंची तो तीनों छात्र सन्न थे और कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थे। दो छात्रों को अस्पताल लाया गया मगर उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। तीन की हालत खराब है और वे अब भी बोल पाने की स्थिति में नहीं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें डर के मारे मानसिक आघात भी पहुंचा है। देखें ‘अमर उजाला’ द्वारा पब्लिश किया गया वीडियो और लास्ट में गुजारिश कि प्लीज़, बिना तैयारी और बिना ट्रैकिंग के अडवेंचर पर न निकलें। बहुत से लोग प्रकृति को चुनौती देते हुए जान गंवा चुके हैं। उनसे सबक लें, कम से कम मौसम का पता लगाने के लिए स्मार्टफोन पर मौसम वाले ऐप्स का ही देख लिया करें और बिना लोकल गाइड के जोखिम न उठाएं।