मंडी।। इन दिनों मंडी के डीसी संदीप कदम चर्चा में हैं। युवा और तेज-तर्रार प्रशासनिक अधिकारी संदीप कदम ने दरअसल 20 किलोमीटर पैदल यात्रा की और जनता की समस्याएं सुनी और विभिन्न विभागों के कार्यों का मुआयना करके जरूरी निर्देश भी दिए। एक अधिकारी का यह कदम वाकई उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा देता है जो दूर-दराज के इलाकों में जाने से बचते हैं। इसी तरह एक वक्त मंडी के डीसी रहे एक और अधिकारी आज के डीसी संदीप कदम से भी ज्यादा लंबी दूरी तय करके इसी तरह से जनहित में समर्पण कि मिसाल कायम कर चुके हैं। आज वह हिमाचल प्रदेश सरकार में अडिशनल चीफ सेक्रेटरी हैं और उनका नाम है तरुण श्रीधर।
84 बैच के आईएएस ऑफिसर 1993 में मंडी की चौहार घाटी में न सिर्फ पैदल गए थे बल्कि वहां दो दिन रुके थे। फेसबुक पर विनोद राणा नाम के शख्स उस दौर को याद करते हुए लिखते हैं- संदीप कदम मंडी जिला में दुर्गम क्षेत्र में 16 किलोमीटर पैदल चल कर लोगों की समसयांए सुने वाले दूसरे डीसी है । इससे पहले 7 जुलाई 1993 को उपायुक्त तरुण श्रीधर चौहार घाटी के स्वाड़ गॉव में बादल फटने से जब 16 इंसानी जिंदगी उस हादसे में शिकार हुई थी उस दौरान तरुणश्रीधर मंडी से पधर तक गाड़ी में आये हुए थे और उसके बाद सभी जानते हैं कि पधर से चौहार घाटी के स्वाड़ गाँव तक पैदल पहुंच कर पुरे दो दिन उनके साथ सैनिकों की तरह काम किया।
राणा आगे लिखते हैं- यहां तक कि जब स्वाड़ खड्ड में आये हुए पानी को इधर उधर पास करना स्थानीय लोगों को मुश्किल हो रहा था तत्कालीन उपयुक्त तरुण श्रीधर ने दूसरी जगह से आये हुए मंददगारों के साथ बड़े बड़े कटे हुए हरे 50 से 70 फुट के हरे पेड़ों को अपने कंधों का सहारा देकर वहा के पीड़ितों का हौंसला बढ़ा कर जीवन की उस जंग को फिर से आगे बढ़ने के लिए भरपूर हौंसला दिया आज भी चौहार घाटी के लोग मंडी के तत्कालिन उपयुक्त तरुणश्रीधरं को याद करते हैं कि द्रंग के विधायक ठाकुर कौल सिंह के साथ एक डीसी जिनका नाम तरुणश्रीधर है।
गौरतलब है कि मंडी के दूर-दराज के इलाकों के लोग आज भी तरुण श्रीधर को याद करते हैं। मौजूदा डीसी संदीप कदम भी कई अच्छे कदमों के लिए लोकप्रिय हैं। हाल ही में उन्होंने करसोग और सराज विधानसभा क्षेत्र की करीब आधा दर्जन दुर्गम पंचायतों का पैदल दौरा किया। उन्होंने ग्राम माहूंनाग, सरतौला, परलोग, बिन्दला, कांढा, सराहन, छत्तरी, गटु, झरेड़, बगड़ाथाच और खोली पंचायतों तक पैदल यात्रा करके लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का निपटारा किया।