अधिकारी के कमरे में फेसबुक यूज कर रहे कैदियों का वीडियो बनाने का दावा करने वाला पुलिसकर्मी सस्पेंड

शिमला।। हिमाचल प्रदेश में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जो प्रदेश की जेलों के खतरनाक हालात की तरफ इशारा करता है। जिस शख्स ने इस वीडियो को अपलोड किया है, बताया जा रहा है कि वह मॉडल सेंट्रल जेल कंडा (शिमला) में बतौर संतरी तैनात है। उसके द्वारा अपलोड किए गए वीडियो में दो कैदी इंटरनेट पर फेसबुक इस्तेमाल करते हुए दिखते हैं। भानु पराशर नाम के इस शख्स का दावा है कि ये दोनों कैदी डेप्युटी सुपरिटेंडेंट जेल के पर्सनल केबिन में कंप्यूटर इस्तेमाल कर रहे थे, तभी उसने यह वीडियो बनाया। ताजा अपडेट यह है कि वीडियो अपलोड करने वाले इस पुलिसकर्मी ने कहा है कि उसे विभाग ने सस्पेंड कर दिया गया है।

(यह खबर अपडेट हो चुकी है। सुपरिटेडेंट जेल ने वीडियो बनाने वाले इस पुलिसकर्मी को अनुशासनहीन बताया है। मगर सुपरिटेंडेंट का यह दावा गलत होता दिख रहा है कि कैदी फेसबुक नहीं यूज कर रहे थे बल्कि किसी वेबसाइट पर काम कर रहे थे। अपडेटेड खबर पढ़ने के लिए यहां पर क्लि्क करें)

20 अप्रैल को डाली गई तस्वीर में भानु पराशर ने लिखा है, ‘मॉडल सेंट्रल जेल कंडा (शिमला) में, जहां ISIS का एजेंट बंद है, वहां के प्रशासन पर कैदियों का दबदबा। गरीब प्रिज़नर गर्मी में मेस में खाना बनाएं और जो ऑफिसर्स को चारा चराए उसे बेनिफिट। जेल में होकर सोशल मीडिया को सरेआम डेप्युटी सुपरिटेंडेंट जेल के पर्सनल कैबिन में कंप्यूटर पर इंजॉय करते हुए। अगर कोई ऑब्जेक्शन करे तो उसपर डिपार्टमेंटल इंक्वायरी। प्लीज़ ज्यादा से ज्यादा शेयर करो।’ 

इस पोस्ट के अगले दिन यानी 21 अप्रैल को भानु ने एक लेटर अपलोड किया है जो सस्पेंशन लेटर नजर आ रहा है। (देखने के लिए यहां क्लिक करें)। अभी से 8 घंटे पहले यानी 22 अप्रैल को ही भानु ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें दो लोग (कैदियों की ड्रेस) में कंप्यूटर यूज कर रहे हैं और बच्चे की तस्वीर अपलोड कर रहे हैं। बोल रहे है- बाद में कोई और तस्वीर अपलोड कर देंगे। अगर ये कैदी ही हैं तो उनके पास इंटरनेट ऐक्सेस आना और वह भी किसी की गैरमौजूदगी में और फेसबुक यूज करना गलत है। यह न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है बल्कि खतरनाक भी है क्योंकि इस तरह वे फेक आईडी बनाकर न जाने जेल के अंदर से किस अपराध को अंजाम दे दें। नीचे वह वीडियो देखें (नोट: In Himachal इस वीडियो की सच्चाई को प्रमाणित नहीं करता है)

सोशल मीडिया पर चर्चा है कि इस वीडियो को बनाने को लेकर जहां पुलिस विभाग को भानु को पुरस्कार देकर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी मगर यहां मामला उल्टा ही होता दिख रहा है।

अभी तक हम सिर्फ भानु का पक्ष उसकी फेसबुक प्रोफाइल के जरिए रख पाए हैं। वीडियो की पुष्टि भी अभी नहीं की जा सकती। पुलिस प्रशासन और जेल की तरफ से अभी कोई टिप्पणी उपलब्ध नहीं हो पाई है। जल्द ही हम इस बारे में अपडेट देंगे।

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