मंडी शिवरात्रि मेले की पहली स्टार नाइट में सुखविंदर का फ्लॉप शो

मंडी।। हिमाचल प्रदेश के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों को नजरअंदाज करके पंजाब या अन्य जगहों से कलाकारों को बुलाने का सिलसिला नया नहीं है। अक्सर प्रशासन स्थानीय कलाकारों को कम पैसे देता है और उनके कार्यक्रम में जल्दी ही निपटा देता है। स्टार नाइट्स में अन्य राज्य के कलाकारों को लाखों रुपये देकर बुलाया जाता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बड़े स्टार अपने साथ पूरा सिस्टम लेकर चलते हैं और ज्यादातर वक्त पहले से रेकॉर्ड गाने पर होंठ हिलाकर जनता को उल्लू बनाते हैं। अगर इनका सिस्टम बिगड़ जाए तो कलई खुल जाती है। प्रदेश के लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय मेलों में स्थानीय प्रशासन हिमाचल के कलाकारों को बजाय बाहर के कलाकारों को प्राथमिकता देता है। ऐसा मंडी में भी किया गया और बुरी तरह कार्यक्रम फ्लॉप हो गया।

अखबारों ने भी लिखा है कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की पहली सांस्कृतिक संध्या में शोर-शराबा ज्यादा रहा और मनोरंजन कम। पहला संध्या में पार्श्व गायक सुखविंदर सिंह को बतौर स्टार कलाकार बुलाया गया था। जैसे ही सुखविंदर सिंह मंच पर आए तो साउंड में दिक्कत आ गई। सिर्फ इंस्ट्रूमेंट का ही साउंड सुनाई दिया और गायक की आवाज गायब ही हो गई।

यह सिलसिला काफी देर चलता रहा और बीच में एक बार तो सुखविंदर ने ट्रैक ही सुना दिया और अपने सिर्फ होंठ हिलाते रहे। जब जनता ने हूटिंग की तो सुखविंदर ने इस बात को कबूल भी कर दिया और अपने साउंड असिस्टेंट को जमकर लताड़ लगाई। सुखविंदर ने बताया कि उनके साउंड इंजीनियर की तबीयत खराब हो गई और उनका असिस्टेंट सही ढंग से साउंड मैनेज नहीं कर पा रहा है।

पंजाब केसरी अखबार ने लिखा है कि माहौल को देख मायूस दर्शकों ने अपने घर का रूख करना बेहतर समझा दर्शक इस बीच ऐसे बैठे रहे जैसे किसी सत्संग में आए हों। बाद में मायूस दर्शकों ने अपने घर का ही रूख करना बेहतर समझा। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन ने सुखविंदर सिंह पर लाखों रूपए खर्च किए हैं लेकिन बदले में जो मनोरंजन होना चाहिए था वह नहीं हुआ और सिर्फ शोर-शराबा ही सुनाई दिया।

यही नहीं, बीच में सुखविंदर के पैर के नीचे मंच पर कुछ आया तो उन्होंने ढंग से मंच बनाने की सलाह दे डाली। कोई शख्स फोटो खींच रहा था तो उसे उन्होंने कैमरा बंद करने की नसीहत दे डाली। कुल-मिलाकर कार्यक्रम में रायता फैला रहा।

हालांकि तकनीकी गड़बड़ी कभी भी किसी के भी साथ हो सकती है और यह भी संभव है कि इंतजाम सही न हों। मगर सोशल मीडिया पर चर्चा है कि हिमाचल के कलाकारों को प्रोत्साहन देना चाहिए क्योंकि वे बिना किसी आधुनिक साउंड सिस्टम के सिर्फ अपनी आवाज और वाद्य यंत्रों से समां बांधने की काबिलियत रखते हैं। अब सबको इंतजार है शिवरात्रि मेले की उस सास्कृतिक संध्या का जिसमें लमन बैंड प्रस्तुति देगा।

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