- सुरेश चंबयाल
कुछ साल पहले बीजेपी पर दनादन करप्शन का आरोप लगाकर हिलोपा नाम से अलग पार्टी बनाने वाले महेश्वर सिंह रविवार को फिर से बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। कुल्लू के ढालपुर मैदान में इसके लिए बड़ी रैली की तैयारियां की गई हैं। इसमें प्रेम कुमार धूमल शिरकत करेंगे। पहले चर्चा थी कि प्रदेश के प्रभारी श्रीकांत शर्मा, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और सांसद शांता कुमार भी इसमें शामिल होंगे, मगर शनिवार शाम तक खबर आई कि ये सब कुल्लू नहीं आएंगे।
महेश्वर सिंह के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही उस हिमाचल लोकहित पार्टी का भी बीजेपी में विलय हो रहा है, जिसे बीजेपी के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के नाम पर बनाया गया था। महेश्वर सिंह अपने पुराने घर में वापस आ रहे हैं। वह दो बार इसके प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं। मगर कुछ सवाल ऐसे बनते हैं, जिनका सवाल दिए बिना ही वह यह कदम उठा रहे हैं।
(1) महेश्वर सिंह ने यह कहते हुए बीजेपी से किनारा किया था कि उसका करप्शन पर कोई स्टैंड नहीं है और कुछ नेता करप्शन में शामिल हैं। अब जब वह फिर से बीजेपी में आ रहे हैं तो क्या उनकी इन शंकाओं का समाधान हो चुका है?
(2) 2012 में महेश्वर सिंह व अन्य बागियों ने बीजेपी आलाकमान के सामने मांग रखी थी कि मौजूदा नेतृत्व को हटाया जाए। जाहिर है उस समय प्रेम कुमार धूमल की सरकार थी और उनके निशाने पर वही थे। अब अगर अगला चुनाव पार्टी फिर धूमल के नेतृत्व में लड़ती है तो महेश्वर का स्टैंड क्या रहेगा? क्या अब उन्हें धूमल मंजूर हैं या किसी शर्त पर उनकी वापसी हो रही है?
(3) प्रदेश में बेनामी जमीनी सौदों के मामलों पर भी महेश्वर बात करते रहे हैं। यह भी कहा उन्होंने कई बार कि धारा 118 का उल्लंघन करने में बीजेपी और कांग्रेस दोनों दोषी हैं। अब जब वह पार्टी में वापसी कर रहे हैं तो क्या फिर से वह पार्टी के अंदर इन सवालों को उठाएंगे?
महेश्वर सिंह रविवार को प्रेम कुमार धूमल की मौजूदगी में कुल्लू के ढालपुर मैदान में बीजेपी में वापसी करेंगे। मगर इन सवालों का जवाब जब तक वह साफ नहीं देते, आशंकाएं बनी रहेंगी।