MBBS करने के बाद IPS ऑफिसर बनी डॉक्टर मोनिका से खौफ खाते हैं अपराधी

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, नाहन।। इनसे मिलिए, यह हैं डॉक्टर मोनिका। 2014 बैच की आईपीएस ऑफिसर मोनिका को 2 साल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सिरमौर में बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक पहली पोस्टिंग मिली है। 27 साल की मोनिका ने न सिर्फ 5 साल में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की बल्कि आईपीएस बनकर पूरी लाहौल घाटी का नाम रोशन किया। इसलिए भी, क्योंकि इस जनजातीय जिले से कोई भी महिला आईपीएस ऑफिसर नहीं बनी थी।

खास बात यह है कि मोनिका के माता-पिता की कोई प्रशासनिक पृष्ठभूमि नहीं थी। पिता जरनल इंश्योरंस से जुड़े रहेऔर माता गृहिणी हैं। एक छोटा भाई भी है जो अपनी बहन की कामयाबी पर बेहद खुश है। मोनिका का पूरा परिवार कुल्लू में सैटल्ड है।

एमबीबीएस की इंटर्नशिप के दौरान डॉक्टर मोनिका का मूड बदला और उन्होंने आईपीएस ऑफिसर बनने की ठान ली। इरादे बुलंद थे, लिहाजा सफलता ने भी कदम चूमने में वक्त नहीं लगाया। ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले कुछ हफ्तों से नशाखोरी और शराब के अवैध ट्रेड पर ऐक्शन की वजह से मोनिका चर्चा में हैं।

युवा आईपीएस अधिकारी का कहना है कि समाज की सुरक्षा दो तरीकों से होती है- सरहद की सुरक्षा सेना करती है तो सिविलियन्स की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर होती है। उनका कहना है कि लक्ष्य है कि जहां भी तैनात रहूं, वहां की जनता खुद को सुरक्षित समझें। साथ ही कहा कि नशाखोरी व महिलाओं की सुरक्षा भी कुछ अन्य प्राथमिकताएं तय की हुई हैं।

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डॉक्टर मोनिका ने ट्रेनिंग के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कांगड़ा के नूरपुर में बतौर एसएचओ कार्य करने का अनुभव काफी ठीक रहा, क्योंकि सीमांत क्षेत्र होने के कारण पुलिस की जिम्मेदारी काफी ज्यादा रहती थी। उन्होंने कहा कि सिरमौर में बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक बनकर अपनी जिम्मेदारी को निभाने का प्रयास कर रही हैं।

एक सवाल के जवाब में आईपीएस मोनिका का कहना है कि उन्हें सिरमौर की एसपी से काफी कुछ सीखने को मिल रहा है। यह उनका सौभाग्य है कि पहली पोस्टिंग सिरमौर में मिली है, जहां सौम्या मैम जैसी पुलिस अधिकारी एसपी के तौर पर तैनात हैं। गौरतलब है कि सौम्या सांबशिवन सिरमौर की एसपी हैं और तुरंत कार्रवाई करने के लिए पहचानी जाती हैं।

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