एमबीएम न्यूज नेटवर्क, नाहन।। हिमाचल प्रदेश के तैनात दो युवा अधिकारियों ने ऐसा काम किया है जो पूरे देश के लिए मिसाल है। IAS यूनुस खान और IPS अंजुम आरा ने पंजाब के तरनतारन के शहीद परमजीत की 12 साल की बेटी को गोद लेने का फैसला किया है। आईएएस अधिकारी यूनुस खान इन दिनों कुल्लू के डीसी हैं और उनकी पत्नी अंजुम सोलन की एसपी हैं। दोनों अधिकारियों को उनके शानदार काम के लिए पहचाना जाता है और दोनों ही बहुत लोकप्रिय हैं यह युवा दंपत्ति अपने इस फैसले को गोपनीय रखना चाह रहा था मगर कहीं से मीडिया को इसकी जानकारी मिल गई। बताया जा रहा है कि 12 साल की बेटी को गोद लेने के फैसले पर जब डीसी यूनुस ने शहीद की विधवा से बात की तो परिवार इस नेक फैसले से इनकार नहीं कर पाया। बच्ची अपनी मां के पास ही रहेगी मगर उसकी पढ़ाई-लिखाई और अन्य खर्चों को यूनुस और अंजुम ही वहन करेंगे।
सोलन की एसपी अंजुम आरा देश की दूसरी मुस्लिम महिला आईपीएस अधिकारी है। उनके पति कुल्लू के डीसी युनुस खान अपने भावनात्मक व्यक्तित्व के लिए पहचाने जाते हैं। वह कुछ साल तब चर्चा में रहे थे जब उन्होंने खनन माफिया की कमर तोड़ दी थी। प्रोबेशन पीरियड पर वह एसडीएम के पद पर नालागढ़ में तैनात थे। खनन माफिया ने ट्रैक्टर चढ़ाकर उन्हें कुचलने की कोशिश की थी।
वह 2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उनकी पत्नी 2011 बैच की आईपीएस है। आईएएस व आईपीएस दंपत्ति का करीब 4 साल का बेटा है। उनका कहना है कि भाई को बहन मिली है। कोशिश रहेगी कि दोनों के बीच भाई-बहन की तरह गहरा रिश्ता बने।
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कुल्लु के उपायुक्त युनस खान ने कहा कि यह फैसला मानवता के नाते लिया गया है। उन्होंने कहा कि शहीद की विधवा के अलावा भाई से बात हो चुकी है। उनका यह भी कहना है कि बच्ची अगर आईएएस व आईपीएस भी बनना चाहें तो बेटी को हर मदद मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही शहीद के घर भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरहदों की रक्षा करने वाले सैनिकों के परिवारों को अगर देशवासी सुरक्षा मुहैया करवाएं तो सैनिकों का मनोबल भी बढ़ेगा।
सोलन की एसपी अंजुम आरा ने कहा कि सैनिकों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार से व्यथित हो गए थे। उन्होंने कहा कि जब उनके पति ने शहीद की बेटी को गोद लेने की बात सामने रखी तो वह भी भावुक हो गई थीं।