वनरक्षक होशियार सिंह की मौत के मामले में आया नया मोड़, खुदकुशी की आशंका: मीडिया रिपोर्ट

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। संदिग्ध हालात में मृत पाए गए फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह की मौत के मामले में नया मोड़ आता दिख रहा है। कहा जा रहा है जांस में आत्महत्या का मामला सामने आ रहा है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को मृतक का जो बैग बरामद हुआ है, उससे एक सुसाइड नोट मिला है। इस नोट में चार लोगों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगा है और दादी से माफी भी मांगी है कि मैं खुदकुशी कर रहा हूं।  एमबीएम न्यूज नेटवर्क  ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मौत को गले लगाने से पहले वनरक्षक ने अपनी दादी को ठीक से रहने की बात भी फोन पर कही थी।

गौरतलब है कि पुलिस ने पहली नजर में हत्या का मामला दर्ज किया था लेकिन जांच के दौरान यह सवाल उठा कि हत्या के बाद लाश को 15 फीट ऊंचे पेड़ पर चढ़ाना आसान नहीं है। कहा जा रहा है कि मौके से जहर की शीशी पुलिस ने बरामद की है और उल्टी के सैंपल लिए हैं। बैग से सुसाइड नोट मिलने से पुलिस को लगता है कि मामला आत्महत्या का है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि आत्महत्या के उकसाने के लिए पुलिस ने कुछ लोगों से पूछताछ भी शुरू कर दी है औऱ करीब डेढ़ दर्जन लोगों के बयान कलमबद्ध कर लिए गए हैं।

सवाल यह उठता है कि कोई खुदकुशी के लिए जंगल में जाकर जहर भी पिएगा, अपनी कलाइयां भी काटेगा और पेड़ पर क्यों चढेगा?

एमबीएम न्यूज नेटवर्क के मुताबिक पोस्टमॉर्टम के बाद चिकित्सकों ने होशियार सिंह के शरीर में किसी भी तरह की चोट न होने की बात कही है। काफी हद तक चिकित्सक भी इस नतीजे पर पहुंच चुके हैं कि मामला सुसाइड का है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अगर मामला आत्महत्या के उकसाने का निकलता है तो उस सूरत में गिरफ्तारियां हो सकती हैं। एएसपी कुलभूषण वर्मा का कहना है कि हरेक पहलू को खंगाला जा रहा है। उन्होंने माना कि कुछ ग्रामीणों के अलावा वन विभाग के एक अधिकारी से भी इस मामले में पूछताछ कर रही है।

बताया जा रहा है कि वनरक्षक कुछ समय से डिप्रेशन में था। तीन महीने पहले ही डयूटी जॉइन की थी। यह पक्का है कि इस इलाके में बड़े स्तर पर अवैध कटान चल रहा था। इसे काबू करने के लिए होशियार ने काफी कोशिश की थी। माना जा रहा है कि अवैध कटान को काबू न कर पाने के कारण डिप्रेशन में आया होगा, क्योंकि इससे विभाग उस पर कार्रवाई कर सकता था। असल मामला जांच के बाद ही सामने आएगा मगर आत्महत्या के लिए उकसाना भई संगीन अपराध है और धारा  306 के तहत जमानत की गुंजाइश भी नहीं होती। अगर ऐसा पाया जाता है तो गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

फिर भी कुछ सवालों के जवाब मुश्किल
अगर पुलिस के मन में यह सवाल उठ रहा था कि कोई लाश को इतनी ऊंचाई पर ले गया तो पुलिस के मन में यह सवाल क्यों नहीं उठा कि कोई आत्महत्या करने के लिए  ऐसा क्यों करेगा कि कहीं जंगल में जाएगा, सुसाइड नोट बैग में डालेगा और उसे फेंक देगा, अपनी कलाइयां भी काटेगा, जहर भी पिएगा और फिर पेड़ पर चढ़ जाएगा। आशंका यह उठने लगी है कि कहीं शातिर हत्यारों ने जांच को गुमराह करने के लिए ऐसा तो नहीं किया है कि बहुत सारे फैक्टर जोड़ दिए जाएं और पुलिस कुछ समझ ही न पाएं। बहरहाल, कुछ वक्त का इंतजार करना होगा।

 

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