सेब का रेट कम पड़ा तो अड़ गईं दो बहनें, बोलीं- हमें बच्चे भी पालने हैं, सही रेट दो

शिमला।। सेब बेचने के लिए मंडी गई दो बहनों के सेब का रेट जब कम पड़ा तो दोनों अच्छे दाम के लिए अड़ गईं। मामला शिमला जिले की मतियाना फल मंडी का है। ननखड़ी के खुन्नी पनोली से पिंका नेगी और उनकी बहन कल्पना सेब बेचने आई थीं। जब उनके सेब का रेट 1450 रुपये लगाया गया, तो दोनों ने खरीदार दो टूक शब्दों में कह दिया कि हमें बच्चे भी पालने हैं, सही रेट दो। सेब की क्वालिटी देखो, कोई रस्टिंग नहीं हैं।

इस पर खरीदार ने कहा कि माल दागी है। माल में
छीटा यानी ओले के निशान हैं। तो महिला ने कहा कि थोड़ा तो होगा ही, बड़े पेड़ में जाली के बाहर लग जाता है। वेट और कलर में कोई कमी है तो बोलो। इसपर खरीदार ने कहा कि मैडम सेब नहीं बिकता, वक्त बिकता है। आजकल यही मार्केट है।

जवाब में महिला बोली, हमें पता है, ये सेब जब स्टोर से निकलेगा तो 250 रुपये बिकेगा। इंटरनेट का जमाना है हम सब देखते हैं। महिला के न मानने पर खरीदार 1475 रुपये देने को राजी हो जाता है। लेकिन दोनों बहनें 155 रुपये पर अड़ी रही। जिसके बाद खरीदार भी 1500 रुपये देने को राजी हो गया। पेटी का वजन करीब 28 किलो था।

दोनों बहनों का कहना है कि बागवान को मंडियों में फसल के सही रेट नहीं मिल रहे हैं। सरकार भी कुछ नहीं के रही। सही रेट के लिए बागवान को गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। सरकार ने कार्टन के रेट बढ़ा दिए हैं। दवाइयों पर सब्सिडी खत्म कर दी है। मन करता है बगीचे काटकर कोई और खेती करें।

वहीं, खरीदार ने बताया कि माल की सही क्वालिटी नहीं आ रही है। पिछले साल भी रेट गिरे थे। लाखों का नुकसान हुआ था। पिछले साल 2500 में भी माल खरीदा था। महंगे डीजल और मनमानी कमीशन से बचाने के लिए सरकार को सोचना चाहिए।

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