‘सजल नेत्रों से हमने एक दूसरे को देखा, बहुत कह नहीं सके मगर…’

इन हिमाचल डेस्क।। मंगलवार की सुबह दुख भरी खबर लेकर आई। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की पत्नी सन्तोष शैलजा का निधन हो गया। जिस कोरोना वायरस ने दुनिया भर में न जाने कितने लोगों की जान ले ली, संतोष शैलजा भी उसी से संक्रमित थीं।

 

कुछ दिन पहले शांता कुमार एवं उनकी पत्नी के कोरोना संक्रमित होने की खबर आई थी। टांडा मेडिकल कॉलेज में दोनों का इलाज चल रहा था। जब वे इस बीमारी से जूझ रहे थे, तब उनका अलग-अलग भवनों में इलाज चल रहा था।

तीन दिन पहले जब राज्य की भाकपा सरकार तीन साल पूरे होने पर कार्यक्रम का आयोजन कर रही थी, शांता कुमार ने उसमें सम्मिलित न हो पाने के सम्बंध में सोशल मीडिया पर कुछ बातें साझा की थीं।

इसी दौरान उन्होंने पत्नी सन्तोष का भी जिक्र किया था और लिखा था कि कैसे उनके बीच संक्षिप्त मुलाकात हुई, फिर अपने मन में घुमड़ती आशंकाओं के बीच उन्होंने भरोसा दिलाया कि ‘हम जल्द स्वस्थ होकर पालमपुर लौटेंगे।’ मगर होनी को कुछ और ही मंजूर था।

आगे पढ़ें, क्या लिखा था उन्होंने-

“मेरा पूरा परिवार कॅरोना संकट के मोड़ पर आ खड़ा हुआ है। मैं ही क्यों, आज पूरा विश्व इस अभूतपूर्व त्रासदी से जूझ रहा है। विश्व इतिहास का यह पहला संकट पता नहीं कब टलेगा।

मेरी धर्मपत्नी तीन दिन से करोना पीड़ित टांडा अस्पताल में है। आज मैं भी यही उसके पास आ गया। तीन दिन के बाद मुझे देखकर मुस्कुराई। सजल नेत्रों से हमने एक दूसरे को देखा। उसका उपचार चल रहा है। कई उपकरण उसकी सेवा में हैं।

लगभग एक घंटा उसके पास बैठा। हम दोनों एक दूसरे को देखते रहे। अधिक कह ना सके परंतु बिना कहे भी ना जाने कितना कुछ कहते और सुनते रहे। मैं अब दूसरे भवन में वहीं पर उपचाराधीन हूं।पता नहीं कितना समय यहां रहेंगे और क्या कुछ होगा।”

(शांता कुमार द्वारा 26 दिसम्बर शाम लगभग 5 बजे किये गए ट्वीट्स से)

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