एचआरटीसी बोली- अवैध निजी बसों से हो रहा नुकसान

शिमला।। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) का कहना है कि कुछ निजी बस ऑपरेटर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और अवैध रूप से बसें चला रहे हैं। जिस कारण एचआरटीसी को नुकसान हो रहा है। इस बारे एचआरटीसी ने एसपी शिमला को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की है।

इस पत्र में एचआरटीसी के एक अधिकारी ने उन निजी ऑपरेटरों के नाम बताए हैं जो ‘स्टेज कैरिज’ के रूप में काम कर रहे हैं। भले ही वे ‘कॉन्ट्रैक्ट कैरिज’ के रूप में पंजीकृत हों। अधिकारी ने आरोप लगाया है कि हरियाणा और यूपी में पंजीकृत ये बसें आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किए बगैर शिमला-दिल्ली, मनाली-दिल्ली और धर्मशाला-दिल्ली जैसे इंटरस्टेट रूटों पर ‘स्टेज कैरिज’ के रूप में चल रही हैं।

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अधिकारी ने यह भी लिखा है कि इन अवैध कार्यों के कारण, एचआरटीसी को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है। जो राज्य सरकार के राजस्व को प्रभावित कर रहा है।

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क्या होता है स्टेज कैरिज और कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट

मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, स्टेज कैरिज परमिट वाहन अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचने से पहले अपने रास्ते के विभिन्न स्टेशनों से यात्रियों को बिठा सकता है। जबकि कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट में ऐसा नहीं होता। कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट के साथ चलने वाले वाहनों को यात्रा के शुरुआती स्टेशन पर अपने सभी यात्रियों को लेने की आवश्यकता होती है। यह यात्रियों को रास्ते में नहीं बिठा सकता।

इस बारे एचआरटीसी कर्मचारियों की संयुक्त समन्वय समिति के सचिव खेमेंद्र गुप्ता का कहना है कि निजी ऑपरेटर कई वर्षों से नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ शायद ही कोई कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा कि अवैध संचालन की जाँच के लिए समितियाँ हैं, लेकिन अपराधियों के खिलाफ शायद ही कोई कार्रवाई की जाती है।

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उन्होंने कहा कि ऑपरेटरों को स्टेज कैरिज परमिट की तुलना में कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट के लिए बहुत कम टैक्स देना पड़ता है। निजी ऑपरेटरों के कई वाहनों के पास कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट है, लेकिन वे स्टेज कैरिज के रूप में काम करते हैं। ऐसा करके, वे बहुत अधिक टैक्स की चोरी कर रहे हैं, जिससे सरकार को भारी नुकसान हो रहा है।

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