शिमला।। हिमाचल प्रदेश में दुनिया के तीन बेहतरीन खेल मैदान हैं। दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित क्रिकेट स्टेडियम भी हिमाचल में ही हैं। लेकिन इन खेल मैदानों में हिमाचल के स्थानीय खिलाड़ी अभ्यास नहीं कर पाते हैं। न ही इन मैदानों पर कोई स्थानीय मैच हो पाते हैं।
इन तीन खेल मैदानों में से दो सेना के पास हैं, जबकि एक स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (साई) के पास है। इनमें से एक स्टेडियम शिमला के शिलारू में बना हॉकी का मैदान है। दूसरा भी शिमला शहर में स्थित बेहतरीन अनाडेल मैदान हैं। तीसरा सोलन के चायल में स्थित दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट ग्राउंड है।
शिमला के शिलारू में स्थित हॉकी मैदान स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अधीन है। यह समुद्र तल से आठ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां टीम इंडिया के खिलाड़ी ही अभ्यास और कैंप लगाते हैं। शिलारू हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान का निर्माण वर्ष 1986-87 में 3 करोड़ 53 लाख रुपये से किया गया। यहां 92 लाख से बहुउद्देशीय हॉल, एक करोड़ 3 लाख रुपये की लागत से छात्रवास भी बनाया गया है।
8000 हजार फीट की ऊंचाई पर यह एस्ट्रोटर्फ इसलिए बनाया गया है ताकि खिलाड़ियों का स्टेमिना बढ़े। मैदानों में 12 घंटे का प्रशिक्षण और यहां के छह घंटे एक बराबर होते हैं। साल 2015 में यहां भारतीय हॉकी टीम परीक्षण के लिए आई थी।
शिमला का अनाडेल मैदान और सोलन के चायल में स्थित क्रिकेट स्टेडियम सेना के पास हैं। इसमें सैनिक स्कूल के खिलाड़ी ही ज्यादातर खेल पाते हैं। अनाडेल मैदान को भी सेना ही इस्तेमाल करती आ रही है। इस ग्राउंड को हिमाचल को देने की मांग भी कई बार उठ चुकी है।
चायल क्रिकेट स्टेडियम 2444 मीटर की ऊंचाई पर है। यह दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित क्रिकेट स्टेडियम है। साल 1893 में पटियाला के राजा भूपिंद्र सिंह ने इस स्टेडियम का निर्माण किया था। पहले यहां राजा क्रिकेट खेला करते थे। अब यह सेना के अधीन है। यहां भी स्थानीय खिलाड़ी अभ्यास नहीं कर पाते हैं।