मिड डे मील वर्कर ने पीएम को पत्र लिखकर कहा, 87 रुपये में तो रिफाइंड भी नहीं मिलता

सिरमौर।। हिमाचल प्रदेश में इन दिनों एक मिड डे मील वर्कर द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा गया पत्र चर्चा में है। महिला ने पीएम को पत्र लिखकर अपना दुखड़ा सुनाया है। मिड डे मील वर्कर महिला का नाम उर्मिला रावत है। वह सिरमौर जिले के संगड़ाह उपमंडल के तहत आने वाले सांगना गांव की निवासी है।

महिला ने पत्र में लिखा है कि वह पिछले 16 साल से दोपहर भोजन योजना में सेवाएं दे रही है। महज 87 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से उनकी सेवा का भुगतान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री बताएं कि महंगाई के इस दौर में क्या 87 रुपये में कोई अपने पूरे परिवार का पालन पोषण कर सकता है। जबकि, इस राशि में बाजार से रिफाइंड भी नहीं मिल पाता।

महिला ने पत्र की एक कॉपी भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री को भी भेजी की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि वह राजकीय प्राथमिक स्कूल सांगना में 16 सालों से बतौर मिड-डे मील वर्कर सेवाएं दे रही हैं। उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 87 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। महिला ने बताया कि इसी स्कूल में शिक्षक का वेतन 60 से 70 हजार रुपये के बीच है। वहीं, मिड-डे मील वर्कर का मानदेय महज 2600 रुपये है। जबकि, वह भी स्कूल में सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक अपनी सेवाएं देती हैं।

उन्होंने आगे लिखा है कि बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने का जिम्मा उस पर है। बावजूद इसके कर्मचारियों के बीच आर्थिक असमानता बेहद ज्यादा है। मिड डे मील वर्करों का वेतन कम से कम 15 हजार रुपये किया जाना चाहिए। पत्र के अंत में महिला ने यह भी जिक्र किया कि इस पत्र को पढ़कर वह इस दिशा में कोई न कोई ठोस कदम जरूर उठाएंगे।

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