पंचायत सचिव भर्ती: साल गुजर गया, मगर एचपीयू नहीं करवा पाया परीक्षा

शिमला।। राज्य में पंचायत सचिव की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले 20 हज़ार शिक्षित बेरोजगार खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। आवदेन किये हुए एक साल होने वाला है, लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने यह भर्ती करवाने की जिम्मेदारी कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को न देकर हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी को दी थी। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि हमीरपुर आयोग से भर्ती करवाने में ज़्यादा समय लग जायेगा। इसके बावजूद भी अभी तक भर्ती नहीं हो पाई है।

पिछले साल सितंबर महीने में एचपीयू ने पंचायती राज विभाग में पंचायत सचिव के 239 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। क़रीब 20 हज़ार बेरोजगारों ने इन पदों के लिए आवेदन किया था। लेकिन एचपीयू अभी तक परीक्षा की तिथि भी तय नहीं कर पाया है।

पहले तो कोरोना का हवाला देकर अभी तक भर्ती परीक्षा नहीं हुई। लेकिन अब जब सभी आयोग भर्ती परीक्षाएं आयोजित कर रहे हैं, उसके बावजूद भी एचपीयू ने भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की है। अब कहा जा रहा है कि दोबारा ईसी से मंजूरी लेनी होगी और एक्सटेंशन देनी होगी, क्योंकि एक साल पूरा होने वाला है।

ऐसे में अब हज़ारों अभ्यर्थियों ने विभाग व एचपीयू की लेटलतीफी पर सवाल खड़े किए हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि अब तो हिमाचल में कोरोना की स्थिति भी सामान्य हो चुकी हैं। उपचुनावों की भी तैयारी जोरों से चली है। इसके बावजूद भी एचपीयू भर्ती परीक्षा नहीं करवा रहा है।

बता दें कि पहले इस भर्ती की फीस को लेकर भी विवाद था। हमीरपुर आयोग में लड़कियों की फीस नहीं ली जाती है। जबकि एचपीयू ने इस प्रक्रिया को नहीं अपनाया। बीच मे विभाग ने फीस न लेने के बारे में लिखित में भी दिया था। लेकिन ईसी के फैसले के नाम पर उसे अनसुना कर दिया गया।

इस बारे पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर विभाग ने एचपीयू से बात की थी। हमें बताया गया है कि जल्द भर्ती हो जाएगी। ईसी में दोबारा मैटर ले जाने की बाध्यता क्यों है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है। उन्होंने कहा कि इस बारे में वह एचपीयू से बात करेंगे क्योंकि प्रदेश में पंचायत सचिवों की सख्त जरूरत है।

वहीं एचपीयू के रजिस्ट्रार सुनील शर्मा ने बताया कि पहले कोरोना के कारण परीक्षा नहीं करवाई जा सकी। अब भर्ती का मामला दोबारा ईसी में ले जाना पड़ेगा, क्योंकि अब परीक्षा करवाने पर एक साल का समय पूरा हो जाएगा। दोबारा परीक्षा कब होगी यह ईसी में ही तय हो पाएगा। फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

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