जल जीवन मिशन: आधी रकम जलशक्ति मंत्री और सीएम के इलाक़ों में खर्च

शिमला।। हिमाचल प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत हुए खर्च में अजीब सा असंतुलन देखने को मिला है। पूरे प्रदेश में खर्च की गई रकम का 47 प्रतिशत यानी लगभग आधा हिस्सा सिर्फ दो विधानसभा क्षेत्रों में खर्च कर दिया गया। ये क्षेत्र हैं- धर्मपुर और सिराज। धर्मपुर जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह का चुनाव क्षेत्र है और सिराज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का। इसमें भी सबसे ज़्यादा रकम मंत्री के अपने इलाके में खर्च हुई है।

यह जानकारी विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान सामने आई है। ये आंकड़े जुलाई 2020 तक के हैं। जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर बीजेपी के विधायक रमेश धवाला के सवाल का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने पूछा था कि उनके इलाके में इस मिशन के तहत एक ही टेंडर क्यों लगा। मंत्री ने इस संबंध में कहा कि जुलाई 2020 के बाद धवाला के क्षेत्र में और योजनाओं के लिए भी टेंडर निकले हैं। फिर मंत्री ने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हिमाचल ने पूरे देश में जल जीवन मिशन के तहत बेहतरीन काम किया है और इसके लिए उसे केंद्र से इन्सेन्टिव भी मिला है।

विधानसभा में रखी गई जानकारी के मुताबिक, जुलाई 2020 तक इस मिशन के तहत कुल 9 अरब 36 करोड़ रुपये टेंडर प्रदेश में लगे। इनमें भी सबसे ज़्यादा रकम के टेंडर मंत्री के ही इलाके में लगे। धर्मपुर में लगे टेंडरों की वैल्यू थी- 2 अरब 63 करोड़ रुपये। इसके बाद नंबर आया सिराज का, जहां पर 1 अरब 80 करोड़ रुपये के टेंडर लगे। इन दो विधानसभा क्षेत्रों के अलावा और कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां पर लगे टेंडरों की संख्या अरब में पहुंची हो। इन दोनों के बाद नूरपुर का नंबर आता है जहां 35 करोड़ रुपये के टेंडर लगे। इससे पता चलता है कि कितनी विषमता है। जबकि पूरे प्रदेश में कई इलाक़े ऐसे हैं जहां पर पानी की समस्या है। सिर्फ धर्मपुर और सिराज में ही पानी का संकट नहीं है।

इस पूरे मामले में फंड के दुरुपयोग की भी पूरी आशंका है क्योंकि यह मिशन घर-घर नल के माध्यम से जल पहुंचाने का है। मगर मंत्री महेंद्र सिंह के क्षेत्र में जल जीवन मिशन के पैसे से एक्सईएन ने 27 लाख की इनोवा ली है जिसकी सवारी करने का आरोप मंत्री के बेटे पर लग चुका है।

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जल जीवन मिशन के तहत 2020 तक कहां कितना खर्च हुआ, नीचे देखें।

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