शिमला।। हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में मनरेगा के तहत काम करने वालों को करीब तीन महीनों से मेहनताना नहीं मिला है। ऐसी जानकारी है कि केंद्र सरकार ने करीब 200 करोड़ रुपये का बजट रोका है जिस कारण लेबर के साथ मटीरियल का भी बजट नहीं आया है। इस वजह से कुछ जगहों पर तीन महीने से भुगतान नहीं हो पाया है।
इस स्थिति के कारण आम लोग तो परेशान हो ही रहे हैं, देरी से भुगतान करने पर राज्य सरकार को ब्याज भी देना होगा। मनरेगा एक्ट में लिखा है कि अगर 15 दिनों के अंदर भुगतान नहीं किया गया तो बाद में ब्याज सहित रकम देनी होगी।
इस संबंध में हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक ऋग्वेद मिलिंद ठाकुर का कहना है कि लक्ष्य से अधिक काम होने के कारण मनरेगा के भुगतान में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले को केंद्र के सामने उठाया गया है और उम्मीद है कि जल्द ही इसका कोई हल निकल आएगा।