IGMC लंगर विवाद में सरकार ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

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एमबीएम न्यूज़, शिमला।। आईजीएमसी शिमला में चल रहे लंगर विवाद पर सरकार ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं और 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सरकार ने एडीएम (लॉ एंड आर्डर) राहुल चौहान को जांच अधिकारी नामित किया है। जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद ही सरकार इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी।

आईजीएमसी में निजी संस्था “ऑलमाइटी ब्लैसिंग” 2014 से कैंसर अस्पताल के पास तीमारदारों के लिए निःशुल्क लंगर चला रही है। आईजीएमसी प्रशासन ने संस्था को नोटिस जारी कर सामान हटाने को कहा था। प्रशासन ने लंगर वाली जगह को अपना बताया था। लेकिन जब संस्था ने सामान नहीं हटाया और लंगर जारी रखा, तो बवाल बढ़ गया।

आईजीएमसी प्रशासन ने पुलिस की मदद ली और लंगर वाले सामान को कमरे से बार कर दिया। साथ जहाँ लंगर लगता था वहां का बिजली-पानी भी बंद कर दिया। आईजीएमसी प्रशासन के अनुसार लंगर वाली जगह पर संस्था ने अवैध कब्जा कर रखा है। प्रशासन की ओर से संस्था को लंगर चलाने के लिए कोई भी जगह नहीं दी गई है।

आईजीएमसी के एमएस डॉक्टर जनक राज द्वारा जिला प्रशासन से मामले में मजिस्ट्रियल जांच की मांग की गई थी। जिसके बाद सरकार ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।

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“ऑलमाइटी ब्लैसिंग” संस्था के संस्थापक सरबजीत सिंह उर्फ बॉबी 2014 से यह लंगर चला रहे हैं। आईजीएमसी में मरीजों के साथ आने वाले सैंकड़ों तीमारदारों को यह निःशुल्क लंगर दिया जाता है। पूर्व राज्यपाल आचार्य देवव्रत, पूर्व सीएम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह समेत कई पूर्व व मौजूदा मंत्री इस संस्था के लंगर में शिरकत कर चुके हैं और समाजसेवी सरबजीत सिंह की इस पहल की भी सराहना की है।

(यह खबर एमबीएम न्यूज नेटवर्क के साथ सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)