सरकाघाट से रितेश चौहान, फॉर इन हिमाचल।। हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर के लोक निर्माण विभाग में प्रदेश सरकार और लोक निर्माण विभाग के तमाम कायदे कानून ठेंगे पर रखे जा रहे हैं। यहां पर पिछले तीन सालों से एसड़ीओ को कार्यवाहक एक्सईएन बनाकर रखा गया है।
यह न सिर्फ प्रदेश में अपनी तरह का इकलौता मामला है बल्कि नियुक्ति के नियमों के भी खिलाफ है। आरोप लग रहा है कि यह सब इसलिए किया जा रहा है कि मंत्री इस एसडीओ के माध्यम से अपने खास चहेते ठेकेदारों को टेंडर देते रहें।
इस समय लोक निर्माण विभाग में कार्यवाहक XEN जयपाल नायक के खिलाफ कांग्रेस और अन्य दलों ने बाकायदा मोर्चा खोल रखा है l सत्ता पक्ष के साथ खड़े न रहने वाले ठेकेदारों को टेंडर ना दिए जाने का मामला पुलिस से लेकर कोर्ट तक में दायर है। कार्यवाहक एक्सईएन के ख़िलाफ़ कई शिकायतों के बावजूद प्रदेश सरकार धर्मपुर को लेकर पूर्णत: आंखें बंद करके बैठी है।
आरटीआई में क्या पता चला?
इस मामले में पूर्व जिला परिषद सदस्य और माकपा नेता भूपेंद्र सिंह ने आरटीआई के माध्यम से जानकारी जुटाई है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक व वर्तमान सरकार में चार विभागों के मन्त्री की मेहरबानी के कारण प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मंडप उपमण्डल के सहायक अभियंता जयपाल नायक को 18 मई 2018 को धर्मपुर मण्डल का कार्यवाहक एक्सईन लगाया था जो अभी तक भी बतौर कामचलाऊ एक्सईन काम कर रहे हैं।
लेकिन विभागीय नियमों में ये जानकारी दी गई है कि अधिशासी अभियंता भर्ती विभाग द्वारा स्थाई तौर पर की जाती है या फ़िर प्रतिनियुक्ति पर की जा सकती है। लेकिन धर्मपुर मंडल में एक्सईन न तो विभागीय नियमों के तहत न तो पदोन्नत हुए हैं और न ही प्रतिनियुक्ति पर हैं। उन्हें किस नियम के तहत तीन वर्षों से इस पद पर लगाया गया है इसकी कोई जानकारी नहीं है।
पूर्व ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा 3 अगस्त 2012 को लोकनिर्माण विभाग में एक्सईन अपॉइंटमेंट के जो दिशा निर्देश जारी किए हैं उनके तहत विभाग में सत्तर प्रतिशत भर्ती पांच साल अनुभव वाले डिग्री होल्डर्स अभियंताओं में से होती है और तीस प्रतिशत पदों की भर्ती डिप्लोमा कोर्स वालों में से की जाती है। लेकिन धर्मपुर मण्डल में कार्यरत एक्सईन जो अपने तीन वर्षों में कई तरह के विवादों में रहे हैं और उन्हें यहां से ट्रांसफर करने की भी मांग भी होती रही है और कई बार उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी हुए हैं क्योंकि वे पूरी तरह से राजनीतिक दबाव व इशारे पर काम कर रहे हैं।
आरोप है कि इस मंडल में जो भी विभागीय टेंडर जारी होते है वे कभी भी सार्वजनिक तौर पर न होकर चुनिंदा ठेकेदारों को ही दिए जाते हैं। कई बार तो टेंडर प्रक्रिया काम पूरा होने के बाद पूरी की जाती है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि एक ही काम के छोटे छोटे टेंडर जारी किए जाते हैं ताकि उनको एक्सईन की शक्तियों के तहत अपने चेहतों को दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार धर्मपुर लोकनिर्माण मंडल कार्यालय पूरी तरह करप्शन का अड्डा बन गया है और इसी कारण राजनीतिक इशारे पर काम करने वाले इन एक्सईन को गैर कानूनी तौर पर यहाँ लगाया गया है।
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भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इस नियुक्ति के बारे प्रदेश के तथाकथित साफ़ छवि वाले मुख्यमन्त्री भी आंखे बंद किये हुए हैं। उन्होंने मांग की है नियमों के विपरीत हुई एक्सईन की इस नियुक्ति को को रद्द किया जाये और यहां हो रहे भ्र्ष्टाचार तथा भेदभावपूर्ण कार्यप्रणाली की जांच करवाई जाए।
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