क्या सरवीण से मंत्री पद छीन लेंगे मनकोटिया के आरोप?

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नई दिल्ली।। पिछले दिनों मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने हिमाचल सरकार में मंत्री सरवीण चौधरी पर गलत ढंग से सम्पत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि बड़े पैमाने पर मंत्री के करीबी परिजन जमीनें खरीद रहे हैं।

इन आरोपों को सरवीण ने गलत बताया था। इसके बाद अमर उजाला ने खबर दी थी कि एक मंत्री पर लगे आरोपों के बाद विजिलेंस ने जाँच शुरू कर दी है। अब तेजी से बदले घटनाक्रम के तहत सरवीण ने मनकोटिया को एक करोड़ का मानहानि का नोटिस भेजा है। अब वह दो दिनों से दिल्ली में हैं। इस दौरान उन्होंने जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर से मुलाकात की कोशिश की।

दरअसल मामला पीएमओ तक पहुंच गया है और कहा जा रहा है मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। दैनिक जागरण का कहना है कि ऐसी जानकारी है कि दिल्ली में डटी सरवीण चौधरी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात करके सफाई दी है। इसके बाद सरवीण चौधरी ने केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने के लिए समय मांगा है।

मनकोटिया के आरोपों पर मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया था कि ‘परिवार ने कानून की प्रक्रिया के तहत ही सारी 515 कनाल कुल जमीन खरीदी है। इसमें सीलिंग एक्ट की कोई उल्ल्घंन नहीं हुआ है नहीं तो भू-राजस्व विभाग इसका पंजीकरण नहीं करता।’ मंत्री ने कहा था, “इसमें से 275 कनाल मेरे बेटे के नाम है जबकि 240 कनाल मेरे पति के नाम है।”

उधर न्यूज 18 हिमाचल का कहना है कि विजिलेंस ने शुरुआती जांच पूरी करके सीएम को रिपोर्ट सौंप दी है। अब यह कयास लग रहे हैं कि विवाद से बचने के लिए मंत्री का इस्तीफा लिया जा सकता है और सँगठन में कोई पद सौंपा जा सकता है। दरअसल पहले से ही नॉन परफोर्मिंग मिनिस्टर बताते हुए सरवीण को मन्त्रिमण्डल फेरबदल के दौरान हटाया जा सकता था मगर इकलौती सीनियर विधायक और ओबीसी नेता होने के कारण उनका सिर्फ विभाग बदला गया था। अब मनकोटिया के आरोप उनपर भारी पड़ सकते हैं।