पालमपुर।। भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने बतौर पूर्व सीएम मिलने वाली सुविधाओं को छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अब, जबकि वह सक्रिय राजनीति में नहीं हैं तो ये सुविधाएं बोझ हैं।
शांता कुमार ने कहा है कि उन्हें बतौर पूर्व मुख्यमंत्री, सरकार ने बहुत सी सुविधाएं दी हैं, इनसे जनहित के सार्वजनिक कार्य करने में बड़ी सुविधा होती रही है। उन सब सुविधाओं के लिये सरकार और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का बहुत धन्यवाद करते हुए इन्हें लौटाने के लिए पत्र लिख दिया है।
कांगड़ा के पूर्व सांसद ने कहा कि अब वह सांसद नहीं हैं और सक्रिय राजनीति से भी मुक्त हो गए हैं। आयु का भी तकाजा है, इसलिए वह अब प्रवास लगभग नहीं करेंगे। ऐसी परिस्थिति में एस्कार्ट सुविधा की उन्हें कोई ज़रूरत नहीं है।
उन्होंने लिखा है कि एक सरकारी गाड़ी तथा चार कर्मचारी बिना काम के यहां होते हैं। लाखों रुपये का यह खर्च उन्हें चुभता रहता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि अब उन्हें यह सुविधा बिलकुल नहीं चाहिए। इसलिये इस सुविधा को जल्द से जल्द वापस करवाने के निये मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि यह सुविधा एक जुलाई, 2020 से ही वापस ले ली जाए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पिछला कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश की थी, जिसके लिए उनकी भारी आलोचना हुई थी।
पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाएं क्यों बढ़ाना चाहते हैं वीरभद्र?