कुल्लू।। बादल फटने से कुल्लू में आई बाढ़ ने कई लोगों को अपना शिकार बनाया था। वहीं कुछ लोग इस भयानक मंज़र से जिंदा बच निकले थे। जिनमें दिल्ली के रहने वाले अर्जुन भी शामिल हैं। अर्जुन ने इस तबाही को बिल्कुल करीब से देखा था। लेकिन इस हादसे में उनकी बिजनेस पार्टनर और दोस्त गाजियाबाद की विनीता चौधरी अभी भी लापता हैं।
28 जुलाई की सुबह ब्रह्मगंगा नाले में आए अचानक सैलाब से विनीता ने अर्जुन को तो बाहर निकाल लिया था, लेकिन वह खुद बह गईं। पत्थरों से टकराकर अर्जुन घायल हुए थे। इलाज के बाद अब ठीक हैं। लेकिन तबाही का वो भयानक मंज़र अभी भी उनकी आंखों के सामने है।
इस घटना के बारे में अर्जुन कहते हैं कि 28 जुलाई की सुबह साढ़े पांच बज रहे थे। उनकी दोस्त और रिसॉर्ट मैनेजर मॉर्निंग वॉक कर रही थीं। वह जल्दी उठ गई थीं, शायद ब्रह्मगंगा नाले में आई बाढ़ के पानी की तेज आवाज उसे सुनाई दे गई थी।
उस वक्त कैंपिंग साइट में करीब 30 से ज्यादा लोग सो रहे थे। विनीता ने सभी कमरों के दरवाजे नॉक किए और अंदर सो रहे पर्यटकों को जगाकर जल्द से जल्द रिसॉर्ट छोड़कर भागने के लिए कहा। ज्यादातर पर्यटक वहां से निकल चुके थे। इसी दौरान पानी रिसॉर्ट के ऊपर आ गया। टेंट, गाड़ी, रिसॉर्ट जो कुछ भी पानी के रास्ते में आया वो तिनके की तिनके बहने लगे।
अर्जुन ने आगे बताया कि वह अपनी बिजनेस पार्टनर विनीता चौधरी का हाथ पकड़कर भाग रहे थे। लेकिन पानी में उनका पैर फिसला और वे जमीन पर गिर गए। दोनों का हाथ छूट गया और पानी के तेज बहाव में बह गए। उनके हाथ में एक पाइप आ गया। उन्होंने उसे पकड़े रखा। कुछ देर में स्थानीय लोगों ने उन्हें खींच लिया। लेकिन विनीता कहां-किधर बह गईं, कुछ पता नहीं चला।
उन्होंने कहा कि पैर फिसलने से उनके सिर में चोट लगी। उन्हें सिर्फ इतना याद है कि जब स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाया, उसके बाद करीब पांच घंटे तक बेहोश रहे। जब आंख खुली तो खुद को पीजीआई चंडीगढ़ में पाया।
कुल्लू की पार्वती वैली में ‘कसौल हाइट्स’ नाम से अर्जुन का रिसॉर्ट है। जिसमें विनीता बतौर मैनेजर काम कर रही थीं। अर्जुन उनके बिजनेस पार्टनर हैं। विनीता चौधरी उप्र के गाजियाबाद जिले में लोनी थाना क्षेत्र स्थित निस्तौली गांव की रहने वाली हैं। परिजनों का कहना है कि उन्हें अभी भी विनीता के लौटने की उम्मीद है।