शिमला । रिश्वत और चिट्टा केस में आरोपी नादौन थाना के पूर्व एसएचओ नीरज राणा को अंतरिम अग्रिम जमानत मिल गई है। अब विजिलेंस 31 दिसंबर तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकेगी। हिमाचल हाईकोर्ट ने नीरज राणा को 31 दिसंबर तक अंतरिम अग्रिम जमानत देने के साथ ही केस का रिकॉर्ड तलब किया है। आरोपी पूर्व एसएचओ को विजिलेंस जांच में सहयोग करना होगा।
प्रार्थी नीरज राणा की ओर से हिमाचल हाईकोर्ट में अधिवक्ता के जरिए अंतरिम अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी। इसमें दलील दी गई है कि नीरज राणा पर लगाए गए आरोप गलत हैं। प्रार्थी नीरज राणा की ओर से दायर तीन जमानत याचिकाओं पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायाधीश सीबी बारोवालिया ने अंतरिम अग्रिम जमानत दी।
क्या है पूरा मामला
आरोप है कि 21 दिसंबर को नीरज राणा मवेशियों को पठानकोट ले जाने वाली गाड़ी का परमिट देने के एवज में 25 हजार रुपये रिश्वत लेने पहुंचा था। इस दौरान विजिलेंस टीम ने जब उसे गिरफ्तार करना चाहा तो नीरज राणा ने अपनी गाड़ी से टीम के लोगों को कुचलने का प्रयास किया और मौके से फरार हो गया।
इसके बाद पुलिस को आरोपी नीरज राणा की गाड़ी से चिट्टा भी बरामद किया गया। आरोपी नीरज राणा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के हरोली का रहने वाला है। जानकारी के अनुसार नीरज राणा 2010 में बतौर सब इंस्पेक्टर भर्ती हुआ था। उसका प्रोबेशन ट्रेनिंग पीरियड भी हमीरपुर और नादौन थाने में ही था। बाद में वह विजिलेंस विभाग शिमला में भी तैनात रहा। इसके बाद नीरण राणा को कांगड़ा जिले के जवाली थाना में बतौर प्रभारी तैनाती दी गई और 2020 में उसे नादौन थाने का एसएचओ तैनात किया गया।
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