वॉल्वो बसों के जरिए हिमाचल में नशे की खेप पहुंचा रहे हैं तस्कर

इन हिमाचल डेस्क।।  हिमाचल प्रदेश में नशे का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। पंजाब से लगते जिले इससे ज्यादा प्रभावित नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों कांगड़ा जिले की पुलिस खूब सक्रिय है और इस काले धंधे से जुड़े बहुत से लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। फिर भी असल सप्लायर और बड़े पैमाने पर यह काम करने वाले अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर हैं।

हिमाचल में नशा लाने के लिए जो तरीका अपनाया जा रहा है, वह हैरान करता है। हिमाचल की शांत प्रदेश की जो छवि बनी हुई है, वही इसके लिए खतरनाक साबित हो रही है। यहां पर दिल्ली और अन्य जगहों से नशे की खेप आराम से लाई जा रही है और किसी को पता तक नहीं चल रहा। पिछले दिनों पुलिस के हत्थे चढ़े नशे के सौदागरों ने पूछताछ के दौरान बताया है कि वे वॉल्वो बसों में सफर करते थे और क्योंकि इन बसों में चेकिंग कम होती है।

Nasha
साभार: Divya Himachal

थाना इंदौरा में पकड़े गए युवकों से रिमांड के दौरान कई अहम खुलासे हुए हैं। नूरपुर के डीएसपी मोहिंदर सिंह मन्हास ने बताया था कि कुछ दिन पहले अरेस्ट नशे के मुख्य सप्लाय सोनीपत (हरियाणा) के ररहने वाले ऋषि ने इलाके के कुछ युवकों के नाम बताए थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। रिमांड में सभी ने जुर्म कबूल कर लिया था।

इस बारे में दिव्य हिमाचल की खबर कहती है कि इंदौरा में जो दिल्ली का गिरोह नशा सप्लाई करता था, वह हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में भी नशा सप्लाई कर रहा है। हिमाचल समेत देश के सभी राज्यों की वॉल्वों बसों की चेकिंग कम होती है, इसीलिए वे इनकी मदद से कहीं भी नशा पहुंचा देते हैं। हिमाचल में तो कुछ प्राइवेट वॉल्वो भी बिना परमिट चल रही हैं और पूरी संभावना है कि उनका इस्तेमाल भी इस काम में होता हो।

हिमाचल प्रदेश पुलिस को चाहिए कि पड़ोसी राज्य से जोड़ने वाली सड़कों पर नाके लगाए जाएं और सरकारी व निजी वाहनों की रैंडम चेकिंग की जाए। इससे नशे के सप्लायर्स हतोत्साहित होंगे। साथ ही ऐसे मामलों में पकड़े जाने वालों के प्रति जरा भी नरमी न बरती जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की कोशिश की जाए।

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