स्वास्थ्य विभाग की कथित लापरवाही से बीमार हुआ सवा साल का नन्हा बच्चा

धर्मशाला।। जिला मुख्यालय धर्मशाला के साथ लगते क्षेत्र का सवा साल का बच्चा टीकाकरण के बाद गंभीर बीमारी का शिकार हो गया है, जिसकी शिकायत बच्चे के परिजनों ने स्वास्थ्य सचिव प्रदेश सरकार और सीएमओ जिला कांगड़ा से की है।

झिकली बड़ोल निवासी मेघा महाजन ने बताया कि वह अपने बेटे विधान को टीकाकरण के लिए 20 सितंबर को चरान खडड स्थित आंगनबाड़ी केंद्र लेकर गई थी, जहां विधान को मिजल व डीपीटी नामक टीका लगाया गया। डाक्टरों के अनुसार डीपीटी के टीके से सामान्य तौर पर बुखार आना स्वाभाविक है, लेकिन उसी दिन उनके बेटे को लगभग रात्रि 11 बजे तेज बुखार आया, जिसके चलते बच्चे के परिजनों ने उसे क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला के आपातकालीन विभाग में दिखाया।

डाक्टर के अनुसार मासूम का बुखार 100 डिग्री सेल्सियस होने के कारण दौरा पड़ा था व मौजूद डाक्टर ने बच्चे को अस्पताल में दाखिल करने से मना कर दिया तथा रात्रि करीब दो बजे भेज दिया व रात्रि 3 बजे पुन: दौरा पड़ने की स्थिति में बच्चे को दाखिल कर लिया गया। प्राथमिक जांच के दौरान डाक्टरों ने बताया कि बच्चे को बुखार कम करने के लिए दी गई दवाई की मात्रा 5 मिली दी जानी थी, लेकिन 2 मिली की मात्रा दी गई है जिसके चलते बुखार बच्चे के सिर में चढ़ गया है तथा अब मासूम फैवराइल सीजर नामक बीमारी से ग्रसित हो गया है।

 

उन्होंने कहा कि डाक्टरों के द्वारा किये गए गलत टीकाकरण के कारण अब तक उनका बच्चा अस्पताल में उपचाराधीन है तथा डाक्टरों का कहना है कि बच्चे की कम से कम 5 साल तक परिजनों द्वारा निगरानी में देखभाल करना आवश्यक है। उनका कहना है कि इस मामले में लेकर लापरवाह डाक्टरों के खिलाफ सरकार व विभाग द्वारा कोई नियम कानून नही बनाया गया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग शिमला से आग्रह किया है कि संबंधित विषय को लेकर कानून बनाया जाए तथा लापरवाही करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की जाए।

सीएमओ कांगड़ा डॉक्टर गुरदर्शन गुप्ता का कहना है कि शिकायतकर्ता की ओर से गलत टीकाकरण और अस्पताल में सही जांच न होने की शिकायत की गई है। जिस पर एमएस और प्रोग्राम ऑफिसर को इन्क्वायरी मार्क कर दी गई है। अभी बच्चा अस्पताल में दाखिल है और ठीक है। तीन दिन में जैसे ही जांच रिपोर्ट आने पर कोई कमी पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी।

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