आज है सोलन का जन्मदिन, जानें इस ख़ूबसूरत जगह को

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इन हिमाचल डेस्क।। इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो वर्तमान सोलन तहसील (इतिहास में बघाट) हिमाचल की पहली रियासत थी, जिसने स्वेच्छा से भारतीय गणतंत्र में विलय को स्वीकार किया था।

 

“बघाट” नाम दो शब्दों के मिलन से बना है बहु और घाट ”बहु” का मतलब बहुत सारे और घाट मतलब ”दर्रा।” यानी ऐसा स्थान जहां से पानी या हवा का मूवमेंट ज्यादा हो। इसलिए सोलन में आज भी बहुत सारे स्थानों के साथ घाट शब्द लगा है।

 

रियासत की नींव राजा बिजली देव ने रखी थी। बारह घाटों से मिलकर बनने वाली बघाट रियासत का क्षेत्रफल 36 वर्ग मील में फैला हुआ था। इस रियासत की प्रारंभ में राजधानी जौणाजी, परवाणू के पास कोटी में हुआ करती थी।

 

कहते हैं किसी पंडित के श्राप से अभिशप्त यह राजधानी तबाह हो गयी  मजबूर होकर बघाट रियासत की राजधानी को वहां से हटाना पड़ा था। कोटी के बाद बेजा, बोचह, जौणाजी जैसे महत्वपूर्ण स्थलों पर बघाट की राजधानियों को बसाने का प्रयास किया गया, किन्तु सारे प्रयास असफल रहे।

 

अंत में बघाट की राजधानी माता शूलिनी के मंदिर के पास बसाई गयी, जिस कारण इसका नाम सोलन पड़ा। सोलन में आज का पुराना कचहरी भवन  बघाट रियासत का भवन था।

 

1  सितंबर 1972, यानि आज के दिन हिमाचल प्रदेश के ज़िले के रूप में सोलन जिला को शामिल किया गया था। बघात रियासत के हिस्सों के साथ साथ बाघल और हॉण्डुर के हिस्से भी सोलन में मिलाये गए। समुद्र  सतह से लगभग  समुद्र सतह से 1467 मीटर की ऊँचाई पर स्थित सोलन  शहर जिला का मुख्यालय बना।

 

हिमाचल के  शिमला सिरमौर बिलासपुर ज़िलो और हरियाणा पंजाब राज्यों के साथ सोलन की सीमायें लगती हैं। वर्तमान में अर्की, बद्दी, डरलाघाट, कंडाघाट, कसौली, किशनगढ़, नालागढ़, रामशहर, सोलन इस ज़िले की तहसील हैं तथा अरकी, नालागढ़, दून, सोलन, कसौली विधानसभा क्षेत्र हैं।

 

सोलन जिला 1936 वर्ग किलोमीटर में फैला है और जनगणना  2011 के अनुसार सोलन ज़िले की जनसंख्या 580320 है जबकि घनत्व 298 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।  सोलन जिला की  साक्षसरता दर  85.02 और लिंग अनुपात  880 है।

 

सोलन जिला के मुख्य धार्मिक  पर्यटन स्थल जतोली मंदिर, मोहन नेशनल हेरिटेज पार्क, काली टिब्बा  मंदिर, हनुमान मंदिर हैं। वहीं अरकी किला, नालागढ़ रामशहर  किला,  सुबाथू आदि भी सोलन ज़िले के पार्ट हैं।
वहीँ कसौली डगशाई चायल जैसे रमणीय स्थान भी सोलन ज़िले की खूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं।

 

चंडीगढ़  शिमला हाईवे के एकदम बीच में होने के कारण सोलन हिमाचल प्रदेश की व्यापारीक राजधानी के रूप में भी उभरा। कृषि और बागवानी के क्षेत्र में भी सोलन ने अभूतपूर्व प्रगति की , देश में मशरूम सिटी के नाम से जाना जाने लगा।  टमाटर भी इस जिले की मुख्य फसल है।

 

हिमाचल प्रदेश का अधिकाँश औद्योगिक क्षेत्र भी सोलन ज़िले में ही आता है जिसे बी बी एन के नाम से बद्दी बरोटीवाला और नालागढ़ कहा जाता है। सीमा से सटे परवाणु शहर में भी  इंडस्ट्रीज़ हैं।