अल्का जी, जब आंकड़े बड़े हों तो समझिए काम भी बड़ा हो रहा है

ठाकुर वी प्रताप ।। जब आंकड़ों में नशे का सामान ज्यादा बरामद होने लगे तो उसका यह मतलब नहीं है कि सरकार चरस, गांजा और ड्रग्स बिकवा रही है। ना ही इसका मतलब ये है कि पुलिस उन नशा तस्करों की सरपरस्ती कर रही है । इसका सीधा और साफ़-साफ़ मतलब है कि सरकार नशे के खिलाफ़ जीरो टालरेन्स की नीति पर चल रही है और पुलिस नशा तस्करों पर कहर बनकर टूट रही है। यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश में नशे के कारोबारी जेल के अंदर पहुंच रहे हैं।

जयराम सरकार द्वारा स्पेशल टास्क फ़ोर्स बनाई गई। थी। ये स्पेशल टास्क फोर्स नशे के खिलाफ़ डेडीकेट होकर काम कर रही है और पैडलर पकड़े जा रहे हैं। अब जिन्हें अपराधी पकडे़ जाने से दर्द होने लगे तो हमें उसकी मंशा समझ में आ जानी चाहिए कि आखिर नशे के खिलाफ जयराम ठाकुर द्वारा किए गए प्रयासों और पुलिस द्वारा की जा रही सख्त कार्रवाई से उनके खेमे में हलचल क्यों हैं। आखिर वह चाहते क्या हैं।

कल मैं अल्का लांबा को सुन रहा था। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश में रोजगार भेजने के बजाय नशा भेज रहे हैं, चरस और चिट्टा भेज रहे हैं। ये बयान अपने आप में बेहद शर्मनाक है। देश की सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी में इतने ऊंचे पद पर पहुंच कर हिमाचल का देश भर में मान बढ़ाने वाले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी उन्होंने मिलाजुला कर ड्रग पैडलर ही कहा।

साथ ही साथ जयराम सरकार को नशा रोकने में नाकाम बता दिया। यह राजनितिक रूप से भी शर्म की बात है। राजनीति में आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन आरोप लगाते समय स्तर और मर्यादा का ध्यान रखा जाता है। उससे ज्यादा इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि इससे वहां की जनता पर इसका क्या फर्क पड़ेगा।

किसकी क्या उपलब्धि है? किस नेता ने क्या किया? मुझे इस बारे में बात नहीं करनी क्योंकि मैं किसी का वकील नहीं हूं । हालांकि एक आम हिमाचली शहरी होने के नाते यह जानता हूं कि नशे के फैलते मकड़जाल को तोड़ने के लिए जयराम ठाकुर ने सीएम की कुर्सी संभालते ही सभी पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने की पहल की।

चार राज्यों को साथ लेकर केंद्र की एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर नशे के खिलाफ अहम अभियान छेड़ा। जिसकी गवाही जेलें, अखबारें और पुलिस के आंकड़े साफ तौर पर दे रहे हैं। इसके अलावा उनके द्वारा शुरू की गई सैकड़ों जन हितैषी योजनाएं और हज़ारों करोड़ के विकास कार्य से जुड़ी परियोजनाएं हैं, जिससे हिमाचल के लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

अनुराग ठाकुर ने नशा नहीं भेजा लेकिन देश भर में प्रदेश का नाम रौशन जरूर किया है। धर्मशाला में बना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम आज पूरी पूरी दुनिया में हिमाचल का नाम रौशन कर रहा है। अभी तो उन्हें मंत्री पद मिला है, जिसमें हिमाचल के लिए भी असीम संभावनाएं हैं।

रहा सवाल जेपी नड्डा का तो उन्होंने क्या काम किया है इस बात का जवाब बिलासपुर में बन रहा देश का उत्कृष्ट चिकित्सा संस्थान एम्स खुद देगा। जो बहुत जल्दी अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रदेश की सेवा करेगा। मैं दावा नहीं करता कि सभी नेताओं ने ऐसा कुछ कर दिया गया है जो आगे नहीं हो सकता है, लेकिन अतीत में नहीं हुआ है।

मुझे पता है जो हो रहा है इससे बेहतर भी हो सकता है, बहुत बेहतर। लेकिन वह तब हो सकता है जब विपक्ष भी जिम्मेदार बने, वह बेशक सरकार की तारीफ़ न करे, लेकिन कैसे कुछ बेहतर हो सकता है उसका सुझाव दे सके। अगर वह भी न दे सके तो ठीक है, लेकिन केंद्रीय मंत्री के पदों पर आसीन बेदाग छवि के नेताओं को कम से कम ड्रग पैडलर ना कहे । मौसम की तरह पार्टियां बदलने वाले अल्का ज़ी के लिए बशीर बद्र का यह शे’र’ और बात ख़त्म

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाये तो शर्मिन्दा न हो

यह लेखक के निजी विचार हैं

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